अजमेर। आरपीएससी ने बुधवार रात 231 अभ्यर्थियों की सूची जारी कर दी, हालांकि इनमें से मात्र 20 को ही नियुक्ति देने के लिए राज्य सरकार को अनुशंसा भेजी गई है। शेष 211 अभ्यर्थियों के बारे में आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में क्लिरीफिकेशन रिट दायर कर दी है।
राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा बुधवार रात को सीपीएड धारा 231 अभ्यर्थियों की सूची जारी करने और जल्द ही नियुक्ति की अनुशंसा भिजवाने के आश्वासन के बाद रात को बेरोजगार शारीरिक शिक्षक सीपीएड संगठन के पदाधिकारियों ने आमरण अनशन समाप्त कर दिया। दिन में इन आमरण अनशनकारियों को पुलिस उठा कर जेएलएन अस्पताल ले गई थी। रात में इन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी। आयोग सचिव ठकराल और उपसचिव राठौड़ रात को कलेक्ट्रेट के सामने स्थित आमरण अनशन स्थल पर पहुंचे। आमरण अनशन पर बैठे अध्यक्ष प्रकाश चंद्र मीणा और राजेंद्र सिंह को मौसमी का जूस पिला कर अनशन समाप्त कराया। ये लोग तीन दिन से आमरण अनशन पर थे। इससे पूर्व आयोग ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 231 अभ्यर्थियों की सूची वेबसाइट पर जारी की। इस सूची में स्वयं प्रकाश चंद्र मीणा का नाम भी शामिल है। आयोग के इस कदम के बाद अनशनकारियों में खुशी की लहर दौड़ गई। इस मौके पर भाजपा एसटी मोर्चा के प्रदेश मंत्री एडवोकेट प्रकाश मीणा और आम आदमी पार्टी की किरण शेखावत भी उपस्थित थे। किरण शेखावत पिछले तीन दिन से लगातार आंदोलनकारियों के साथ रह कर अधिकारियों से माथापच्ची करती रहीं। चार दौर की वार्ता के बाद आंदोलन कर रहे अभ्यर्थी अनशन समाप्त करने पर राजी हो गए। इससे पूर्व आज दोपहर में सिविल लाइंस पुलिस थाना की पुलिस अनशनकर्ताओं को अनशन से जबरन उठा जेएलएन अस्पताल ले गई। अनशनकर्ता प्रकाश चंद्र मीणा व राजेंद्र सिंह मीणा को ड्रिप चढ़ाई गई और उन्हें भर्ती करा दिया गया। रात करीब 9 बजे उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज भी कर दिया गया।
दरअसल मामला ये है कि अभ्यर्थी पीटीआई परीक्षा 2008 का परिणाम सुप्रीम कोर्ट के 13 मार्च 2014 के अनुसार जारी करवाने की मांग कर रहे हैं। इसे लेकर 28 मई से धरना व क्रमिक अनशन शुरू किया गया था। 16 जून से आमरण अनशन शुरू कर दिया गया था।
जानकारी के अनुसार आयोग की ओर से जारी 231 अभ्यर्थियों की सूची में सभी अभ्यर्थी एसटी व एससी वर्ग के हैं। इनमें 11 महिला अभ्यर्थी भी शामिल हैं। ये सभी सीपीएड डिग्री धारक हैं और पीटीआई ग्रेड थर्ड 2008 की परीक्षा में प्रविष्ट हुए थे। पीटीआई ग्रेड थर्ड परीक्षा 2008 में बैकलॉग के 405 पद थे। प्रारंभ में सरकार ने इस परीक्षा के लिए सीपीएड धारकों को ही योग्य माना था। बाद में इस परीक्षा के लिए बीपीएड धारकों को भी योग्य मान लिया गया। यह परीक्षा विवादों में आ गई और सीपीएड धारक कोर्ट में चले गए। लंबी कानूनी लड़ाई के बाद 13 मार्च 2014 को सुप्रीम कोर्ट ने सीपीएड धारकों के पक्ष में आदेश दिया। ये आदेश स्पष्ट नहीं थे। इसे देखते हुए ही आयोग ने अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में एक क्लिरीफिकेशन रिट दायर की है। इस रिट में आने वाले फैसले के बाद ही आयोग शेष 211 अभ्यर्थियों के बारे में फैसला करेगा। पूर्व में जारी परिणाम में 20 अभ्यर्थी सीपीएड धारक भी शामिल थे। इन्हीं अभ्यर्थियों की नियुक्ति अनुशंसा आयोग ने भेजी है।
आमरण अनशन पर बैठे अनशनकारी केवल इस बात पर राजी हो गए थे कि आयोग 231 लोगों की सूची जारी कर दे, ताकि पता लग सके कि कौन-कौन अभ्यर्थी इस सूची में शामिल हैं। आयोग ने केवल सूची जारी कर दी है। अब इनमें से कितने और अभ्यर्थियों को नियुक्ति मिलेगी, यह फिर कोर्ट के नए आदेश आने के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा।