रोगी की सेवा सर्वोपरि धर्म – सिद्ध भाऊ

जवाहरलाल नेहरू अस्पताल में यूरोलोजी शिविर का औपचारिक शुभारम्भ, आॅपरेशन शुरू
sidh bhauअजमेर, 15 फरवरी। प्रसिद्ध सन्त श्री सिद्ध भाऊ ने कहा कि रोगी की सेवा नारायण सेवा है। यह एक ऐसी सेवा है जिसमें डूबकर ईश्वर को प्राप्त किया जा सकता है। हम पूरे मनोभाव से समर्पित होकर रोगियों की सेवा करें। यही ईश्वर की प्राप्ति का माध्यम और सर्वोपरि धर्म है।
सन्त श्री सिद्ध भाऊ ने सोमवार को जवाहरलाल नेहरू चिकित्सालय के यूरोलोजी विभाग में दीप प्रज्जवलित कर 21वें यूरोलोजी शिविर की शुरूआत की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि वर्तमान में मनुष्यों में एक दूसरे के प्रति मोह कम होता जा रहा है। मोबाईल और इन्टरनेट ने मनुष्यों के बीच दूरियां पैदा कर दी है। एक ही छत के नीचे बैठे होने के बावजूद हम एक दूसरे से बात करने के बजाय मोबाईल और इन्टरनेट में व्यस्त रहते है। आभासी दुनिया हमारे करीब है और हमारे अपने हमसे दूर।
सिद्ध भाऊ ने कहा कि इन परिस्थितियों को बदलने के लिए हम सभी को मिलकर प्रयास करने होंगे। रोगियों की सेवा एक ऐसी सेवा है। जहां सभी भेद स्वतः ही समाप्त हो जाते हैं। रोगी सेवा नारायण सेवा है। हम पूरे मन से इस कार्य में जुटे। उन्होंने शिविर में सेवा देने वाले वाले सभी चिकित्सकों एवं अन्य लोगों का स्वागत किया।
जीव सेवा समिति के सचिव श्री जगदीश वच्छानी ने श्रद्धेय स्वामी हृदयाराम जी एवं श्रद्धेय सिद्ध भाऊ जी की प्रेरणा व जीव सेवा समिति अजमेर तथा हांगकांग के अप्रवासी भारतीय के.एस.लखानी के सहयोग से यह शिविर आयोजित हो रहा है। इस शिविर में यूरोलोजी विभागाध्यक्ष डाॅ. रोहित अजमेरा एवं डाॅ. सुनील गोखरू ने रोगियों की जांच कर आॅपरेशन के लिए भर्ती किया है।
रोगियों के आॅपरेशन अमेरिका के विश्व प्रसिद्ध यूरोलोजिस्ट डाॅ. राजू थॅमस, डाॅ. रोहित अजमेरा व डाॅ. सुनील गोखरू करेंगे। उन्होंने बताया कि आॅपरेशन के लिए निर्धन एवं ग्रामीण अंचल के रोगियों को प्राथमिकता दी गई है। शिविर के दौरान रोगियों के लिए समस्त व्यवस्थाएं निःशुल्क उपलब्ध रहेगी। श्री कंवल प्रकाश किशनानी ने आभार व्यक्त किया।

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