खुले में शौच की तो बच्चे बजाएंगे सीटी

जिले को खुले में शौच से मुक्त बनाने के लिए जिला कलक्टर ने की पहल
सराधना और मकरेड़ा ग्राम पंचायतों से हुई कार्यक्रम की शुरूआत

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जिला कलक्टर डाॅ. आरूषी मलिक सराधना में ग्रामीणों से चर्चा करते हुए।
जिला कलक्टर डाॅ. आरूषी मलिक सराधना में ग्रामीणों से चर्चा करते हुए।
अजमेर 29 जुलाई । जिला कलक्टर डाॅ. आरूषी मलिक की अगुवाई में जिले को खुले में शौच से मुक्त बनाने के लिए जिला प्रशासन ने कमर कस ली है। गांवों में लोगों को खुले में शौच के प्रति हतोत्साहित करने एवं घरों में ही शौचालय निर्माण के लिए प्रेरित करने हेतु कई अभिनव पहल की जा रही है। गांवों में स्कूली बच्चों एवं जागरूक नागरिकों की टोलियां गठित की जा रही है। यह टोलियां खुले में शौच करने वालों के समक्ष जाकर सीटी बजाने एवं उन्हें माला पहनाने आदि कार्य करेगी ताकि लोग हतोत्साहित होकर अपने घरों में ही शौचालय निर्माण के प्रति प्रेरित हों।
जिला कलक्टर डाॅ. आरूषी मलिक ने बुधवार को जिले के सराधना एवं मकरेड़ा गांवों से इस नई पहल की शुरूआत की। गांवों में आयोजित कार्यक्रमों को संबोधित करते हुए डाॅ. मलिक ने कहा कि खुले में शौच एक अभिशाप है। हमें अपने घर, मौहल्ले, गांव और जिले को इस अभिशाप से मुक्ति दिलाने के लिए सामूहिक रूप से प्रयास करने होंगे। हम सभी मिलकर इस पुनीत कार्य में सहयोग करें तो निश्चित रूप से शानदार परिणाम सामने आएंगे।
जिला कलक्टर ने कहा कि खुले में शौच सबसे ज्यादा महिलाओं और बालिकाओं के लिए शर्मिंदगी और परेशानी का कारण है। घर में शौचालय नहीं होने से उन्हें अंधेरे में असुरक्षित और गंदगी भरे स्थानों पर शौच के लिए जाना पड़ता है। ऐसे में जहां छेड़छाड़ और दूसरी तरह की आपराधिक गतिविधियों की आशंका बढ़ जाती है। वहीं उन्हें बीमारियां भी लग सकती है। खुले में शौच गंावों में कई तरह की बीमारियों का कारण भी बनती है।
जिला कलक्टर ने कहा कि गंावों के पुरूषों को भी अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करना होगा। उन्होंने स्कूली बच्चों और जागरूक युवाओं से आग्रह किया कि वे गांवों में खुले में शौच करने वालों को हतोत्साहित करें। इसके लिए खुले में शौच करने वालों को देखकर सीटी बजाने, उन्हें माला पहनाने सहित अन्य उपाय किए जा सकते है।
डाॅ. मलिक ने कहा कि सरकार गांवों में शौचालय बनवाने के लिए 12 हजार रूपए की आर्थिक सहायता दे रही है। ग्रामीण अपने निवास पर शौचालय का निर्माण करवाएं, उन्हें तुरन्त सहायता राशि का भुगतान कर दिया जाएगा। इसके साथ ही जिस भी ग्राम पंचायत में शत-प्रतिशत शौचालय बन जाएंगे वहां केन्द्र व राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं से लाखों रूपए के विकास कार्य भी करवाएं जाएंगे।
जिला कलक्टर ने सराधना में स्कूली बच्चों को सीटियां वितरित की। बच्चों ने उत्साह पूर्वक कहा कि हम कल से ही ऐसे लोगों को हतोत्साहित करने के लिए सुबह टोलियां बनाकर निकलेंगे। जो भी खुले में शौच करता मिला उसके समक्ष सीटी बजाएंगे एवं घर तक उसका पीछा कर सीटी बजाते चलेंगे। गांव में एक भी घर ऐसा नहीं रहेगा। जहां शौचालय ना बना हों। सरपंच मधु पड़ौदा ने भी ग्रामीणों की सहायता से खुले में शौच के अभिशाप से गांव को पूरी तरह मुक्त कराने की बात कही। इसी तरह मकरेड़ा में भी उत्साही युवाओं ने कल से ही अभियान शुरू कर ऐसे लोगों को हतोत्साहित करने का संकल्प लिया।
दोनों ही गांवों में जागरूक नागरिकों की समितियां गठित की गई है। यह समितियां लोगों को घरों में शौचालय निर्माण के प्रति जागरूक करेंगी तथा लोगों को खुले में शौच के प्रति हतोत्साहित करेंगी। इस अवसर पर अतिरिक्त जिला कलक्टर प्रथम श्री किशोर कुमार तथा उपखण्ड अधिकारी श्री हीरालाल मीणा ने भी ग्रामीणों को संबोधित कर खुले में शौच के दुष्परिणामों से अवगत कराया। इस अवसर पर कई ग्रामीण एवं अधिकारी उपस्थित थे।
जिला कलक्टर डाॅ. मलिक एवं अन्य अधिकारियों ने ग्रामीणों को साथ लेकर गांव में लोगों से बात की एवं उनकी समस्याएं भी जानी। उन्होंने ग्रामीणों से आग्रह किया कि खुले में शौच के अभिशाप को समाप्त करने के प्रयासों में सहयोग करें।

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