विभिन्न गऊषाला संचालक, संत महात्मा एवं गौ भक्तों ने सरकार द्वारा प्रदत्त किये जाने वाले अनुदान एवं चुनावी घोषणा पत्र में गौ संवर्धन एवं संरक्षण हेतु लिये गये प्रावधानों को तुरन्त प्रभाव से लागू करने हेतु मुख्यमंत्री एवं प्रभारी मंत्री के नाम दिया ज्ञापन।
अजमेर। 19 फरवरी, 2016, शुक्रवार। श्री राजस्थान गौ सेवा समिति जिला शाखा अजमेर द्वारा गौ माता के हितार्थ एवं सेवार्थ चल रही गौशाला के सहयोग हेतु 15 सूत्रीय मांग पत्र (ज्ञापन) माननीय मुख्य मन्त्री के नाम, जिला कलक्टर को सौंपा एवं शिघ्र ही समस्याओं के निराकरण की मांग की। प्रतिनिधि मण्डल का नेतृत्व कर रहे श्री कालीचरण दास जी खण्डेलवाल ने समस्त कार्यकत्र्ता को सम्बोधित करते हुये कहा कि गत 9 माह से राजस्थान सरकार प्रदत्त अनुदान का भुगतान नहीं किया जा रहा साथ ही साथ गौशाला भूमि भी सुरक्षित नहीं है। साथ ही गौरक्षा व गौ संरक्षण के लिये भा.ज.पा. सरकार ने महत्वपूर्ण निर्णय लेकर घोषणा पत्र में स्थान दिया किन्तु सरकार के दो वर्ष पूर्ण होने पर भी इस और कोई कार्य नहीं किया गया। गौ सेवा समिति के प्रतिनिधि मण्डल ने राजस्थान शासन से निम्न मांगपत्र प्रेषित कर तुरन्त कार्यवाही की मांग की।
1. गऊ पालन को प्रोत्साहन देने के लिए गोपालकों एवं गोशालाओं के लिए गोमाता परिवार कार्ड बनाया जावे जिसमें उनके द्वारा पोषित गोवंश के जन्म मृत्यु का पंजीयन अनिवार्य किया जावे ऐसे कार्ड धारकों को मनरेगा तथा अन्य सरकारी योजनाओं से लाभान्वित किया जावे। शुष्क (बिना दूध देने वाले) गोवंश के सम्पोषण के लिए उन्हें विशेष अनुदान राशि दी जावे।
2. प्रत्येक ग्राम अथवा ग्राम पंचायत स्तर पर नर गोवंश तथा निराश्रित को आश्रय एवं आज्ञा प्रदान करने हेतु गोसेवा सदनों की स्थापना की जावे ताकि निराश्रित गोवंश, गांव, गली, मोहल्लों एवं सड़कों पर नहीं घूमें एवं किसान की फसल को भी क्षति नहीं पहंुचे और नस्ल विकृति भी नहीं होगी साथ ही गोवंश को कत्लखाने जाने से भी बचाया जा सके।
3. प्रत्येक ग्राम एवं ग्राम पंचायत स्तर पर गोबर से खाद बनाने, ऊर्जा उत्पन्न करने, गैस बनाने, कागज आदि निर्माण करने तथा गोमूत्र से गोमूत्र अर्क, कीटनियन्त्रक एवं फिनायल जैसे रसायन तैयार करने के लघु उद्योग स्थापित किये जावे तथा गोपलकों एवं गोशालाओं से गोबर व गोमूत्र को अधिकतम मूल्य पर क्रय करने की व्यवस्था हो।
4. प्रत्येक ग्राम में गौसंवर्धन की स्थापना की जाये जहां उन्नत नस्ल के नदियों के रख रखाव की व्यवस्था हो, इससे गाय के दूध उत्पादन में वृद्धि होगी एवं गोपालक की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
5. गोबर गोमूत्र की खाद तथा बैलों द्वारा उत्पादित कृषि, अन्न, फल, सब्जियों को गुणवत्ता के आधार पर अन्र्तराष्ट्रिय मूल्य पर क्रय करने का प्रबन्ध किया जावे ताकि गोपालन व जैविक कृषि को प्रोत्साहन मिल सके। गोदुग्ध तथा गोकृषि अन्न को गुणवत्ता के आधार पर अधिक मूल्य पर क्रय किया जा सके।
6. बैल आधारित कृषि करने वाले किसानों को एवं बैलगाड़ी परिवहन आदि कार्य करने वाले किसानों को प्रति बैल अधिकतम राशि दी जाये।
7. देशी गोवंश के दूध, घी एवं अन्य उत्पादों का अधिकतम मूल्य पर क्रय एवं विपणन की व्यवस्था की जाए।
8. गोचर भूमियों का सीमांकन किया जाए, इन्हें अतिक्रमण से मुक्त किया जावे तथा गोचारण के आलावा अन्य किसी प्रयोजन के लिए अनका आवंटन नहीं किया जावे। यदि अतिआवश्यक हो तो उसके बदले अन्य सरकारी भूमि को गोचर घोषित किया जावें।
9. गो सेवा सदनों एवं गोशालाओं को प्राथमिकता के आधार पर सरकारी भूमि आवन्टित की जावे। सरकारी भूमि पर जो गौशालाएं संचालित है उनका नियमतन किया जावे। गौशालाओं के विरूद्ध अतिक्रमण के मामले नहीं बनाये जावें।
10. सरकारी भूमि तथा गोचर, ओरण, वन भूमियों से प्राप्त राजस्व में से गौशालाओं को 50 प्रतिशत हिस्सा राशि दी जावे क्योंकि उक्त समस्त प्रकार की भूमियां केवल और केवल गोचारण के लिए सुरक्षित रखी गई है।
11. गोरक्षा कनून को सख्त बनाया जावे, गोवंश को अवैध रूप से परिवहन करने वाले वाहन मालिक, व्यापारी, कसाई को अपराधी माना जावे एवं उचित दण्ड का प्रावधान किया जावे।
12. उपरोक्त सभी व्यवस्थाओं के लिए एवं स्वतंत्र गोपालन मंत्रालय की स्थापना हो। इस मंत्रालय के ग्राम पंचायत स्तर पर एक एक कर्मचारी नियुक्त किया जावे। जिला एवं तहसील स्तर पर भी अलग से गोपालन विभाग खोलकर कर्मचारी नियुक्त किये जावें।
13. विधायक/सांसद क्षैत्रिय स्थानीय निधि विकास कोष एमएलए/एमपी लेंड फण्ड से अपने क्षेत्र की पंजीकृत गौशालाओं के विकास एवं प्रबन्ध में निर्माण कार्यों एवं अन्य प्रबन्धकीय कार्यों हेतु अपने फण्ड से करावें।
14. देशी नस्ल के गोवंश के वीर्य से कृत्रिम गर्भाधान पशु स्वास्थ्य केन्द्रों पर न कराया जावे। प्रतिनिधि लगाये जायें एवं विदेशी नस्ल/वर्ण संकर नर गोवंश का बधियाकरण कराया जावे।
15. गोवंश/बैलों द्वारा बिजली उत्पादन में बिजली संयत्रों के निर्माण में तकनीकी सुधार किया जावे।
माननीया मुख्यमंत्री जी को इसके अतिरिक्त विशेषज्ञों एवं सहयोगियों के साथ मिलकर प्रदेश में सम्पूर्ण निराश्रित व असहाय गौवंश के संरक्षण, सम्पोषण के साथ ही गौवंश की उन्नत नस्लें तैयार करने तथा गोपालक किसानों को गोपालन व गो आधारित जैविक कृषि के लिए उचित सहयोग एवं प्रोत्साहन हेतु जो जितना आवश्यक हो उतनी ही तकनीकी व वित्तीय अनिवार्यता का प्रावधान व घोषणा इस वर्ष के बजट में 31 मार्च तक करने का अनुग्रह किया जिससे प्रदेश में गौवंश व गोपालक किसान संतुष्ट सुखी व समृद्ध बन सके और गोप्रेमी सन्त, महात्मा तथा गोसेवाभावी प्रदेश के उदारमना धर्मात्मा प्रजा दोनों को प्रसन्नता हो। साथ ही आग्रह किया की अगर इस वर्ष 31 मार्च तक गोवंश के सम्पूर्ण हित में निर्णय नहीं हुआ तो राजस्थान गोसेवा समिति को प्रदेश की धर्मपरायण गोसेवाभावी समाजों के साथ मिलकर एक निर्णायक व अभूतपूर्व लोकतान्त्रिक आन्दोलन करने का विवश होना पड़ेगा। हम आपकी महानता, उदारता तथा धर्मनिष्ठा को देखते हुए अपेक्षा करते हैं कि बिना किसी आन्दोलन निश्चित समय पर आपश्री गौवंश व गोपालक किसान के हित में सम्पूर्ण श्रेष्ठ निर्णयात्मक घोषणा करके प्रदेश के गोसेवा प्रेमी जनमानस को प्रसन्नता व राहत प्रदान करेंगे।
आज ज्ञापन देने वालों में कालीचरण दास खण्डेलवाल, श्री लक्ष्मीनारायण हटुका, पवन मिश्रा, उमेश गर्ग, शिवशंकर फतेहपुरिया, चतुर्भुज गनेड़ीवाल, सुकेश कांकरिया, गोविन्द झंवर, रमेश लालवानी, देवकीनन्दन दाधीच, राजेश पुरोहित, भागचन्द नांगल, देवाराम जी, राधेश्याम जैथलिया, सुमित पलोड़, सहित अनेक गौभक्त एवं गऊशाला के प्रतिनिधि एवं संत महात्मा उपस्थिति थे।
उमेष गर्ग
मो. 9829793705
