अजमेर 6 अप्रेल। हजरत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती के वंशावुगत सज्जादानशीन मुस्लिम धर्म गुरू दीवान सैयद जैनुल आबेदीन अली खान ने मिडिया पर चल रही उव खबरों का पुरजोर शब्दों मे खंडन किया है जिसमें सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मांदी से मिले मुस्लिमों के प्रतिनिधीमंडल में अजमेर के सज्जादीनशीन को भी शामिल होना बताया गया है।
अजमेर की दरगाह के वंशानुगत सज्जादानशीन दीवान सैयद जैनुल आबेदीन अली खान के कार्यालय से सोमवार को खंडन जारी करते हुऐ इस पर कड़ी आपत्ति जताई और कहा कि जो भी व्यक्ति प्रधानमंत्री से अजमेर के सज्जदानशीन के रूप में मिला है वह अजमेर का सज्जदानशीन नहीं है। सज्जादानशीन दीवान सैयद जैनुल आबेदीन अली खान सोमवार को अजमेर में ही थे उनके नाम या पद का इस्तेमाल करके कोई व्यक्ति अगर प्रधानमंत्री से मिला है तो उसने नसिर्फ प्रधानमंत्री को धोके मे रखा है बल्कि देश की सर्वोच्च सुरक्षा एंजंन्सी में सेंध लगाकर प्रधानमंत्री की सुरक्षा कवच को भी भेद दिया है।
इस पुरे मामले पर सज्जादानशीन दीवान सैयद जैनुल आबेदीन अली खान के कार्यालय से जारी विज्ञप्ति में बताया कि दीवान साहब ने आश्चर्य व्यक्त करते हुऐ कहा है कि कोई व्यक्ति इस तरह सज्जदानशीन बनकर प्रधानमंत्री से मुलाकात करता है तो यह सुरक्षा में भारी चूक है जो जांच का विषय है।