स्टाफिंग पैटर्न सिस्टम लागू होने के सार्थक परिणाम सामने आए- देवनानी

v devnani 1जयपुर, 19 अक्टूबर। राजस्थान के प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी ने कहा है कि राज्य में स्टाफिंग पैटर्न सिस्टम लागू होने के सार्थक परिणाम सामने आए हैं और शिक्षा की गुणवत्ता में वृद्घि होने के साथ ही व्यवस्थाओं में सुधार हो रहा है। देवनानी रविवार को बूंदी के कलेक्ट्रेट सभागार में शिक्षा विभाग के अधिकारियों की समीक्षा बैठक को सम्बोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों के प्रति पहली बार अभिभावकों में भरोसा कायम हुआ हैं। इससे विद्यालयों में नामांकन बढ़ा है। राज्य सरकार का प्रयास है कि इस भरोसे को कायम रखा जावे। इसके दृष्टिगत राज्य सरकार द्वारा अहम् फैसले लेकर उनकी क्रियान्विती सुनिश्चित की जा रही है। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही शिक्षा संबंधी समस्याओं के समाधान के लिए राज्य सरकार द्वारा वेबसाइट बनवाई जा रही है। वेबसाइट पर शिक्षा संबंधी समस्याओं के अलावा अध्यापक अपनी समस्याएं रख सकेंगे। इन समस्याओं के समाधान के लिए निश्चित समयावधि भी तय की जाएगी। अध्यापकों की समस्त प्रकार की जानकारी का कम्प्यूटराइजेशन किया जा रहा है, जिससे अध्यापकों के पदस्थापन आदि की जानकारी आसानी से मिल सकेगी।

उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत प्राप्त सुझावों की प्रगति की जानकारी लेते हुए निर्देश दिए कि सुझावों को सत्यापन कर तीन दिन दिवस में फीडिंग करना सुनिश्चित किया जावे। अच्छे सुझावों से बेहतर शिक्षा नीति तैयार करने में मदद मिलेगी। प्रतिवर्ष मई माह में स्टाफिंग पैटर्न की समीक्षा की जाएगी। आगामी शिक्षा सत्र में तबादला नीति से स्थानांतरण होंगे। शिक्षा क्षेत्र के हित के अनुसार निर्णय लिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि निरीक्षण व्यवस्था को मजबूत बनाया जायेगा।

शिक्षा राज्यमंत्री ने कहा कि विद्यालयों में शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए संविदा आधार पर सेवानिवृत्त अध्यापकों को लिया जा रहा है। इसमें अब सैकेण्ड ग्रेड के पीजी की योग्यता रखने वाले सेवानिवृत अध्यापक भी आवेदन कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालयों में सफाई व्यवस्था के लिए आवश्यक बजट की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। जिन स्कूलों में पीने योग्य पानी नहींं उनका सर्वे करवाया जावे। छात्र कोष की राशि का उपयोग बच्चों की सुविधा के लिए किया जावे।

उन्होंने कहा कि बालिका छात्रावासों में महिला अधिकारी व अध्यापिका माह में एक बार निरीक्षण करें ताकि छात्रवासों में निवासरत बालिकाओं के मनोबल को बढ़ावा मिले। छात्रावासों में सुरक्षा का माहौल नजर आना चाहिए तथा वार्डन की उपस्थिति हमेशा बनी रहे। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधि भी माह में एक बार छात्रावासों का भ्रमण करें। सभी स्कूलों में नरेगा के तहत चार दीवारी का निर्माण एवं समतलीकरण के कार्य भी करवाये जावे।

देवनानी ने कहा कि विद्यालय प्रबंधन समिति में पंचायत समिति व जिला परिषद सदस्यों को शामिल किया जावे। साथ ही प्रधानाध्यापक भी समिति के सदस्यों से नियमित रूप से सम्पर्क करें। उन्होंने कहा कि प्रत्येक अमावस्या को विद्यालय प्रबंधन समिति की बैठक आयोजित कर उसमें जनप्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया जावे, ताकि विद्यालय की शिक्षा व्यवस्थाओं में बेहतर सुधार हो सके। स्कूलों में बिजली, पानी, कक्षा-कक्ष व शौचालय व्यवस्थाऐं सुनिश्चित करें।

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