रूलाते हैं बेटे, मुस्कान देती हैं बेटियाँ- अनिता भदेल

‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ‘‘ राष्ट्रीय कार्यशाला में महिला एवं बाल विकास मंत्राी ने दिया उद्बोधन
अनिता भदेल
अनिता भदेल

अजमेर। भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के द्वारा पानीपत (हरियाणा) में आयोजित ‘‘राष्ट्रीय कार्यशाला‘‘ में राज्य की ओर से श्रीमती अनिता भदेल, माननीय राज्यमंत्राी के नेतृत्व में 6 सदस्यीय दल ने भाग लिया । कार्यशाला में राज्य द्वारा इस क्षेत्रा में किए गये  उपायों एवं नवाचारों के सम्बन्ध में विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव, गुरजोत कौर ने पावर पाईन्ट प्रस्तुतीकरण दिया।

कार्यशाला में श्रीमती भदेल ने राज्य सरकार द्वारा महिला सशक्तिकरण एवं बालिकाओं  के गिरते लिंगानुपात, बालिका शिक्षा, पोषण, स्वास्थ्य, रोजगार, लैंगिक भेदभाव व महिला उत्पीडन निवारण में किए गये कार्र्याें का उल्लेख करते हुए कहा कि राजस्थान में आर्थिक सशक्तिकरण के लिए फ्लेगशिप ‘‘भामाशाह योजना ‘‘ प्रारंभ की गई है। जिसके तहत लगभग 52 लाख  परिवारों में महिला को मुखिया बना कर उनके नाम से बैंक खाते खोले गए हैं एवं भामाशाह कार्ड बनाए गये हैं। महिला के नाम से खाता होने पर परिवार के आर्थिक निर्णयों में उसकी भागीदारी बढेगी। श्रीमती भदेल ने प्रशिक्षित महिलाओं में से योग्य व इच्छुक महिलाओं का चयन कर ‘‘महिला उद्यमियों को कम्पनी बनाने एवं वित्तीय, प्रबन्धकीय  व अन्य संसाधन उपलब्ध कराए जाने की दिशा में प्रस्तावित पायलट योजना का भी विवरण दिया। इसी प्रकार च्ब्च्छक्ज् एक्ट प्रभावी तौर से लागू किए जाने के लिए ‘‘एक्टिव ट्रेकर डिवाईस‘‘ लगाने , मुखबिर योजना लागू करने एवं मुख्यमंत्राी जी द्वारा बेटियों जन्म पर भेजे जाने बधाई संदेश व बेटी के जन्म पर उत्सव मनाए जाने जैसे कदमों की भी जानकारी दी । बालिका शिक्षा को बढावा देने हेतु  मुफ्त साईकिल एवं स्कूटी देने, शारदे बालिका छात्रावास व आश्रम छात्रावासों के संचालन जैसे कार्यक्रमों का उल्लेख करते हुए मांग की कि प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर बालिकाओं के माध्यमिक शिक्षा स्तर तक के कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय खोले जाने चाहिए ताकि, उनकी शिक्षा, पोषण, स्वास्थ्य व व्यावहारिक प्रशिक्षण की स्थिति बेहतर बन सके। उन्होने स्वयं-सहायता समूहों के उत्पादों की किस्म सुधार, वित्त व्यवस्था व विपणन नेटवर्क उपलब्ध कराने के लिए पृथक से महिला वित्त व विकास निगम या ऐसी ही कोई संस्था  केन्द्र व राज्य स्तर पर गठित किए जाने की भी मांग की।
श्रीमती भदेल ने कार्यशाला में ‘‘महिलाओं के विरूद्ध हिंसा‘‘ विषयक सत्रा की सह-अध्यक्षता करते हुए राज्य मे महिला सुरक्षा के लिए उठाए गये कदमों जैसे अपराजिता-वन स्टाॅप क्राईसिस मैनेजमेंट केन्द्र संचालन, प्रत्येक पुलिस थाने महिला डेस्क बनाने व महिला कर्मियों की नियुक्ति करने, महिला सलाह व सुरक्षा केन्द्र संचालन, हाडी रानी बटालियन गठन, महिला संरक्षण अधिकारियों की नियुक्ति, 24 घण्टे महिला हैल्प लाईन संचालन आदि का जिक्र करते हुए बताया कि राज्य में स्कूली व काॅलेज स्तर की बालिकाओं को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण देने के साथ -साथ कानूनी प्रावधानों की जानकारी भी दी जा रही है एवं लैंगिक-भेदभाव व उत्पीडन के सम्बन्ध में छात्रों व पुरूषों को संवेदनशील बनाए जाने के लिए उन्हें भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है। कार्यशाला में बहस मे भाग लेते हुए महिला व बाल विकास मंत्राी ने बताया कि राज्य में  बेघर व बेसहारा बच्चों की देखभाल, पोषण, शिक्षा के लिए पालनहार, भरण-पोषण नियम एवं मुख्यमंत्राी हुनर योजना जैसी योजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं।
लैंगिक भेदभाव, हिंसा व उत्पीडन से व्यापक स्तर से निपटने की जरूरत बताते हुए उन्होंने सामाजिक जागरूकता लाकर इसे सामुदायिक चिन्ता का विषय बनाने, गांव के स्तर से जन जागरण प्रारंभ करने, लिंग भेद वाली सामाजिक भ्रान्तियों को जड से मिटाने एवं सामाजिक-राजनीतिक व आर्थिक निणयों में महिलाओं की भूमिका बढाने पर जोर दिया।
उद्भोदन के अन्त में श्रीमती भदेल ने बेटियों की दशा व भेदभाव पर स्वरचित कविता का पाठ किया जिसे सुनकर अधिकांश प्रतिभागी भावुक हो गये।
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