माता-पिता की सेवा बेटे का धर्म : संत रामप्रसाद

_DSC0435_DSC0430-सुमित सारस्वत- ब्यावर के राधाकुंज गार्डन में चल रही संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा में संत रामप्रसाद महाराज ने सेवा का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि माता-पिता की सेवा हर बेटे का धर्म है। इनका तिरष्कार करने पर मृत्यु पश्चात यमलोक मिलता है। संत ने कहा कि देश में गुरुकुल पद्धति समाप्त हो रही है। इससे बच्चों में संस्कारों का अभाव हो रहा है। गुरुकुल में भारतीय संस्कृति के अनुरूप शिक्षा मिलती है। संतों का सानिध्य प्राप्त होता है। बच्चे की उन्नति के लिए शिक्षा के साथ संस्कार जरूरी है।
कथावाचक ने कहा कि गोपियों ने संसार को परमात्मा से प्रेम करना सीखाया। सच्चा प्रेम परमात्मा से ही संभव है। वर्तमान में प्रेम की जगह आसक्ति आ गई है। प्रेम सदैव बढ़ता है जबकि आसक्ति निरंतर घटती है। परमात्मा से प्रेम आनंद व सुख देता है। मनुष्य से आसक्ति विरह और विलाप की वजह बनती है। संत ने दहेज को महापाप बताते हुए कुप्रथा का विरोध किया। उन्होंने कहा कि शिक्षित समाज में आज भी दहेज की परंपरा समाप्त नहीं हुई है। बहु को लक्ष्मी मानोगे तो घर में धन की कमी नहीं रहेगी। दहेज प्रताडऩा से धन समाप्त होता है। उन्होंने कहा कि गृहस्थ जीवन को सुखमय बनाने के लिए पति-पत्नी में तालमेल व प्रेम जरूरी है। जीवन में संतोष, शांति व प्रेम ही सच्चा सुख है। हरिकथा सुखी और प्रेम से रहने का संदेश देती है। प्रेम से रहने वाला घर स्वर्ग है। जीव का परमात्मा से मिलन ही विवाह है। मंगलवार को कथा में भगवान श्रीकृष्ण व रूकमणी का विवाह उत्सव धूमधाम से मनाया गया। कमलेश सोमानी ने श्रीकृष्ण व नीतू सोमानी ने रूकमणी का रूप धरकर विवाह की रस्म निभाई। मेरो यमुना किनारे गांव, सांवरिया आ जइयो.., सपने में देख्यो गोपाल म्हारी साथिन.., रूकमणी को ब्याहने चले कृष्ण.. जैसे भजनों पर भक्त झूम उठे। मंच संचालन सुमित सारस्वत ने किया।

सहयोग में बढ़ाए हाथ
सोनल माहेश्वरी, लक्ष्मीनारायण माहेश्वरी, रामस्वरूप मूंदड़ा, गोपाल चौधरी, कपिल यादव, प्रदीप माहेश्वरी, रामकिशोर झंवर, अभिषेक लढ़ा, लक्ष्मीनारायण झंवर, घीसूसिंह राठौड़, दिनेश गुप्ता, भंवरी वैष्णव, ओमप्रकाश गुप्ता व राधिका महिला मंडल ने महाराजश्री द्वारा संचालित गुरुकुल आश्रम में गौ सेवा व विद्यार्थी अध्ययन के लिए आर्थिक सहयोग दिया।

संत से लिया आशीर्वाद
एडीजे पूरणकुमार शर्मा, उपसभापति सुनील मूंदड़ा, कैलाश राठी, लक्ष्मीनारायण माहेश्वरी, रामनिवास राठी, सुरेंद्र सोमानी, कैलाश लढ़ा, आशुतोष माहेश्वरी, यश मूंदड़ा, दिनेश शर्मा, कैलाश मूंदड़ा, निर्मला राठी, विनीता मूंदड़ा, रितु माहेश्वरी, सुशीला मूंदड़ा, कांता बंसल, गीता लढ़ा, चंद्रकांता, विष्णुकांता मालानी, मंजू राठी, रामेश्वरी मूंदड़ा, कविता राठी, शांति जलवानियां, कमला सोमानी, माणकचंद जैन, राजेंद्र पोखरना, अंगदराम अजमेरा, बेणीगोपाल कांकाणी, ओमप्रकाश दगदी, कैलाश झालानी, वंदना, तारा ने कथावाचक का स्वागत कर आशीर्वाद लिया।
(सारस्वत मीडिया…सबसे पहले, सबसे तेज)

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