देश व समाज के लिये प्रेरणा स्त्रोत है महाराजा दाहरसेन – सुनील दत्त जैन

1अजमेर 14 जून। देश व समाज के लिये जिने की प्रेरणा स्त्रोत है महाराजा दाहरसेन। हमें ऐसी संगोष्ठियों से प्रेरणा लेने का संकल्प करना चाहिए। देश-राष्ट्र-धर्म का शत्रु हमारा शत्रु है। ऐसे विचार
सिन्धुपति महाराजा द्ाहरसेन स्मारक विकास एवं समारोह समिति द्वारा भारतीय इतिहास संकलन समिति अजमेर के सहयोग से विचार गोष्ठी का आयोजन अवसर पर मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के महानगर संघचालक सुनील दत्त जैन ने कहे। महाराजा द्ाहरसेन स्मारक पर आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए भारतीय इतिहास संकलन समिति के अध्यक्ष डॉ. एन.के. उपाध्याय ने कहा कि विश्व का इतिहास ही भारत का इतिहास है व भारत का इतिहास ही सिन्ध का इतिहास है।
इस गोष्ठी में डॉ. अर्जुन कृपलाणी (ब्यावर) ने ‘दाहरसेन की राष्ट्रभक्ति’ में कहा कि मुझे जब भी जन्म मिले तो अखण्ड भारत के सिन्ध में ही मिले। व्याख्याता डॉ. श्रीमती किशनी फुलवाणी ने ‘सिन्ध का सांस्कृतिक वैभव’ में सिन्धु सभ्यता व संस्कृति की व्याख्यान करते हुए जल व ज्योति की पूजा का महत्व बताया। डॉ. प्रताप पिंजाणी ने ‘सिन्धी कविता में देश प्रेम’ का भाव बताते हुए विश्व प्रसिद्ध कवि सामी, सचल, सरमस्त व किशनचन्द बेवस की कवितायें सुनाकर सिन्ध की महिमा का वर्णन किया और ‘अमर कर मिठरी अहिरी कर आसीस, शाहदत वीरन जी बेकार न वेंदी’ कहकर सभी को भाव विभोर कर दिया। डॉ. हरीश बेरी ने ‘महाराजा दाहरसेन की वर्तमान में प्रासांगिकता’ का उल्लेख करते हुए कहा कि हमें आज के आतंकवाद से लड़ना है व देशभक्ति का भाव जगाना है। जितेन्द्र जोशी ने ‘सिन्धु रक्षक महाराजा दाहरसेन’ व डॉ. बसन्त सोलंकी ने ‘सनातन संस्कृति के रक्षक सिन्धुपति महाराजा दाहरसेन’ के साथ विषय जोडते हुए कहा कि दूनियाँ में मूल संस्कृति सनातन संस्कृति है जिसकी हमें रक्षा करनी है। डॉ. विपिन सोलंकी ने ‘सिन्धु प्रदेश की भौगोलिक स्थिति’ का वर्णन करते हुए सिन्ध की सीमायें अखण्ड भारत में कन्धार तक थी और सिन्ध विश्व का व्यापार केन्द्र भी था। सुश्री विनिता ने ‘सिन्ध की विरांगनाओं का बलिदान’ का वर्णन करते हुए नारी शक्ति का उदाहरण पेश किया कि दूनियाँ में सबसे पहले जौहर महारानी लाड़ी बाई ने किया व वीरांगनायें सूर्य कुमारी व परमाल ने अपने माता पिता, देश धर्म की रक्षा के लिये अपने प्राणों की बाजी लगा दी।
कार्यक्रम की शुरूआत हिंगालाज माता की पूजा अर्चना, जगतगुरू श्रीचन्द्र भगवान के साथ महाराजा दाहरसेन के चित्र पर पुष्प अर्पित कर किया गया। स्वागत भाषण वेदप्रकाश जोशी व अन्त में महेन्द्र कुमार तीर्थाणी ने अतिथियों का आभार प्रकट करते हुए आगामी कार्यक्रमों की रूपरेखा रखी। कार्यक्रम का सफल संचालन समिति के सचिव डॉ. हरीश बेरी ने किया।
संगोष्ठी में समारोह समिति के नवीन सोगानी, पार्षद खेमचन्द नारवाणी, जितेन्द्र मारोठिया, महेश टेकचन्दाणी, तानसिंह शेखावत सहित कई कार्यकर्ता मौजूद थे।

कल 15 जून को वाहन रैली एवं
16 जून को कवि सम्मेलन के साथ मुख्य समारोह का आयोजन
15 जून 2015 सोमवार –
प्रभात फेरी प्रातः 6 बजे महावीर सर्किल से स्मारक तक
परिसर परिक्रमा, धर्म ध्वजा फहराना, माल्यापर्ण व पुष्पांजलि – स्मारक पर हिंगलाज माता पूजा की जायेगी।
सांय 5 बजे से वाहन रैली – सिन्धी युवा महासमिति के साथ सभी सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ताओं द्वारा एक वाहन रैली निकाली जायेगी। रैली मार्ग केसरगंज वैदिक यंत्रालय से डिग्गी- हेमू कालाणी चौक, प्लाजा सिनेमा, गिदवाणी मार्केट, शिवाजी पार्क, क्लाक टावर, मदार गेट, गांधी बाजार, चूढी बाजार, नया बाजार, महावीर सर्किल, रामप्रसाद घाट, लवकुश उद्यान, रीजनल चौराहा से स्मारक तक रहेगा।
16 जून 2015 मंगलवार सांय 5 बजे से –
सिन्धुपति महाराजा दाहरसेन स्मारक, हरिभाउ उपाध्याय नगर पर आयोजित देश भक्ति कार्यक्रम के साथ कवि सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। अखिल भारतीय ख्याति प्राप्त श्री हरिओम पंवार, मेरठ, श्री जगदीश सोलंकी (कोटा) अशोक चारण सहित कई कवि अपनी प्रस्तुति देंगें।

सम्पर्क सूत्र-
(मोहन तुलस्यिाणी)
कार्यक्रम समन्व्यक,
94131 35031

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