
ब्यावर। आज विश्व आगे बढ़ता जा रहा है और अगर भारत को भी प्रगति की राह पर कदम से कदम मिलाकर चलना है तो साक्षरता दर में वृद्धि करनी ही होगी। देश के बच्चे आज भी स्कूलों की बजाय चाय की दुकान या कारखाने में काम करते देखे जाते हैं। देश में शिक्षा का कानून तो लागू कर दिया गया है। इसके सफल होने में काफी मुश्किलें आ रही हैं।
देश में कम साक्षरता दर का एक कारण शिक्षा प्राप्त लोगों का भी बेरोजगार होना है। एक गरीब आदमी जब एक साक्षर आदमी को नौकरी की तलाश में भटकते हुए देखता है तो वह सोचता है कि इससे बढिय़ा तो मैं हूं जो बिना पढ़े कम से कम काम तो कर रहा हूं और वह अपनी इसी सोच के साथ अपने बच्चों को भी शिक्षा की जगह काम करना सिखाता है। हमारे यहां की शिक्षा व्यवस्था में प्रयोगवादी सोच की कमी है। यहां थ्योरी तो बहुत ही बढिय़ा ढंग से पढ़ा दी जाती है पर उसे असल जिंदगी में कैसे अमल लाया जाए यह सिखाने में चूक हो जाती है। जो बच्चे इंजीनियरिंग या कोई कोर्स आदि कर लेते हैं वह तो सफल हो जाते हैं पर जिसने स्नातक आदि की डिग्री ली हो उसके लिए राहें कठिन होती हैं। सरकार को समझना होगा कि सिर्फ साक्षर बनाने से लोगों का पेट नहीं भरेगा बल्कि शिक्षा के साथ कुछ ऐसा भी सिखाना होगा जिससे बच्चे आगे जाकर अपना पेट पाल सके।
विश्व साक्षरता दिवस मनाया:- शहर की कई स्कुलो मे विश्व साक्षरता दिवस मनाया गया। सोमवार को पर हमारे संवाददाता हेमन्त साहु व सुमन प्रजापति ने शहर के कई क्षैत्रो मे लोगो से शिक्षा के बारे मे जानना चाहा तो वृद्ध भोलाराम, दाकुबाई, गृहणी सुशाीला ने बताया कि हम पढना चाहते है। आज के दौर मे अनपढ व्यक्ति को कोई तवज्जो नही देता है। सरकार शिक्षा का ढिंढोरा तो बहुत पीट रही है। लेकिन धरातल पर जितनी साक्षरता होनी चाहिये वो नही है। मात्र कागजी कार्यवाही पुर्ण कर शिक्षा दिखाई जा रही है।
विश्व साक्षरता दिवस मनाया निरक्षरता निवारण करने का किया आह्वान:-राजकीय सनातनधर्म उच्च माध्यमिक विद्यालय देलवाडा ब्यावर में मानवाधिकार सेवायतन समिति ब्यावर की ओर से प्रधानाचार्य शिव कुमार दुबे की अध्यक्षता में विश्व साक्षरता दिवस मनाया गया। कार्यकम में प्रधानाचार्य दुबे ने सभी विद्यार्थियों को समाज के सभी लोगों को शिक्षित करने तथा निक्षरता का निवारण करने हेतु सामूहिक रूपसे प्रयासरत रहने का आह्वान किया। प्रधानाचार्य ने कहा कि हमारे परिवार एवं समाज में जो भी निरक्षर मिले, उसे अक्षर ज्ञान प्रदान करने कोशिश की जानी चाहिए।
मानवाधिकार सेवायतन समिति सचिव हेमन्त दीक्षित के अनुसार विद्यालय में विश्व साक्षरता दिवस के मौके पर संस्थान की ओर से ” छात्रों के जीवन में शिक्षा का योगदान ÓÓ विषय पर निबन्ध प्रतियोगिता भी रखी गई। समिति सचिव ने बताया कि आज से आगामी 14 सितम्बर तक प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालय में साक्षरता जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करके सुलेख, श्रुतिलेख , भाषण, कविता संबंधी प्रतियोगिताओं के माध्यम से छात्रा-छात्राओं को साक्षरता कार्यक्रम चलाने हेतु प्रेरित किया जाएगा।
-हेमंत साहू