अजमेर। भारतीय जनता पार्टी ने आज पार्टी के 36 वें स्थापना दिवस पर देषव्यापी बूथ स्तरीय समारोह कार्यक्रमों के तहत शहर जिले के सभी बूथ पर कार्यक्रम आयोजित करने के साथ ही (नववर्ष) नवसंवत्सर के महत्व पर भी विचार गोष्ठियां आयोजित की ।
भाजपा बजरंग मण्डल, आदर्ष मण्डल, पृथ्वीराज मण्डल, आर्य मण्डल, दाहरसेन मण्डल तथा झलकारी बाई मण्डल में पार्टी द्वारा तय नीतिनुसार यह कार्यक्रम किये । इन बूथ स्तरीय कार्यक्रमों में भाजपा जिलाध्यक्ष अरविन्द यादव सहित वरिष्ठ नेता श्रीकिषन सोनगरा, रासासिंह रावत, हरीष झामनानी, षिवषंकर हेड़ा, धर्मेष जैन, धर्मेन्द्र गहलोत, सम्पत साखंला, जयकिषन पारवानी, रमेष सोनी, तुलसी सोनी, सरोज जाटव, घीसू गढ़वाल, तिलकसिंह रावत, संजय खण्डेलवाल, विकास सोनगरा, रविन्द्र जसोरिया, दीपेन्द्र लालवानी, रष्मि शर्मा, नरपतसिंह, राजेष घाटे, राजेष शर्मा, बलराज कच्छावा, सोहन शर्मा, मुकेष खीची, योगेष शर्मा, राजकुमार ललवानी, वेदप्रकाष जोषी, अनीष मोयल, विनीत कृष्ण पारीक सहित भा.ज.पा. जिला व मण्डलों के पदाधिकारियों व पार्षदों सहित भा.ज.पा. नेताओं ने शहर के विभिन्न बूथ ईकाईयों पर जाकर आयोजित कार्यक्रमों में जनसंघ भाजपा विकास यात्रा तथा नवसंवत्सर की महत्ता पर प्रकाष डाला ।
वार्ड 51 के सुन्दर विलास तथा हाथी भाटा क्षैत्र के बूथ ईकाइयों के द्वारा आयोजित समारोह में बोलते हुये जिलाध्यक्ष अरविन्द यादव ने कहा कि देष की प्रथम केबिनेट में मंत्री बने डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी ने कांग्रेस पार्टी को विपरीत दिषा में जाते देख मंत्री पद से इस्तीफा देकर राष्ट्रवाद की सोच पर आधारित राजनैतिक दल का गठन कर कांग्रेस का विकल्प बनाने के मजबूत इरादों के साथ वर्ष 1951 में भारतीय जनसंघ की स्थापना की तथा कम समय में ही पं. दीनदयाल उपाध्याय, नानाजी देखमुख, सुन्दरसिंह भण्डारी, अटलबिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आड़वाणी सहित देषभर में असंख्य लोगों ने जनसंघ के विकास में निस्वार्थ योगदान कर डा. मुखर्जी के सपने के अनुरूप जनसंघ को कांग्रेस के सषक्त विकल्प के रूप में स्थापित कर दिया ।
वक्ताओं ने जनसंघ तथा 1975 आपातकाल की घटना फिर 1977 के आम चुनावों पूर्व राष्ट्रहित में जनता पार्टी में जनसंघ के विलय की घटना तथा इसके पष्चात मोरारजी देसाई के नेतृत्व में बनी सरकार के जनसंघ घटक के नेताओं की बढ़ती लोकप्रियता व जनता पार्टी नेताओं द्वारा इससे बौखलाकर दोहरी सदस्यता के मुद्दे पर बोलते हुये कहां कि जनसंघ घटक के नेताओं ने संघ से सबंध विच्छेद को आधारहीन बात को अस्वीकार कर मंत्री पद से त्याग पत्र दिया तथा जनसंघ का ही पुर्नजन्म 6 अप्रेल 1980 को पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटलबिहारी वाजपेयी की अध्यक्षता में गठन के रूप में हुआ, इससे पार्टी का मूल दर्षन एकात्म मानववाद तथा सांस्कृतिक राष्ट्रवाद समतायुक्त शोषण मुक्त समाज, लोकतंत्र, पथनिरपेक्षता व मूल्य आधारित राजनीति इन पंचनिष्ठाओं के आधार पर भा.ज.पा. की विकास यात्रा प्रारम्भ हुयी तथा आज भा.ज.पा. विष्व का सबसे बड़ा राजनैतिक दल है व इसके नेता श्री नरेन्द्र मोदी पूर्ण बहुमत के साथ भा.ज.पा. के दूसरे गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री के रूप में देष का गौरव बढ़ा रहे है ।
( अरविन्द यादव )
जिलाध्यक्ष
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