भामाशाह सींडिग : अजमेर राज्य में प्रथम

aarushi a malik thumbअजमेर, 15 सितम्बर। मुख्यमंत्राी श्रीमती वसुन्धरा राजे की सबसे महत्वपूर्ण एवं महत्वाकांक्षी भामाशाह योजना में परिवार की महिला को मुखिया बनाकर बैंक में उसका खाता खुलवाने के साथ-साथ भामाशाह आई.डी. तथा आधार नम्बर के साथ सम्पूर्ण डाटा बेस तैयार करने में अजमेर राजस्थान में प्रथम स्थान पर है।
जिला कलक्टर एवं भामाशाह जिला प्रबन्धक डाॅ. आरूषी मलिक ने यह जानकारी देते हुए बताया कि भामाशाह योजना के तहत प्रत्येक लाभार्थी को कैश बेनीफिट सीधे उसके बैंक अकाउन्ट के माध्यम से मिलेगा इसके लिए जिले के सभी योग्य लाभार्थियों का डाटाबेस तैयार करने के लिए सीडिंग का कार्य चल रहा है और अजमेर जिला राज्य में सबसे अव्वल है।
जिला कलक्टर ने बताया कि सीडिंग के माध्यम से तैयार कराए जा रहे भामाशाह आकड़ों के प्रथम सत्यापन जो ग्राम सेवक व पटवारी द्वारा किया जाता है यदि प्रम सत्यापन में कोई कमी रहती है तो इसके पश्चात द्वितीय सत्यापन जो घर-घर जाकर विकास अधिकारी व उपखण्ड अधिकारी द्वारा किया गया जिसमे भी जिला राज्य में सबसे अग्रणी होकर प्रथम स्थान पर है। इस प्रकार प्रथम व द्वितीय सत्यापन के बाद भामाशाह कार्ड बनाने के लिए अब जो भी जानकारी पंचायत समिति, उपखण्ड स्तर तथा शहरी स्तर पर उपलब्ध है व पूरी तरह से सही व सार्थक है।
भामाशाह जिला प्रबन्धक के अनुसार अजमेर जिले की केकड़ी पंचायत समिति को भामाशाह योजना के तहत पायलट पंचायत समिति के रूप में चयन किया गया है। इस पंचायत समिति में े भामाशाह संबंधी सम्पूर्ण सीडिंग कर ली गई है जिसके तहत सर्वप्रथम पेंशन की राशि को सीधे भामाशाह लाभार्थी के खाते में डालने का कार्य प्रारम्भ किया गया है। इसके पश्चात राशन की सामग्री व नरेगा के तहत मिलने वाली राशि का भुगतान भी अब भामाशाह लाभार्थियों के सीधे खाते में जमा होगा और भामाशाह लाभार्थी राशि प्राप्त कर सकेंगे। घर के समीप ही कोर बैकिंग सेवा का उपयोग कर ई.मित्रा केन्द्र पर मौजूद बैंकिंग काॅरस्पोन्डेंट व बैंक के माध्यम से रू. पे. कार्ड का उपयोग कर लाभ की राशि प्राप्त कर सकेंगे।
जिला कलक्टर ने बताया कि अजमेर जिले की 9 पंचायत समिति में से केकड़ी पंचायत समिति में 24 हजार 538 व्यक्तियों को विभिन्न प्रकार की सामाजिक पेंशन, मनीआॅर्डर के माध्यम से मिल रही है। अब तक 19 हजार 589 के खाते सीडिंग के माध्यम से भामाशाह से जोडे गये है जो लगभग 80 प्रतिशत हैं । सत्यापन में अनेक पेंशनधारी व्यक्ति के अन्यत्रा चले जाने, मृत्यु हो जाने से भी शत प्रतिशत सीडिंग संभव नही है।

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