अजमेर / प्रधानमंत्रीनरेंद्र मोदी की अपील पर जिला रसद अधिकारी सुरेश कुमार ने गैस सब्सिडी छोड़कर नॉन सब्सिडाइज्ड सिलेंडर लेने की पहल की है। डीएसआे की इस पहल से जिलेभर के धन-संपदा संपन्न लोगों द्वारा गैस सब्सिडी छोड़ने की उम्मीद बनी है। इधर, डीएसआे से ज्यादा तनख्वाह उठाने वाले जिले के आला अधिकारी अब तक सब्सिडी वाले गैस सिलेंडर का ही इस्तेमाल कर रहे हैं।
सुरेश कुमार राज्य के पहले ऐसे डीएसआे होंगे, जिन्होंने गैस सब्सिडी छोड़कर नॉन सब्सिडाइज्ड एलपीजी सिलेंडर लेने की घोषणा की है। डीएसआे सुरेश कुमार ने बताया कि वर्तमान में सब्सिडाइज्ड गैस सिलेंडर 392 रुपए में मिल रहा है। जबकि बगैर सब्सिडी इसकी कीमत 670 रुपए है।
इन दोनों राशियों में महज 270 रुपए का अंतर है। एक माह में यदि 270 रुपए देश के विकास के लिए छोड़े जाते हैं तो यह संपन्न लोगों के लिए कोई बड़ी बात नहीं है। उन्होंने बताया कि इस पहल से जिले के प्रोफेसर, डॉक्टर, प्रशासनिक अधिकारी, कारोबारी सहित अन्य धन-संपदा संपन्न लोगों द्वारा गैस सब्सिडी छोड़ने की उम्मीद बनी है।
ऐसे छोड़ सकते हैं गैस सब्सिडी
डीएसआेसुरेश कुमार ने बताया कि यदि किसी उपभोक्ता को गैस सब्सिडी छोड़नी है तो उसके लिए फार्म नंबर-5 भरकर जमा कराना होगा। इस फार्म में उपभोक्ता को सामान्य जानकारी के साथ सिर्फ इतना ही लिखना है कि “मुझे बगैर सब्सिडी वाला सिलेंडर चाहिए।’ डीएसआे ने बताया कि तीनों गैस कंपनी एचपीसीएल, आईपीसीएल आैर एचपीसीएल के आला अधिकारी संपन्न लोगों द्वारा गैस सब्सिडी छोड़ने के लिए लगातार प्रयासरत हैं।
करोड़ों का चुकाते हैं टैक्स, लेकिन सब्सिडी नहीं छोड़ी
किशनगढ़,ब्यावर सहित जिलेभर में ऐसे कई बड़े कारोबारी हैं जो राज्य सरकार को हर माह करोड़ों रुपए का इनकम टैक्स सेल्स टैक्स चुकाते हैं, लेकिन इनमें से किसी ने भी अब तक सब्सिडी की राशि छोड़ने की पहल नहीं है। जिले में ऐसे आयकर दाता भी हैं जो सालाना 100 करोड़ से ज्यादा का टैक्स भरते हैं, लेकिन सब्सिडी वाला सिलेंडर नहीं छोड़ते।
दैनिक भास्कर से साभार
डी एस ओ सुरेश कुमार सिंधी (अजमेर )ने गैस सब्सिडी छोड़ कर एक मिसाल पेश की है. “ताज्जुब ” है इस तरह की घोषणा इससे पहले किसी विधायक या मंत्री ने क्यों नहीं की ? अब भी देर नहीं हुई है समर्थ लोगों को आगे आकर देश को योगदान देना चाहिए.——जय हिन्द