
अजमेर। शिक्षा राज्य मंत्री प्रोफेसर वासुदेव देवनानी ने बुधवार को विधानसभा में कहा कि इस वर्ष जून माह से पूर्व सभी विद्यालयों में पदों पर रेशनलाइजेशन किया जाएगा और आगामी सत्र से पहले विद्यालयों में विषय अध्यापकों के सभी पद भर दिए जाएंगे तथा विषय अध्यापक का एक भी पद रिक्त नहीं रहेगा।
शिक्षा राज्य मंत्री प्रश्नकाल के दौरान विधायकों की ओर से पूछे गए पूरक प्रश्नों का उत्तर दे रहे थे। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार से हमें विरासत में वरिष्ठ अध्यापकों के 47 प्रतिशत पद रिक्त मिले थे। हमारी सरकार ने इन्हें भरने की कार्यवाही की है और 21 हजार 900 अध्यापकों का पदस्थापन किया है। अब केवल 12 प्रतिशत पद ही रिक्त हैं जिन्हें भी हम आगामी दिनों में भरने जा रहे हैं।
प्रो. देवनानी ने कहा कि यह स्थिति इसलिए हुई है क्योंकि हमें शिक्षा का ढांचा चरमराया हुआ मिला है। उन्होंने कहा कि जहां आजादी के साठ वर्षों के दौरान राज्य में सिर्फ 4 हजार 400 उच्च माध्यमिक विद्यालय थे वहीं मुख्यमंत्री के प्रयासों से एक ही वर्ष में 5 हजार उच्च माध्यमिक विद्यालयों को क्रमोन्नत किया जा रहा है। यह एक ऐतिहासिक फैसला है। उन्होंने कहा कि लेक्चरर्स के पद इसलिए खाली है क्योंकि पूर्ववर्ती सरकार द्वारा इस संबंध में कोई प्रयत्न नहीं किए गए। पिछले पांच वर्षों के दौरान स्कूल खोलते गए और जहां विद्यार्थी नहीं है वहां भी अध्यापकों को नियुक्ति मिलती रही। उन्होंने बताया कि हमारी सरकार ने 15 हजार 57 विद्यालयों का एकीकरण किया जहां एक ही विद्यालय में 1 से 12 तक की कक्षाओं का संचालन हो रहा है।
शिक्षा राज्य मंत्री ने कहा कि विषय अध्यापकों के अतिरिक्त लेक्चरर्स के पदों को भरने के प्रति भी सरकार गंभीर है। उन्होंने कहा कि इसी माह 8 हजार 400 पदों की डीपीसी की कार्यवाही जारी है और 4 हजार 10 पद आरपीएससी के जरिए भरे जा रहे हैं। इस तरह लगभग 12 हजार पदों पर लेक्चरर्स को पदस्थापित कर दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त 1 के बाद 2015-16 की डीपीसी भी शुरू की जाएगी। उन्होंने बताया कि शैक्षणिक पदों पर भर्ती के पश्चात लिपिक के पद भी भरे जाएंगे।
प्रो. देवनानी ने बताया कि इस महीने के अंत तक 1700 प्रधानाचार्यों की डीपीसी कर उन्हें पदस्थापित कर दिया जाएगा। इसके अलावा जिन पांच हजार स्कूलों को क्रमोन्नत किया गया है उनके लिए भी प्रधानाचार्यों के पद स्वीकृत किए गए हैं। उन्होंने कहा कि सिर्फ क्रमोन्नत किए जाने से शिक्षा का विस्तार नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि विद्यालयों में शिक्षकों की संख्या के निर्धारण के लिए एक समिति बनाई गई है जो यह तय करेगी किस विद्यालय में विद्यार्थियों के अनुपात में कितने शिक्षकों की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि चरणबद्घ तरीके से राज्य में शिक्षा का विस्तार किया जा रहा है और हमारी कोशिश है कि अगले तीन वर्ष में राजस्थान देश में शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी दस राज्यों में शामिल हो जाएं।
इससे पहले विधायक श्रीमती शिमला बावरी के मूल प्रश्न के जवाब में शिक्षा राज्य मंत्री ने बताया कि प्रारम्भिक शिक्षा या माध्यमिक शिक्षा के अंतर्गत वर्ष 2014-15 में बजट प्रावधान उपलब्ध नहीं होने के कारण प्रदेश में कोई भी राजकीय प्राथमिक विद्यालय को उच्च प्राथमिक विद्यालय तथा उच्च प्राथमिक विद्यालयों को माध्यमिक विद्यालय में क्रमोन्नत नहीं किया गया है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2014-15 की बजट घोषणा संख्या 153 के अनुसार राज्य की कुल 9 हजार 177 ग्राम पंचायतों में से जिन ग्राम पंचायतों में राजकीय या निजी उच्च माध्यमिक विद्यालय नहीं है, उनमें निर्धारित मापदण्डों के अनुसार राजकीय माध्यमिक विद्यालयों को राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालयों में क्र्रमोन्नत करने की घोषणा की गई है। तद्नुसार वित्तीय वर्ष 2014-15 में 5 हजार राजकीय माध्यमिक विद्यालयों को राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालयों में क्र्रमोन्नत कर दिया गया है। इस प्रकार कुल 9 हजार 177 ग्राम पंचायतों में से 9 हजार 165 ग्राम पंचायतों में राजकीय या निजी उच्च माध्यमिक विद्यालय स्थापित किये जा चुके हैं। शेष 12 ग्राम पंचायतों में वर्तमान में उच्च प्राथमिक स्तर पर ही विद्यालय स्थापित के कारण इनको उच्च माध्यमिक विद्यालय में क्रमोन्नत नहीं किया जा सका है।
प्रो. देवनानी ने बताया कि माध्यमिक शिक्षा के अंतर्गत नव क्रमोन्न्त उच्च माध्यमिक विद्यालयों के लिए 5 हजार प्रधानाध्यापकों के पदों को प्रधानाचार्यों के पदों में क्रमोन्नत किये जाने की स्वीकृति जारी की जा चुकी है एवं शेष पदों के सृजन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। पद सृजन पश्चात राजस्थान लोक सेवा आयोग, अजमेर से चयनित अभ्यर्थी उपलब्ध होने पर एवं विभागीय पदोन्नति समिति से पदोन्नति होने पर इन पदों को भरा जा सकेगा।