अजमेर। आदि निरंजन सेवियै, मन आवहि शान्त। आदि निरंजन सेवियै, विनसे भ्रम भ्रान्ति। श्री श्रीचन्द्र सिद्धान्त सागर के पाठ के साथ श्री ईश्वर मनोहर उदासीन आश्रम, अजयनगर में श्रीमहन्त मनोहरदास का 81वें प्राकट्य महोत्सव पर दो दिवसीय धार्मिक आयोजन किया गया जिसका समापन कल 20 अक्टूबर को किया जायेगा। नितनेम के पश्चात् पधारे हुये बालकधाम किशनगढ के स्वामी श्यामदास जी, महन्त स्वरूपदास उदासीन, स्वामी रामदास जी, स्वामी ईसरदास जी, स्वामी आत्मदास जी ने श्रीचन्द्र चालीसा का पाठ, श्रीचन्द्र मातरा साहिब का 108 पाठ भगवान श्रीचन्द्र भगवान के जीवन के उपदेश मंे महापुरूषों के जीवन से प्रेरणा लेकर सनातन धर्म की सेवा करने का संकल्प दोहराया। सुखमनी का पाठ व सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया।
सन्त गौतमदास ने बताया कि श्री ईश्वर मनोहर सेवा समिति, स्वरूप मनोहर रिलिज्यस चैरीटेबल ट्रस्ट सहित विभिन्न सामाजिक व धार्मिक संगठन के कार्यक्रर्ता लखमीचन्द किशनाणी, किशनचन्द, भगवानदास महेन्द्र कुमार तीर्थाणी, घनश्यामदास, शंकर सबनाणी, अजयनगर सिन्धी समाज के अध्यक्ष भगवान कलवाणी, पार्षद मोहनलाल लालवाणी, पूर्व पार्षद खेमचन्द नारवाणी, मोहन कल्याणी सहित कई सेवाधारी उपस्थित थे।
महोत्सव का समापन कल सुबह 9 बजे से झण्डा साहिब (धर्म ध्वजा)संतो महापुरूषों के आर्शीवचन, पल्लव व आम भण्डारा के साथ किया जायेगा।