अजमेर – सनातन धर्म की रक्षा हेतु ऐसे महापुरूषों का जन्म होता है और उनके आर्शीवाद से ही सारे संसार का भला होता है। धर्म की राह पर चलते हुये हमें सेवा कार्य करते अपना जीवन सफल बनाना है। उक्त आर्शीवाद अखिल भारतीय सिन्धी साधु समाज के संरक्षक एवं हरिशेवाधाम, भीलवाडा के श्रीमहन्त स्वामी हंसराम उदासीन व ईश्वर मनोहर उदासीन आश्रम के महन्त स्वामी स्वरूपदास ने जगत्गुरू श्री श्रीचन्द्र जी के 520वें जन्मोत्सव के अवसर पर सिन्धुपति महाराजा द्ाहरसेन स्मारक पर कहे। इस अवसर पर जगत्गुरू श्री श्रीचन्द्र मूर्ति पर श्रृंगार, भजन, आरती व प्रसाद का वितरण किया। हिंगलाज माता पूजा अर्चना भी की गई।
अजयनगर स्थित आश्रम में सुबह से ही मातरा साहिब का 108 पाठ, श्रीचन्द्र चालीसा 108 पाठ, अभिषेक, कीर्तन, श्रीचन्द्र सिद्धांत सागर का पाठ, जीवनी एवं भोग के साथ रोट का प्रसाद वितरण किया गया। आश्रम में विशाल झांकी सजाकर आतिशबाजी की गई।
पण्डित चन्द्रस्वरूप जी शास्त्री ने पूजा अर्चना करवाई। भारतीय सिन्धु सभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नवलराय बच्चाणी, प्रदेश महामंत्री महेन्द्र कुमार तीर्थाणी, तुलसी सोनी, सिन्धु समिति अध्यक्ष भगवान साधवाणी, रमेश मेंघाणी ने सभी का स्वागत किया। कार्यक्रम में भागचन्द लक्षमणदास दौलताणी, शंकर सावलाणी, रणधीर सिंह कच्छावा, ताराचन्द राजपुरोहित, जय मंघाणी, प्रकाश मूलचंदाणी सहित कई
कार्यकर्ता उपस्थित थे।