मातृभाषा का ज्ञान करवाने के साथ सनातन संस्कृति की जानकारी

Bhartiya Sindhu Sabha 10-06-2015 (3)Bhartiya Sindhu Sabha 10-06-2015 (2)अजमेर । विद्यार्थियों को मातृभाषा का ज्ञान करवाने के साथ सनातन संस्कृति की जानकारी देना सच्ची सेवा है, गीत संगीत के माध्यम से मातृभाष का ज्ञान करवाना बेमिसाल प्रयास है, सभा के कार्यों से युवा पीढी में संस्कार बढे हैं,उक्त आर्शीवचन भारतीय सिन्धु सभा, अजयनगर ईकाई की ओर से ईश्वर मनोहर उदासीन आश्रम, अजयनगर में चल रहे सिन्धी बाल संस्कार शिविर के समापन अवसर पर अखिल भारतीय सिन्धी सन्त समाज के राष्ट्रीय महामंत्री व बालकधाम, किशनगढ के स्वामी श्यामदास व आश्रम के गौतम सांई ने प्रकट किये। सभा के प्रदेश महामंत्री महेन्द्र कुमार तीर्थाणी ने कहा कि राज्य भर में सभी ईकाईयों द्वारा ऐसे शिविरों के आयोजनों में पंचायत, संस्थाओं के साथ सन्तों महात्माओं का आर्शीवाद मिल रहा है, जिससे युवा पीढी संस्कारवान हो रही है। सभ्ंााग प्रभारी नरेन्द्र बसराणी ने महापुरूषो के जीवन परिचय को पाठयक्रम में जोडने व राजस्थान सिन्धी अकादमी की ओर से सिन्धी विषय लेकर अध्ययनरत विद्यार्थियों को पूर्व की भांति सुविधा देने की बात कही।
शिविर प्रभारी भगवन पुरसवाणी ने जानकारी देते हुये बताया कि शिविर में 170 विद्यार्थियों को सिन्धी भाषा, गीत, संगीत की शिक्षा के साथ योग व प्रार्थना के साथ संस्कारों का ज्ञान प्राप्त किया जिन्हे सभा की ओर से प्रशस्ति पत्र व विभिन्न प्रतियोगिता के विजेताओं को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
संगठन मंत्री मोहन कोटवाणी ने महानगर में चल रहे बाल संस्कार शिविरों की रूपरेखा की पूर्ण जानकारी देते हुये बताया कि पांचवा शिविर आगामी 17 जून से झूलेलाल मन्दिर, नाका मदार में प्रारम्भ किया जायेगा।
कार्यक्रम की शुरूआत ईष्टदेव झूलेलाल, सिन्ध व भारत माता के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्जवलन कर किया गया। कार्यक्रम का सफल संचालन महानगर मंत्री महेश टेकचंदाणी व ईकाई अध्यक्ष रमेश लख्याणी ने स्वागत भाषण व ईकाई मंत्री रमेश वलीरामाणी ने आभार प्रकट किया।
शिविर में योगाचार्य दौलतराम थदाणी, दीदी सुनीता भागचंदाणी, श्रीमती रूकमणी वतवाणी, घनश्याम भगत, श्रीमति शांता भिरयाणी, शंकर सबनाणी, ताराचन्द मोदियाणी, वासुदेव, ऋषि, लक्षमण कोटवाणी, रेणु धनवाणी, वीना को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
विद्यार्थियों ने शिविर में तैयार किये गये गीतों व भजनों पर मनमोहक प्रस्तुति दी जिसमें सिन्धी अबाणी ब्ोली, ठार माता ठार, सिन्धी लाद्ा रख संदली ते पैर सिन्धी कविता जो खीर पिये सो वीर थिये- पैसो लदो पट मां पर जिसे सभी ने खूब सराहा।

(महेश टेकचंदाणी)
महानगर मंत्री,
मो.94136 91477

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