हिंदू हम सब एक हैं : विहिप के सम्मेलन में बुलंद हुआ नारा

धर्मांतरण व लव जेहाद का विरोध, धर्म व गऊ रक्षा का लिया संकल्प

हिंदू सम्मेलन को संबोधित करते विनायकराव देशपांडे।
हिंदू सम्मेलन को संबोधित करते विनायकराव देशपांडे।

 

हिंदू सम्मेलन में शामिल मातृशक्ति।
हिंदू सम्मेलन में शामिल मातृशक्ति।

-सुमित सारस्वत– विश्व हिन्दू परिषद की स्थापना को 50 वर्ष पूर्ण होने पर आयोजित स्वर्ण जयंती महोत्सव के तहत रविवार को ब्यावर में विशाल जिला हिन्दू सम्मेलन का आयोजन किया गया। विहिप के अंतर्राष्ट्रीय संगठन महामंत्री विनायकराव देशपांडे, चित्तौड़ प्रांत अध्यक्ष फतेहचंद श्यामसुखा, स्वामी अनादि सरस्वती, आस पहाड़ धूणी के महंत महावीरपुरी, निम्बार्क संप्रदाय काचरिया पीठ के जयकिशनदास, पाटन के संत रामकिशन व संतों ने गऊ माता व भारत माता का पूजन कर सम्मेलन का शुभारंभ किया। विहिप जिलाध्यक्ष नितेश गोयल ने स्वागत भाषण में ब्यावर के इतिहास व क्षेत्र में संचालित विहिप के प्रकल्पों की जानकारी दी।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता विहिप के अंतर्राष्ट्रीय संगठन महामंत्री विनायकराव देशपांडे ने कहा कि हिंदू धर्म की सभी जातियां समान है। कोई छोटी या बड़ी नहीं है। हर व्यक्ति में परमेश्वर का अंश है। अगर हमारे हिंदू राजाओं ने एकजुटता दिखाई होती तो मुस्लिम आक्रांता फूट डालकर हम पर राज करने में सफल नहीं होते। उन्होंने हिंदू को एकजुटता रखने का संदेश देते हुए ‘हिंदू हम सब एक हैं’ का नारा बुलंद किया। वे बोले कि 500 साल पहले वाला भारत आज भी है मगर देश का हर हिंदू स्वहित की सोच रखने लगा है। ईसाई और मुसलमान एक है लेकिन हिंदू जातियों में बंट गया है। हमें पहले हिंदू हित की सोच रखनी होगी। इसके बाद जाति-संप्रदाय। अगर ऐसा हुआ तो भारत विश्व में सिरमौर बन जाएगा। उन्होंने कहा कि संगठित होने के लिए समरसता जरूरी है। जाति-पंत, ऊंच-नीच, बड़े-छोटे का भेद मिटाना होगा। महिलाओं में आत्मविश्वास बढ़ाना होगा। कन्या भ्रूण हत्या रोकने का संदेश देते हुए कहा कि बेटा-बेटी एक समान की सोच रखनी होगी। उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप, वीर शिवाजी, सम्राट पृथ्वीराज चौहान हमारे आदर्श हैं। हम इनके आदर्शों को अपनाएं। स्वाभिमानी, सेवाभावी व सुरक्षित हिंदू निर्माण हो। उन्होंने गऊ रक्षा का संदेश देते हुए कहा कि हिंदू गाय की पूजा तो करता है मगर रक्षा नहीं करता। यही वजह है कि देश में प्रतिदिन 16 हजार गायें कसाईयों द्वारा काट दी जाती है। धर्मांतरण विषय पर बोलते हुए देशपांडे ने कहा कि जैसे माता-पिता अपने लापता बेटे के लौटने पर उसे स्वीकार कर स्वागत करते हैं, ठीक वैसे ही विहिप भी अपनों की घर-वापसी कर रहा है। धर्मांतरण तो ईसाई और मुसलमान कर रहे हैं। विहिप का काम परार्वतन करना है और यह कार्य आगे भी जारी रहेगा। उन्होंने धर्मांतरण का विरोध करते हुए कानून बनाने पर जोर दिया। साथ ही देश में पनप रहे लव जेहाद को भी धर्मांतरण का ही रूप बताया। उन्होंने कहा कि मुस्लिम युवा प्यार का नाटक कर हिंदू लड़कियों को मुसलमान बना रहे हैं। 2015 में एक लाख लड़कियों को मुसलमान बनाना मुसलमानों का लक्ष्य है। देशपांडे ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनाव घोषणा पत्र में संकल्प किया कि वे अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनाएंगे। उद्बोधन के दौरान जनता ने भी हाथ खड़े करके मोदी पर भरोसा जताया। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम की पूजा देश के सभी धर्मों को करनी चाहिए। ईसाई और मुसलमान को भी राम मंदिर निर्माण के लिए कंधे से कंधा मिलाकर कार सेवा करनी चाहिए।
स्वामी अनादि सरस्वती ने नारी सम्मान विषय पर संबोधन देते हुए चिंता जताई कि देश में हिंदू अल्पसंख्यक की तरह रह रहे हैं। गऊ माता पर अत्याचार हो रहे हैं। हिंदू देवी-देवताओं का अपमान हो रहा है। माता-बहनों को शिकार बनाया जा रहा है। आतंकवाद विश्व की समस्या बन गया है। हिंदू बच्चों को मिशनरी स्कूलों में पढ़ाने से चरित्र हनन हो रहा है। वहां छोटी स्कर्ट पहनने पर विवश कर पाश्चात्य संस्कृति को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत देश का दुर्भाग्य है कि विदेशी लोग हमारी संस्कृति को अपना रहे हैं जबकि हमारे देश के लोग पाश्चात्य संस्कृति को अपना रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश की आत्मा बंधन में है। इसे मुक्त करने के लिए नई क्रांति लानी होगी। चाणक्य नीति अपनाकर विरोधी समाजों का खात्मा करना होगा। परिवार का कोई एक सदस्य देश के प्रति समर्पित रहे। संकल्प करें कि ‘मैं देश नहीं झुकने दूंगा’। सरस्वती ने वृद्धाश्रमों को सभ्य समाज के लिए कलंक बताया। उन्होंने संदेश दिया कि बुजुर्गों को साथ रखें। उनकी सेवा करें। माता-पिता अनुभव की खान है।
विहिप के प्रांत अध्यक्ष फतेहचंद श्यामसुखा ने विहिप की स्थापना से अब तक 50 वर्षों के सफर की सफलता बताई। उन्होंने कहा कि समाज की एकजुटता और धर्म जागृति के लिए वर्ष 1964 में कृष्ण जन्माष्टमी के दिन विहिप की स्थापना हुई थी। विहिप का संकल्प है कि अयोध्या में राम मंदिर बने। देश में हिंदू संस्कारवान व संगठित बनेगा तो भारत हिंदू राष्ट्र बन जाएगा। परावर्तन विषय पर ओजस्वी उद्बोधन देते हुए पाटन के संत रामकिशन महाराज ने कहा कि विदेशी ताकतों के चक्कर में समाज धर्म-संस्कृति को भुला बैठा है। देश में धर्मांतरण बढ़ रहा है। जहां धर्म टूटा, वहां देश बंटा है। हमें धर्म को बचाना होगा। कश्मीर में पंडि़तों पर अत्याचार हो रहे हैं। मगरे में काठात-मेहरात को प्रलोभन देकर जबरन मुसलमान बनाया जा रहा है। कुछ लोग वीर पृथ्वीराज चौहान का नाम लेने से कतराते हैं मगर मस्जिदों में जाकर मत्था टेकते हैं। पुष्कर से आए संत पाठकजी ने आदर्श हिंदू परिवार विषय पर बोलते हुए कहा कि देश से पहले घर में बदलाव जरूरी है। एकल परिवारों का विरोध करते हुए संयुक्त परिवार व्यवस्था बरकरार रखने पर जोर दिया। साथ ही श्रीराम चरित्र मानस को जीवन में आत्मसात करने और घर में तुलसी का पौधा लगाने पर जोर दिया। सभा से पूर्व बजरंग दल जिला संयोजक हेमंत कुमावत ने विनायकराव देशपांडे को शौर्य की प्रतीक तलवार भेंट की। कार्यक्रम संचालन विहिप जिला मंत्री सुरेश वैष्णव ने किया। सम्मेलन में दुर्गावाहिनी प्रांत संयोजिका अभिलाषा यादव, नगर परिषद सभापति बबीता चौहान, पार्षद पूजा कुमावत, शशि सोलंकी, अर्चना जैन, कौशल्या तुनगरिया, अंगदराम अजमेरा, सोहनलाल मेघवाल, भारत बाघमार, विनोद खाटवा, विहिप नगर अध्यक्ष डूंगरमल सांखला, सुरेंद्र कुमावत, आत्माराम खंडेलवाल, परसराम चंदवानी, माणक साहू, दुर्गावाहिनी जिला संयोजिका तारा सोनी, नारी शक्ति मंच संयोजिका सुमित्रा जैथल्या, ममता पाखरोट, साधना सारस्वत, संगीता द्विवेदी, हंसा जोशी, प्रियंका सेन, अंजू गर्ग, ममता गुप्ता, अर्चना लोहिया, राखी जांगिड़, सुनिता साहू, शेखर चौहान, धनराज कावडिय़ा, हनुमान सिंह बलाड़, हनुमान बन्ना, पवन सोनी, महेंद्र सिसोदिया, गौरव सक्सेना, कपिल थावानी, ओमप्रकाश साहू, तारांचद मेघवाल, बंटी प्रजापत, नरेंद्र कुमावत, त्रिलोक सिंह जवाजा सहित ब्यावर जिले के शहरी व ग्रामीण इलाके से आए हजारों लोगों ने भाग लिया।

सभा में गूंजा वन्दे मातरम्
सभा शुरू होने से विहिप कार्यकर्ता नरेंद्र नरेश के साथ सभी ने वन्दे मातरम् गीत गाया। गायक विष्णु चतुर्वेदी ने भजनों की प्रस्तुति दी। जितेंद्र कुमावत ने शंखनाद से सम्मेलन का आगाज किया। मंगलाचरण व भारत माता की आरती राजेश शास्त्री द्वारा की गई।

संतों का समागम
सम्मेलन में पुष्कर से वेंकटेश ब्रह्मचारी, प्रसन्न गणपति मंदिर के महंत फतेहगिरी, मनकामेश्वर महादेव मंदिर के महंत द्वारकागिरी, प्रेमप्रकाश आश्रम के संत हिमांशु, संकटमोचन हनुमान से गोपाल गुरु, भूरिया पाटन से संत प्रेमदास, कालियावास से गुमान महाराज, बर से अमरानंद महाराज, ब्यावर के नीलकंठ महाराज, भगवानदास महाराज का सानिध्य मिला।

रैली के रूप में पहुंचे कार्यकर्ता
जिला हिन्दू सम्मेलन को लेकर ब्यावर व आसपास के दर्जनभर से अधिक गांवों में उत्साह देखा गया। जोश से भरे कार्यकर्ता विशाल वाहन रैलियों और पदयात्राओं के साथ सम्मेलन में पहुंचे। वार्ड संख्या 28 से सैंकड़ों कार्यकर्ता पार्षद पूजा कुमावत के नेतृत्व में ढोल-ढमाकों के साथ भव्य जुलूस के साथ सभास्थल पर पहुंचे। बलाड़ रोड से हनुमान बन्ना, छावनी से जय हरचंदानी, अजगर बाबा थान से ताराचंद मेघवाल व ओमप्रकाश साहू के नेतृत्व में वाहन रैली आई। वहीं संकट मोचन हनुमान मंदिर फतेहपुरिया से झांकियों व जुलूस के रूप में सैंकड़ों कार्यकर्ता आए। सेदरिया गांव के कार्यकर्ता हाथों में भगवा ध्वज लेकर डीजे की धुनों पर थिरकते हुए सम्मेलन में पहुंचे। बिजयनगर के कार्यकर्ता 6 बसों में सवार होकर पहुंचे। भीम, पीसांगन, जवाजा, सरगांव, मसूदा, रामपुरा मेवातियान, खरवा, सरमालिया, मांगलियावास, गोविंदपुरा, राजियावास, शिवनाथपुरा, बडली, देलवाड़ा, सुहावा सहित कई गांवों के लोगों ने बढ़-चढ़कर सम्मेलन में भाग लिया। विहिप धर्म प्रसार व युवा शक्ति मंच के कार्यकर्ताओं ने भी जुलूस के रूप में भाग लेने पहुंचे। सम्मेलन के पश्चात् सभी को प्रसाद व भोजन वितरित किया गया। कृष्ण जल सेवा समिति व गौ भक्त मंडल के कार्यकर्ताओं ने सेवाएं दी।

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