चिकित्सक दूसरा भगवान- चिकित्सा मंत्राी राठौड़

जवाहर लाल नेहरू आयुर्विज्ञान महाविद्यालय के स्वर्ण जयन्ती समारोह में की 19 करोड़ की घोषणाएं
PROAJM Photo (1) Dt. 24 Dec 2015PROAJM Photo (2) Dt. 24 Dec 2015अजमेर, 24 दिसम्बर। चिकित्सा शिक्षा तथा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्राी श्री राजेन्द्र सिंह राठौड़ ने गुरूवार को जवाहर लाल नेहरू आयुर्विज्ञान महाविद्यालय के स्वर्ण जयन्ती समारोह में लगभग 19 करोड़ की राशि उपलब्ध करवाने के लिए घोषणाएं की। इससे जवाहर लाल नेहरू संलग्न चिकित्सालय संघ में ओडिटोरियम निर्माण के लिए 9 करोड़ 75 लाख, सिवरेज लाईन दुरूस्तीकरण के लिए एक करोड़ 50 लाख, ओपीडी और लैब के आधुनिकरण के लिए 7 करोड़ 50 लाख रूपए की के कार्य होंगे। उन्होंने पार्किंग विकसित करने के लिए 3 करोड़ की राशि उपलब्ध करवाने के लिए पूरजोर कोशिश करने की भी बात कही।
स्वर्ण जयन्ती समारोह में चिकित्सा मंत्राी श्री राठौड़ ने अपने मुख्य अतिथि के रूप में संबोधन में कहा कि चिकित्सक दूसरा भगवान है जो मानव को राहत पहुंचाता है। चिकित्सक सबके लिए विश्वास का केन्द्र है उन्होंने कहा कि तत्कालीन प्राचायों के प्रति आदर और अपनत्व का भाव इनके द्वारा विद्यार्थियों पर की गई तपस्या के कारण है। जवाहर लाल नेहरू अस्पताल में प्रतिदिन लगभग 3 हजार मरीजों का ईलाज किया जा रहा है। राज्य सरकार सम्पूर्ण राजस्थान को आरोग्य करना चाहती है जिसके परिणाम भी नजर आने लगे है। राज्य सरकार द्वारा 139 करोड़ के प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजे गए है। जिनके प्राप्त होने पर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए भौतिक संसाधनों की कोई कमी नहीं रहेगी। मानवीय संसाधन उपलब्ध करवाने के लिए राज्य में चिकित्सा शिक्षा पर विशेष जोर दिया जा रहा है। सरकार को एक चिकित्सक तैयार करने में लगभग 25 लाख रूपए व्यय करने पड़ते है। प्रशिक्षण उपरान्त चिकित्सक सेवा कर्म से विमुख हो जाते है अतः सरकार को मजबूरन 5 वर्ष का बाॅण्ड भरवाया जा रहा है। सरकारी क्षेत्रा में सेवा नहीं देने पर चिकित्सा स्नात्तक को 25 लाख और चिकित्सा अधिस्नात्तक को 50 लाख रूपए राजकोष में जमा कराने होंगे।
समारोह में श्री राठौड़ ने गरीब आदमी को बेहतरीन चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करवाने का वादा दौहराया और भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना के माध्यम से निजी अस्पतालों की सेवाएं निःशुल्क उपलब्ध करवाने के लिए सरकार के द्वारा किए गए कार्यों को मील का पत्थर बताया। उन्होंने आरोग्य राजस्थान योजना के द्वारा समस्त नागरिकों के स्वास्थ्य संबंधी डाटा तैयार करके उपचार उचित चिकित्सालयों एवं विशेषज्ञों से करवाने की बात कही। उन्होंने कहा कि मातृ एवं शिशु मृत्यु दर चिकित्सा क्षेत्रा के लिए चुनौतियां है। जिनसे पार पाने के लिए इन्द्रधनुष, पेन्टावेलेन्ट तथा एमटीसी आरम्भ किए गए है।
केन्द्रीय जलसंसाधन राज्य मंत्राी सांवर लाल जाट ने कहा कि जवाहर लाल नेहरू आयुर्विज्ञान संस्थान से निकले चिकित्सकों ने देश ही नहीं विश्व में भी अपना परचम फहराया है। सरकार की नीतियों के कारण आम आदमी तक चिकित्सा सुविधाएं पहुंची है। आधुनिक जीवनशैली और खान-पान के कारण बीमारियां बढ़ रही है। चिकित्सक का मधुर व्यवहार मरीज को दवा से ज्यादा लाभ पहुंचाता है। शारीरिक श्रम करने तथा खेलने कूदने से हम स्वस्थ ही नहीं रहेंगे अपितू अन्तर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धाओं में अव्वल आएंगे।
जिले के प्रभारी मंत्राी एवं शिक्षा राज्य मंत्राी प्रो. वासुदेव देवनानी ने कहा कि जवाहर लाल नेहरू आयुर्विज्ञान महाविद्यालय से निकले चिकित्सकों द्वारा निकटवर्ती जिलों के लगभग एक करोड़ व्यक्तियों का ईलाज किया जा रहा है। जवाहर लाल नेहरू चिकित्सालय को पैसेन्ट फ्रेन्डली बनाने के लिए गेल द्वारा केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्राी के सहयोग से एक करोड़ 85 लाख रूपए प्रदान करने की स्वीकृति मिली है। इससे अस्पताल में अवसंरचनाएं विकसित की जाएगी। उन्होंने जवाहर लाल नेहरू चिकित्सालय में नगर निगम द्वारा रैनबसेरा बनाने के लिए भी घोषणा की।
महिला एवं बाल विकास मंत्राी श्रीमती अनिता भदेल ने कहा कि बालक एक सपना देखता है और शिक्षक उसे साकार करते है। शिक्षक चिकित्सक चिकित्सा के चुनौती पूर्ण सेवा कार्य के लिए चिकित्सक गढ़ते है। समारोह में पुष्कर विधायक श्री सुरेश सिंह रावत,किशनगढ़ विधायक श्री भागीरथ चैधरी, ब्यावर विधायक शंकर सिंह रावत, नगर निगम के महापौर श्री धर्मेन्द्र गहलोत जवाहर लाल नेहरू आयुर्विज्ञान महाविद्यालय के प्राचार्य डाॅ. के.सी.अग्रवाल, उदयपरु मेडिकल काॅलेज के प्राचार्य डाॅ. पी.पी सिंह एवं कोटा मेडिकल काॅलेज के प्राचार्य डाॅ. गिरीश वर्मा भी उपस्थित थे।
स्वर्ण जयन्ती समारोह के अवसर पर पूरानी यादें ताजा होने के साथ ही चिकित्सकों के अन्दर का कलाकार बाहर आकर निकल उठा। नई दिल्ली एम्स के प्रो. अशोक ओझा ने बांसुरी पर, अजमेर के डाॅ. जतिन तलवार ने गीतार पर और उदयपुर के डाॅ. अखिलेश भारद्वाज ने माउथ आॅरगन पर संगत करके माँ तुझे सलाम की प्रस्तुति दी। महाविद्यालय की छात्राओं ने गणेश वन्दना, सरस्वती वन्दना और शास्त्राीय नृत्य भी प्रस्तुत किया। महाविद्यालय की स्मारिका तथा पोस्टर का विमोचन अतिथियों द्वारा किया गया। स्वर्ण जयन्ती समारोह में अपनों से मुलाकात के पश्चात् हीरक जयन्ती पर मिलने का वादा सभी ने एक-दूसरे से किया।
पूर्व प्राचार्य,भामाशाह तथा विद्यार्थी हुए सम्मानित
स्वर्ण जयन्ती समारोह में 1965 में महाविद्यालय के प्रथम बैच से वर्तमान तक पदस्थापित रहे प्राचार्यों को सम्मानित किया गया। जिनमें डाॅ. एस.के.शर्मा, डाॅ. एस.डी.पुरोहित, डाॅ. ए.के.सिंघल,डाॅ. एस.आर मित्तल, डाॅ. एस.के.कौशिक, डाॅ. पी.एस. निर्वाण, डाॅ. एम.एल. असेरी तथा डाॅ. अशोक चैधरी शामिल हैं। इस अवसर पर 1965 के बैच के 23 शिक्षक चिकित्सकों को भी सम्मानित किया गया। जवाहरलाल नेहरू आयुर्विज्ञान महाविद्यालय के प्रथम बैच के गोल्ड मेडेलिस्ट डाॅ. सीताराम मित्तल से लेकर नवीनतम बैच के गोल्ड मेडेलिस्ट को भी सम्मानित किया गया।
जवाहर लाल नेहरू आयुर्विज्ञान महाविद्यालय और चिकित्सालय में अपनी पुरूषार्थ से कमाए धन को संसाधन विकसित करने के लिए लगाने वाले भामाशाहों श्री एन.एन.टण्डन, जीव सेवा समिति, लाईन्स क्लब, श्रीमती श्रवणी देवी गोयल, श्रीमती ममता तिलोकानी, डाॅ. गोपाल बदलानी तथा रोटेरी क्लब मिड टाउन को भी स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया।

जवाहर लाल नेहरू आयुर्विज्ञान महाविद्यालय के स्वर्ण जयन्ती समारोह के अवसर पर किया विकास कार्यों का लोकार्पण
अजमेर, 24 दिसम्बर। जवाहर लाल नेहरू आयुर्विज्ञान महाविद्यालय के स्वर्ण जयन्ती समारोह के अवसर पर चिकित्सा शिक्षा तथा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्राी श्री राजेन्द्र सिंह राठौड़, केन्द्रीय जल संसाधन राज्य मंत्राी प्रो. सांवर लाल जाट, जिले के प्रभारी एवं शिक्षा राज्य मंत्राी प्रो. वासुदेव देवनानी, महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्राी श्रीमती अनिता भदेल, पुष्कर के विधायक श्री सुरेश सिंह रावत, किशनगढ़ विधायक श्री भागीरथ चैधरी, ब्यावर विधायक श्री शंकर रावत एवं नगर निगम के महापौर श्री धर्मेन्द्र गहलोत के द्वारा जवाहर लाल नेहरू आयुर्विज्ञान महाविद्यालय में एक करोड़ 60 लाख की लागत से पुस्तकालय के विस्तार तथा 56 लाख की लागत से निर्मित काॅर्डियोलाॅजी वार्ड का लोकार्पण किया गया। इसी प्रकार जवाहर लाल नेहरू चिकित्सालय में एक करोड़ 96 लाख की लागत से निर्मित जरा चिकित्सा ईकाई तथा 2 करोड़ 25 लाख की लागत से निर्मित सर्जरी वार्ड का भी लोकार्पण किया गया।

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