-हेमन्त साहू- ब्यावर। यूथ की पसंद भी इन राखियों पर साफ झलक रही है। बेबी डॉल से लेकर एंग्री बॉय, डोरेमन छोटा भीम के प्लास्टिक मॉडल वाली राखियां मार्केट की रौनक बढ़ा रही हैं। इस बार संभवत: सुरक्षा को राखी की डिजाइन में महत्व दिया गया है। राखी के गिफ्ट पैक में इलेक्ट्रॉनिक टॉय रिवाल्वर भी शामिल है। इस रिवॉल्वर से लेसर किरणें निकलती हैं, तो टॉर्च से रोशनी भी होती है। ये रिवॉल्वर भी हेरिटेज डिजाइन से लेकर विभिन्न मॉडल में उपलब्ध है।
रक्षाबंधनको लेकर सजे राखी मार्केट में इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी छाए हुए हैं। मोदी की हाथ हिलाते हुए अभिवादन करने की मुद्रा वाली राखियां बाजार में पहुंची हैं। साथ ही इलेक्ट्रॉनिक आइटम टीवी कलाकारों के फोटो लगी राखियां भी मुंबई कलकत्ता से पाली के बाजार में पहुंची हैं। बाजार में भी रक्षाबंधन के पर्व को लेकर रौनक बढ़ गई है। इस बार विक्रेताओं ने बच्चों को लुभाने के लिए डिजाइनर और उनके पसंदीदा किरदार की राखियों की डिमांड पूरी करने का प्रयास भी किया है। इसके अलावा मार्केट में स्टोन, मोती फैंसी राखियों की मांग भी ज्यादा है।
मॉडर्न लुक में जरदोजी वर्क पारंपरिक पैटर्न वाली गोट किनारी स्टोन सजी कलकत्ती राखी भी नए डिजायन में मार्केट में उपलब्ध है। फैशनेबल डिजाइन में हाथ पान, चूड़ा पान, बाजूबंद और जरदोजी वर्क वाली इन राखियों का लुक देखते ही बनता है। पांच से डेढ़ सौ रुपए तक के दाम में उपलब्ध इन राखियों का सीजनल कारोबार भी नई उम्मीद के साथ सजा है। कुछ जानकार इसे शहरभर में करोड़ तक कारोबार आंकते हैं।
समय की नब्ज का डिजाइन पर असर
राखीकी डिजाइन मॉडर्न लुक का काम अपने शहर में अच्छा होता है। समय की नब्ज और परिवेश की पसंद का राखी के डिजाइन तैयार करने में विशेष ध्यान रखा जाता है। कुछ डिजाइन की कल्पना स्थानीय मार्केट ट्रेंड के आधार पर भी होती है।-प्रेमचंद, राखी विक्रेता
प्रतिवर्ष रक्षाबंधन पर राखी विक्रेता अच्छा कारोबार करते हैं। इस बार भी राखी का मार्केट अच्छा है। मार्केट में डिजाइनर, स्टोन फैंसी राखियों की डिमांड ज्यादा है। पाली में देश के अन्य शहरों से भी राखियां आती हैं, जबकि यहां की राखियां भी अन्य शहरों में भेजी जाती है। -रामलाल, राखीविक्रेता
निजी स्कूलों की मनमर्जी पर सरकार नकेल कसने की तैयार
ब्यावर। एनसीईआरटी पाठ्यक्रम होगा मान्य, एक ड्रेस कोड, निर्धारित फीस की देनी होगी जानकारी
ब्यावर। शिक्षा विभाग की ओर से निजी स्कूलों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि सभी कक्षाओं में राज्य सरकार द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम के आधार पर शिक्षा दी जाएगी। विभाग द्वारा इस संबंध में स्कूलों से शपथ पत्र भी लिया जाता है। स्कूलों को एक ही ड्रेस कोड लागू कर उसका भी शपथ पत्र शिक्षा विभाग को जमा देना पड़ता है। निजी स्कूलों में एनसीईआरटी पाठ्यक्रम के अलावा पाठ्य पुस्तकें लागू करने की शिकायत मिलने पर विभाग द्वारा संबंधित स्कूल के खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान है।
कोई भी निजी स्कूल प्रबंधन शिक्षा विभाग को बिना जानकारी दिए एक से अधिक प्रकार का ड्रेस कोड लागू नहीं कर सकेंगे और ही मनमर्जी से विभिन्न प्रकार शुल्क बच्चों से वसूल पाएंगे। शिक्षा विभाग की ओर से निजी स्कूलों पर नकेल कसने की मॉनिटरिंग शुरू हो गई है। अभिभावक भी नियमों के विरुद्ध संचालित हो रहे निजी स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई के लिए शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों को अवगत कराकर समस्याओं का तत्काल समाधान करवा सकेंगे। गौरतलब है कि जिले में कई ऐसे स्कूल हैं जो साप्ताहिक कार्यक्रम के आधार पर अलग-अलग ड्रेस कोड की पालना करने एनसीईआरटी के अलावा प्राइवेट फर्मों से प्रकाशित की गई पुस्तकों को खरीदने, निर्धारित शुल्क से अधिक दूसरे कई प्रकार के चार्ज देने के लिए बच्चों उनके अभिभावकों को बाध्य कर रहे हैं। जानकारी के अनुसार शिक्षा विभाग के पास भी ऐसी स्कूलों की शिकायतें मिली हैं जिनकी सघनता से जांच करवाकर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
शिक्षाविदों का मानना है कि कई निजी स्कूलों की मनमर्जी के आगे विभाग के अधिकारी कार्रवाई करने से कतराते हैं जिससे अभिभावकों परेशान हैं। ऐसे स्कूल के खिलाफ कठोर एक्शन होने से दूसरे स्कूल के प्रबंधन पर भी असर पड़ेगा उन्हें भी विभाग के नियमों की पालना करनी पड़ेगी।
जमा करवाएं प्रमाणित ऑडिट रिपोर्ट :-
शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अनुसार राजस्थान निजी विद्यालय (फीस संग्रहण का विनियमन) अधिनियम 2013 के तहत निजी स्कूलों की फीस निर्धारण होने के बाद फीस की जानकारी स्कूल के सूचना पट्ट पर देनी होगी। फीस निर्धारण होने के बाद बच्चों अभिभावकों से अधिक शुल्क नहीं लिया जाएगा। शिक्षा का अधिकार अधिनियम आदेशों की पालना नहीं करने वाली स्कूलों के खिलाफ राजस्थान निजी शिक्षण संस्थाएं फीस निर्धारण समिति के निर्देश पर कड़ी कार्रवाई होगी। निजी स्कूलों को विभाग को सीए द्वारा प्रमाणित ऑडिट रिपोर्ट भी देनी होगी।
अतिरिक्त शुल्क लेने पर होगी कार्रवाई:-
शिक्षा का अधिकार अधिनियम की पूर्ण पालना नहीं करने अभिभावकों से निर्धारित फीस के अलावा शुल्क लेने वाली निजी स्कूलों की शिकायतें मिलने पर तत्काल जांच करवाई जाएगी दोषी मिलने पर नियमानुसार कार्रवाई होगी।
-सुरेशचंद शर्मा, डीईओ, अजमेर