स्वयं को सफल मानना ही सफलता की पहली सीढी है – चोयल

24अजमेर, 19 मार्च। महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिता भदेल के मुख्य आतिथ्य में शनिवार को महर्षि दयानन्द सरस्वती विश्वविद्यालय के उद्यमशीलता एवं लघु उद्योग प्रबंधन केन्द्र द्वारा मैं, मंजिल और मौका विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया। इसमें उपस्थित युवाओं, उद्यमियों एवं गणमान्य व्यक्तियों को संबोधित करते हुए कहा कि रोजगार प्राप्त करने वाला बनने की जगह उद्यमशीलता के माध्यम से रोजगार प्रदायक बनने से अपना, समाज का तथा राष्ट्र का सही अर्थों में विकास संभव है।
श्रीमती भदेल ने कहा कि सरकार द्वारा नवीन उद्यमियों के लिए विभिन्न अनुदान योजनाएं तथा छुट उपलब्ध करवायी जा रही है। इसका लाभ लेकर अपनी उद्यमशीलता की परिकल्पना को साकार किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि लघु उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा संभाग स्तर पर विशेष एकक स्थापित करने के लिए संकलपबद्ध है। इससे राज्य में रोजगार के नए अवसरों का सजृन होगा। केन्द्र तथा राज्य सरकार कौशल विकास पर ज्यादा ध्यान दे रही है। भारतीय संस्कृति में परम्परा से चले आ रहे व्यवसायों को तकनीकी दृष्टि से सुदृढ़ करके आधुनीकिकरण करने से घर-घर में उद्योगों की सोच को धरातल पर उतारा जा सकता है।
उन्होंने सेमिनार में कहा कि विश्वविद्यालय के उद्यमशीलता केन्द्र द्वारा स्टार्टअप युवाओं के अन्दर से उनकी क्षमताओं को बाहर निकालने तथा निखारने के लिए विभिन्न गतिविधियों का आयोजन अजमेर के लिए गर्व की बात है। युवावस्था में उपयुक्त मार्गदर्शन मिलने से व्यक्ति अपने कार्य तथा सफलताओं से संतुष्ट हो जाता है। इसी में जीवन की सफलता छुपी हुई है। उन्होंने कहा कि मानव एक जीवित यंत्रा है जो सकारात्मक दिशा में प्रयास करके मंजिल को प्राप्त कर सकता है।
महर्षि दयानन्द सरस्वती विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. कैलाश सोडानी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय में स्थापित उद्यमशीलता एवं लघु उद्योग प्रबंधन केन्द्र की तर्ज पर राज्य के अन्य विश्वविद्यालयों में भी उद्यमशीलता को बढ़ावा देने वाले केन्द्रों की स्थापना की जाएगी। उन्होंने कहा कि पिछड़ा बनने की मानसिकता त्याग कर अग्रगामी सोच के साथ आगे बढ़ने से सफलता सहज ही प्राप्त हो जाती है। जीवन छोटा नहीं है हमें केवल शीघ्र जीवन जीना शुरू कर देना चाहिए। युवावस्था में लक्ष्य तय करके उसकों पाने के लिए शिद्दत के साथ लगने से सफलता तेजी से मिलती है।
इस अवसर पर मुख्य वक्ता, प्रसिद्ध उद्योगपति, लेखक और मोटिवेटर ने श्री आर.एस.चोयल ने सेमिनार को सम्बोधित करते हुए कहा कि स्वयं को सफल मानना ही सफलता की पहली सीढी है। व्यक्ति जैसा चाहता है, सोचता है एवं कल्पना करता है वह वैसा ही हो जाता है। सभी में असीम संभावनाएं है उनके ऊपर अपनी सम्पूर्ण ऊर्जा के साथ कार्य करने से आपका शहर भविष्य में आपके नाम से पहचाना जाएगा। व्यक्ति समस्या और समाधान के बीच में कहीं खड़ा होता है उसे अपनी स्थिति पता लगाकर समाधान की तरफ मुड़ जाने भर से ही सफलता की राह मिल जाती है। सकारात्मक मनोवृत्ति उद्यमशीलता के लिए आवश्यक है। सेल्फ स्टार्टर व्यक्तित्व वाले लोग सब जगह पसंद किए जाते है। इस अवसर पर देश के प्रति अपने कर्तव्य का पालन करते हुए राष्ट्र प्रेम का स्लाइड शो के जरिये संदेश दिया। उद्यमिता विकास केन्द्र के निदेशक प्रो. बी.पी. सारस्वत ने सभी आगन्तुकों का स्वागत उदबोधन दिया और कहा कि केन्द्र के तहत युवाओं के रोजगार से सम्बन्धित रोजगार व स्किल डवलपमेंट के कार्यक्रम शहर में आयोजित किये जाते रहेगें। अंत में आये हुए सभी अतिथीयों का चोयल ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर श्री श्रीगोपाल शर्मा ने स्मृति चिन्ह देकर धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर आर्यन कॉलेज, आर्यभट्ट कॉलेज, भगवंत युनिवर्सिटी, एम.डी.एस. युनिवर्सिटी के छात्रों व छात्राओं व उपनिदेशक दीपिका उपाध्याय, आर.एस. माथुर, कंवल प्रकाश, अरूण अरोड़ा, नीरज आर्य, जे.के. शर्मा, अनिरूद्ध शर्मा, शिवांगी शर्मा, राजेश बंसल, श्रीराम फतेहपुरिया, ब्रिजेश अग्रवाल, श्याम छापरवाल आदि के साथ ही शहर के गणमान्य व उद्योगपति उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन गुंजन शर्मा और संजना भटनागर ने किया।

कंवल प्रकाश
संयोजक सेमिनार
मो. 9829070059

error: Content is protected !!