सिन्ध के बिना हिन्द अधूरा है- स्वामी स्वरूपदास

swami swaroopdasअजमेर- 15 अगस्त – सिन्ध के बिना हिन्द अधूरा है, सिन्ध केवल जमीन का टुकडा नहीं बल्कि हमारी सनातन संस्कृति की पहचान है, उक्त आर्षीवचन भारतीय सिन्धु सभा, अजयनगर ईकाई के सहयोग से ईष्वर मनोहर उदासीन आश्रम समिति की ओर से आयोजित सिन्ध स्मृति दिवस के उपलक्ष में आयोजित संगोष्ठी में आर्षीवचन देते हुये स्वामी स्वरूपदास जी महन्त ईष्वर मनोहर उदासीन आश्रम ने कहे। स्वामी जी ने सिन्धु सभा द्वारा किये जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुये कहा कि हमे विष्वास है कि युवा पीढी को संस्कृति को जोडने से ही हमारी पहचान है। कार्यक्रम की षुरूआत ईष्टदेव झूलेलाल, जगद्गुरू श्रीचन्द्र भगवान, भारत माता के चित्र व सिन्ध के मानचित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्जवलन कर किया गया। बाल संस्कार षिविर में तैयार हुये विद्यार्थियों ने देष भक्ति गीतों की प्रस्तुति के साथ सिन्धी गीत भी प्रस्तुत कर वातावरण में देष भक्ति की लहर पैदा की। अध्यक्षता करते हुये मोहन तुलस्यिाणी ने कहा कि सभा पंचायत व सामाजिक संगठनों से ऐसे आयोजन करती है। वक्ता के रूप मेें युवा मंत्री मनीष ग्वालाणी ने कहा कि अंग्रेजो को भारत छोडने पर मजबूर करने के लिये युवा देष प्रेमियों ने अपने प्राणों की बाजी लगाकर राष्ट्रभक्ति का संदेष दिया। युवा वीर सपूत हेमू कालाणी सहित कई वीर वीरांगनाओं ने बलिदान दिया जिसकी वजह से हम आजाद हुये परन्तु भारत फिर अखण्ड बनेगा।
महानगर मंत्री महेष टेकचंदाणी ने कहा कि प्रदेष से प्राप्त बैनर सामग्री से सिन्ध विभाजन को भी दर्षाया गया। स्वागत भाषण अध्यक्ष रमेष लखाणी ने व आभार षंकर सबनाणी ने दिया। संचालन संगठन मंत्री मोहन कोटवाणी ने प्रकट किया।
कार्यक्रम में भगवान पुरसवाणी, श्रीमति सुनीता भागचंदाणी, रमेष वलीरामाणी, भगवानदास श्रीमलाणी, सिन्धी षिक्षा समिति अध्यक्ष भगवान कलवाणी सहित कई कार्यकर्ता उपस्थिति थे।

सन्त कवंरराम स्कूल में सम्पन्न हुई संगोष्ठी
हमारी प्राचीनतम सिन्धु घाटी सभ्यता संस्कृति ही हमारी पहचान है, इतिहास की जानकारी लेकर वीर सपूतों को श्रृद्धांजलि देते हुये हम अपने कार्य को देषभक्ति का कार्य समझकर करें ऐसे विचार भारतीय सिन्धु सभा की ओर से सन्त कवंरराम विद्यालय में आयोजित सिन्ध स्मृति दिवस के अवसर पर सम्राट पृथ्वीराम चौहान राजकीय महाविद्यालय के विभागाध्यक्ष (सिन्धी) डॉ.हॉसो दादलाणी ने प्रकट किये। विद्यालय प्राचार्या श्रीमति सरस्वती मूरजवाणी ने स्वागत भाषण देते हुये विद्यालय में सदैव ऐसे आयोजनो के लिये पूर्ण सहयोग की बात कही। कार्यक्रम की षुरूआत ईष्टदेव झूलेलाल, मां सरस्वती, भारत माता के चित्र व सिन्ध के मानचित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्जवलन कर किया गया।
विद्यार्थियों ने सिन्धी अबाणी ब्ोली – मां सरस्वती वंदना, देष भक्ति गीत प्रस्तुत किये। आभार मोहन कोटवाणी ने प्रकट किया।
(महेष टेकचंदाणी)
महानगर मंत्री, 9413691477

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