शिक्षा बोर्ड में मूल्यांकन में पारदर्षिता लाने के निर्देष

r k meenaअजमेर। राजस्थान माध्यमिक षिक्षा बोर्ड के प्रषासक और सम्भागीय आयुक्त श्री आर.के.मीणा ने बोर्ड अधिकारियों को मूल्यांकन में पारदर्षिता लाने के निर्देष दिए है। इसके लिए प्राथमिक स्तर पर सीनियर सैकण्डरी विज्ञान वर्ग में केन्द्रीय मूल्यांकन की सम्भावनाऐं तलाषने के लिए एक पाँच सदस्यीय समिति का गठन किया गया है, जो आगामी दस दिनों में अपनी अनुषंषाओं से अवगत करायगी। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक परीक्षाओं के मूल्यांकन के प्रति परीक्षार्थियों में असंतोष बना रहना आम बात हो गया है, इसे दूर करने के लिए मूल्यांकन प्रणाली में पारदर्षिता और परीक्षकों को उŸारदायी बनाना होगा।
श्री मीणा सम्भागीय आयुक्त कार्यालय में माध्यमिक षिक्षा बोर्ड के अधिकारियों के साथ बोर्ड की कार्य प्रणाली में तकनीक के प्रयोग और आगामी शैक्षणिक सत्र की कार्य योजना पर चर्चा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रषासनिक अधिकारी लीक से हट कर नई कार्य शैली के साथ विद्यार्थी को केन्द्र बिन्दु मानकर कार्य योजनाओं का खाका बनाकर उसे अमली जामा पहनाऐ। उन्होंने अधिकारियों को निर्देष दिए कि बोर्ड द्वारा आयोजित परीक्षाओें एवं उन से संबंधित बोर्ड की समस्त गतिविधियों, नियमों एवं समस्याओं के संबंध में विद्यालयों, विद्यार्थियों, अभिभावकों और षिक्षकों एवं अन्य संस्थाओं की समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए अत्याधुनिक तकनीक से युक्त एक केन्द्रीय हैल्पलाईन सैल स्थापित किया जाए। बोर्ड की परीक्षाओं में प्रतिवर्ष लगभग 20 लाख परीक्षार्थी प्रविष्ट होते है, लगभग 28,000 विद्यालय एवं लगभग 30,000 परीक्षक बोर्ड से संबंधित है, जिनकी सुविधा हेतु यह हैल्पलाईन सैल कार्य करेगा। उन्होंने गोपनीय शाखा, लेखा शाखा और संस्थापन शाखा के कार्यो के कम्प्यूटरीकरण के लिए निचले स्तर पर कर्मचारियांे के लिए तत्काल 20 कम्प्यूटर खरीदने के निर्देष दिए।
उन्होंने बोर्ड अधिकारियों को निर्देष दिए कि इस वर्ष से जिन परीक्षार्थियों के प्राप्तांकों में संवीक्षा के दौरान कोई परिवर्तन होता है तो उसे परिवर्तन की सूचना के साथ तत्काल प्रोविजनल मार्कषीट निषुल्क उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जाए। उन्होंने कहा कि आगामी माह से पूर्व सूचना के आधार पर बोर्ड के अधिकारी संभाग स्तर पर विद्यार्थियों और परीक्षकों से संबंधित समस्याओं के समाधान के लिए समस्या निवारण कैम्प का आयोजन करें।
प्रषासक श्री मीणा ने बोर्ड सचिव को निर्देषित किया कि बोर्ड के कर्मचारियों को कार्यालय पद्धति, नियमों और टिप्पणी लेखन के लिए विभागवार प्रषिक्षण दिया जाए। यह प्रषिक्षण हरीष चन्द्र माथुर प्रषिक्षण संस्थान के मानकों के अनुरूप हो। इस प्रषिक्षण कार्य में निदेषक रिसोर्स-पर्सन के रूप में प्रषिक्षण देंगे और बोर्ड अन्य विभागों के अधिकारियों की भी विषेषज्ञ के रूप मंे सेवाऐं लेगा। उन्होंने नैतिक षिक्षा और मादक पदार्थों के उपयोग से होने वाले विपरीत प्रभावों को पाठ्यक्रम में सम्मिलित करने के लिए शैक्षिक विभाग को कार्य योजना तैयार करने के लिए निर्देषित किया।
मुख्य परीक्षा नियंत्रक आर. बी. गुप्ता ने संवीक्षा हेतु आवेदन करने वाले परीक्षार्थियों की सुविधा के लिए उनकी आवेदन-पत्र की स्थिति जानने के लिए ऑन-लाईन ट्रेकिंग व्यवस्था सिस्टम लागू करने का सुझाव दिया। विŸाीय सलाहकार अमृत दवे ने कहा कि बोर्ड द्वारा वर्ष 2013 की परीक्षा से जुड़े सभी भुगतानों की सूचना ऑन-लाईन उपलब्ध करा दी गई है। अब कोई भी परीक्षक अपना परीक्षक क्रमांक डालकर अपने भुगतान की जानकारी प्राप्त कर सकता है। श्री मीणा ने निर्देष दिए कि परीक्षा परिणामों की घोषणा के बाद परीक्षकों और विद्यालयों को परीक्षा से जुड़े मानदयों को तत्काल भुगतान किया जाऐ, जिससे बोर्ड के प्रति परीक्षकों के विष्वास में वृद्धि होगी। अब तक के भुगतान की स्थिति पर संतोष व्यक्त किया।
निदेषक गोपनीय जी.के. माथुर ने माध्यमिक षिक्षा बोर्ड के स्तर पर पहली बार आयोजित की जा रही आठवीं बोर्ड परीक्षा के आयोजन के संबंध में व्यवस्थाओं के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के स्तर पर बोर्ड को जो जिम्मेदारियाँ सौपी गई हैं, वह तय अवधि में पूरी कर ली जायेगी। बैठक में बोर्ड के सचिव अजय कुमार शुक्ला, उप सचिव कमल गर्ग, उप निदेषक परीक्षा षिव शंकर अग्रवाल और उपनिदेषक जनसम्पर्क राजेन्द्र गुप्ता भी उपस्थित थे।
-राजेन्द्र गुप्ता, उप निदेशक (जनसम्पर्क)

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