गांव तो घणो ही है, पर गेलो कोनी

अरांई से पांच कि लोमीटर दूरी पर है शंकरपुरा गांव
arainअरांई। तहसील मुख्यालय अरांई से महज चार किलोमीटर दूरी पर स्थित कालानाडा ग्राम पंचायत के राजस्व गांव शंकरपुरा में आने जाने का रास्ता नहीं होनें से ग्रामीणों को काफी परेशानिया उठानी पडती है। यहॉ तक की खेतों में फसलों की बुआई होनें की स्थिति में शंकरपुरा के वाशिन्दो को अपने गावं से अन्यत्र स्थान पर आने जाने के लिए काश्तगारों से मिन्नते कर जाना पडता है। क्षेत्रीय विधायक भागीरथ चौधरी को शंकरपुरा निवासी कैलाश नाथ, रंगलाल भाटी, छोटूनाथ, नंन्दकिशोर नाथ, विश्राम ने भेजे ज्ञापन में बताया कि कई दफा ग्राम पंचायत स्तर से राज्य स्तर पर उक्त मामले को लेकर दस्तक दी गई किन्तु समस्या का हल नहीं निकल पाया। कागजी प्रक्रियाओं में अधिकारियों कर्मचारियों को रास्ता निकालने के आदेश तो दिये गये लेकिन आदेशों का पालन कागजों में ही सिमट कर रह गया। मामले को लेकर ग्रामीणों में आज भी रोष व्याप्त है।

दस साल हो गए राजस्व गांव हुए– ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार शंकरपुरा गांव को राज्य सरकार ने करीब दस वर्ष पूर्व राजस्व गांव घोषित कर दिया। राजस्व गावं घोषित होने के बाद ग्रामीणों में खुशी की लहर दौड गई। परन्तु आज दिन तक शंकरपुरा को राजस्व गावं होने की सुविधाएं मुहिया नहीं हुई। मालूम हो कि शंकरपुरा गांव में १०३ जाबॅ कार्ड है जहॉ करीब ४७५ की संख्या श्रीनाथ सम्प्रदाय के महिलायें, पुरूष व बच्चे निवास कर रहे है। अपने ही गंाव में सडक, पेयजल, व स्वास्थ्य की सुविधायें लेना ग्रामीणों के लिए मुसीबत साबित हो रहा है। राजनेतिक उपेक्षा का शिकार इस गावं में आने-जाने के लिए कोई सरकारी मार्ग नहीं है। गावं वाले अरांई-सिरोंज प्रमुख सडक मार्ग से एक किलोमीटर अन्दर गांव में जाने के लिए सडक किनारे बने खेतों के कास्तकारों से मिन्नते कर एक पगण्डी से गावं पंहुचते है।

बारिश के दिनों में आती है परेशानी :- ग्रामीणों को बारिस के दिनों में गावं से आना जाना दुभर हो जाता है। कई बार गम्भीर बिमारी से ग्रस्त मरीजों को बारिश के मोसम से पूर्व ही गावं से बाहर निकाल दिया जाता है। गर्भवती महिलाओं को उनके पीहर भेज दिया जाता है। जिससे ग्रामीणों को सामाजिक स्तर पर मानसिक ठेस पंहुचती है।

नरेगा का समय बदलने की मांग
अरांई। समीपवर्ती ग्राम पंचायत कालानाडा के नरेगा श्रमिकों ने दिनोंदिन बढ रही गर्मी को लेकर मनरेगा योजना में समय परिवर्तन करने की मांग को लेकर जिला कलक्टर के नाम ज्ञापन भेजा। गर्मी से राहत पाने के लिए श्रमिकों ने नरेगा का समय सुबह ६ बजे से १० बजे करने की मांग की है। साथ ही वार्डपचं सांवरलाल जाट, बिरदीचन्द जाट, हनुमान प्रसाद बैरवा आदि ने बताया कि नरेगा कार्यस्थलों पर छाया, पानी की पूर्ण व्यवस्था नहीं होनें से श्रमिकों को परेशानिया उठानी पड रही है।
पशुओं के किया टीक ाकरण
अरांई। समीपवर्ती ग्राम भावसा में पशु चिकित्सा विभाग द्वारा ग्रामीणों की मांग पर एक दिवसीय शिविर लगाकर पशुओं का उपचार किया गया। पशु चिकित्सक डा० रामेश्वर चौधरी ने जानकारी देते हुये बताया कि शिविर में १३० जानवरों के लिए औषधिया वितरण की गई। मौके पर ही ८ पशुओं के बांझ निवारण का उपचार किया गया। साथ ही २४० पशुओं के गलघोंटू टीक ाकरण, व ६० पशुओं के फडक्या का टीक ाकरण किया गया। इस दौरान पशुधन सहायक राजेन्द्र टेलर, पशुधन परिचारक सुखराम आदि उपस्थित थे।
-मनोज सारस्वत

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