मुद्रा थियेटर की ओर से रोड शो ‘‘बचो-बचाओ’’ प्रस्तुत किया गया

earth-day-save-the-earthअजमेर। विश्व पृथ्वी दिवस की उपलक्ष्य में मुद्रा थियेटर की ओर से आनासागर चौपाटी पर एक जागरुकता रोड शो ‘‘बचो-बचाओ’’ प्रस्तुत किया गया। पृथ्वी को समर्पित इस जन जागृति के कार्यक्रम में यह संदेश दिया गया कि हमें पृथ्वी ने इतना कुछ दिया है और हम किस तरह पृथ्वी को प्रदूषित किये जा रहे है। पर्यावरण संरक्षण, पानी बचाओ, जंगल बचाओ, पृथ्वी बचाओ, ओजोन परत में छेद होना, मौसमी परिवर्तन जैसे मुद्दो को खूबसूरती से मनोरंजक तरीके से प्रस्तुत किया गया।
ब्लोसम सैकण्ड्री स्कूल के नन्हे मुन्ने बच्चों ने फ्लेश मॉब के माध्यम से सर्दी में गर्मी और बदलते मौसम की पीड़ा को दर्शाते हुए संदेश दिया कि हम बच्चे है और क्या आने वाले समय में हम इस प्रकृति के रंगों को देख भी पायेगें या नही। अभी भी समय है हमें सम्भलने का और अभी भी नहीं सम्भले तो प्रकृति हमें किसी ना किसी रुप से इसका दण्ड समय समय पर देती रहेगी।
इसी के साथ स्वच्छता और स्वास्थ्य का संदेश भी इस प्रस्तुति में दिया गया माइम और स्टिल इमेज के संयोजन से कुछ दृश्य बनाये गये और उनके माध्यम से बताया गया कि किस तरह हम हमारे विभिन्न क्रियाकलापों से गन्दगी करते है और पूरा शहर इस गंदगी से त्रस्त होता है। और जल्द ही हम एक कचरे का पहाड़ बना देगें जो कि अरावली पर्वत श्रंखला से भी बड़ा होगा। अगर हम नहीं समझे तो यह कचरे का पहाड़ इतनी बिमारियां फैलायगा कि हमारा जीना मुहाल हो जाएगा। हमें जागरुक होना होगा साथ ही आने वाली पीढ़ी को इसके लिए जागरुक होना होगा वरना आने वाली पीढ़ि को हम विरासत में ऐसे ही पहाड़ दे कर जाएगे।
नाटक के लिए कचरा फैलाने वाली अवयवों को क्राफ्ट के माध्यम से बनाया गया और उनका आकार सामान्य से बहुत बड़ा था कि यह छोटे छोटे प्लास्टिक, थर्माकोल के दोने, गिलास, रैपर, पन्नीयां, प्लास्टिक की थैलियां कितना बड़ा खतरा है हमारे आने वाले समय में स्वछता के अभियान में सबसे बड़ी रुकावट होगें जब ये नालियां और नालों में फंस कर अपना तांडव दिखयेगें।
हमारे जीवन के तीन मुख्य घटक हवा, पानी, पेड को किस तरह हम अपनी स्वार्थ और लापरवाही से प्रदूषित किये जा रहे है और जब यह नहीं होगीं तो किस तरह हम अपना जीवन जियेगें यह प्रश्न भी नुक्कड नाटक के माध्यम से दिया गया। इस नाटक में प्रकृति और प्राकृतिक संपदा के अंधाधुन दोहन से हम हमारी कुदरती चीजों को अपनी लापरवाही से उस मुकाम तक ले आये है कि अब भी हम नही सचेत हुए तो बहुत देर हो जाएगी।
इस प्रस्तुति का निर्देशन राजेन्द सिंह ने किया है। नाटक में भामिनि निर्वाण, हिमानी समरवाल, मनोज सोनी, दीपक सोनी, अंकित रंगा, नितेश तरागी, प्रतीक देवरा, अमन वर्मा विभिन्न किरदारों का निर्वाह किया।
राजेन्द्र सिंह
निर्देशक

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