


संत ने कहा कि परमात्मा से प्रेम करें। जहां प्रेम है, वहीं सुख है। ‘बिनु सत्संग विवेक न होई…’ श्लोक से समझाया कि जीवन में विवेक होना बेहद जरूरी है। जिस तरह स्वस्थ रहने के लिए प्रतिदिन व्यायाम जरूरी है। उसी तरह परमात्मा की प्राप्ति के लिए नित्य सत्संग जरूरी है। प्रभु को पाने की चाह सभी को है मगर गलत राह में भटक रहे हैं। संत ने कहा कि रोने का सुख प्रेमी ही जानता है। सच्चा प्रेमी कभी आंसूओं का बंटवारा भी नहीं करता। लोगों को जगत दिखता है मगर परमात्मा नहीं दिखते। इंसान सांसारिक मोह-माया में फंसा है। जब संभलता है तब तक प्राण निकल जाते हैं। वेद-पुराणों के श्रवण से मनुष्य के विचार शुभ होते हैं। सकारात्मक विचारों से ही जीवन सुखमय होता है। अच्छे विचारों से विश्व अच्छा बनेगा।
कथावाचक ने कहा कि संतों के बताए मार्ग पर चलने से जीवन का कल्याण हो जाता है। भटके हुए इंसान का कल्याण करने के लिए सहयोग का हाथ बढ़ाएं। देश में ऐसे लोगों की संख्या बढ़ रही है जिनमें बुद्धि तो पर्याप्त है मगर चरित्र की कमी है। ऐसे अधम लोग संसार का नुकसान कर रहे हैं। इंसान के मन में नित्य ऐसी भावना रहे कि सद्कर्म करें। दूसरों के प्रति मैत्री भाव रखें। सकल जग का कल्याण हो। जहां मैत्री भाव है वहां करुणा स्वाभाविक है। संत ने नशा मुक्ति का संदेश भी दिया। उन्होंने कहा कि नशा नाश का कारण है। जैसे पेट्रोल के वाहन में केरोसिन नहीं डाला जा सकता वैसे ही शरीर को खराब करने के लिए शराब का सेवन न करें। मथुरा से पधारीं साध्वी कमलेश सरस्वती ने भी विचार रखे। कथा विश्राम होने पर प्रदेश के मुख्य आयकर आयुक्त पी.के. शर्मा ने संतश्री से आशीर्वाद लिया। मंच संचालन सुमित सारस्वत ने किया। कथा में संत गोपालराम रामस्नेही, मुकेश अग्रवाल, संजय अग्रवाल, पुरूषोत्तम अग्रवाल, अविनाश गर्ग, पार्षद पूजा कुमावत, शिवाली अग्रवाल, नीरज जैन, ऊषा गर्ग, प्रशंसा सोलंकी, प्रियंका जैन, ट्विंकल गर्ग, श्वेता जैन, प्रियंका सेन, संगीता द्विवेदी, अंजू गर्ग, लविना सेन, ममता पाखरोट, सूर्यकांता अग्रवाल, महेश गर्ग, मोहित कांठेड़, रमेश आचार्य, मनीष गुप्ता, गोविंद अग्रवाल, सत्यनारायण गर्ग, कैलाश मूंदड़ा, विजय दाधीच, शिवांशु अग्रवाल सहित सैंकड़ों श्रद्धालुओं ने भाग लिया।
मंगलवार को होगा महाभिषेक
कैलाश अग्रवाल ने बताया कि सोमवार को श्री शिव महापुराण कथा का विश्राम होगा। मंगलवार को कथास्थल पर शिव महाभिषेक का विशाल आयोजन होगा। ब्यावर में पहली बार सैंकड़ों श्रद्धालु 1008 नामों से शिवलिंग का अभिषेक करेंगे। यह पूजा संत रामप्रसाद महाराज के सानिध्य में प्रात: 9.15 बजे प्रारंभ होगी।