ख्वाजा साहब के पवित्रा मजार से उतरा संदल

sandalअजमेर(कलसी)। विश्व विख्यात सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के 804वें सालाना उर्स की धार्मिक रस्मों के तहत गुरुवार की रात ख्वाजा साहब की पवित्रा मजार से संदल उतारा गया। इसके साथ ही शुक्रवारतडके दरगाह का जन्नती दरवाजा भी खुल गया।
ख्वाजा साहब का छह दिवसीया उर्स धार्मिक दृष्टि से चांद दिखने पर 9 या 10 अप्रैल से प्रारंभ होगा, इसकी धार्मिक रस्में शुरू हो गई है। गुरुवार रात्रि को ख्वाजा साहब के पवित्रा मजार से संदल उतारने की रस्म प्रारंभ हुई, जिसमें दरगाह के खादिमों ने हिस्सा लिया तथा पवित्रा संदल को आस्ताने शरीफ में ही थैलियों में पैक किया गया। अंजुमन यादगार के सहसचिव नसीम अहमद चिश्ती ने बताया कि संदल दरगाह के खादिमों के प्रत्येक सदस्य को वितरित किया गया। वितरण की प्रक्रिया देर रात तक चली।
दरगाह के खादिम सईद कुतुबुद्दीन सकी ने बताया कि दरगाह में आने वाले प्रत्येक जयरिंन को पवित्रा संदल तर्बरुक के तौर पर दिया जाता है। उन्होंने बताया कि ख्वाजा साहब के पवित्रा मजार पर पूरे वर्ष खिदमत के दौरान संदल पेश किया जाता है। संदल उतारने की रस्म उर्स के प्रारम्भ होने से एक दिन पूर्व की जाती है। संदल को दरगाह में आने वाले सभी जायरीन को वितरित किया जाता है। इस संदल को खाने से सभी तरह की बीमारियों से ख्वाजा साहब के करम से शिफा मिलती है। चिश्ती ने बताया कि ख्वाजा साहब की दरगाह में स्थित जन्नती दरवाजा जायरीन के लिए शुक्रवार तडके खोल दिया। जन्नती दरवाजा छह रजब तक खुला रहेगा। मानयता है कि इस दरवाजे से सात बार गुजरने वाला जन्नत का हकदार हो जाता है।

हिलाल कमेटी की बैठक आज
ख्वाजा साहब के 804वें सालाना उर्स का चांद आसमान में देखने के लिए दरगाह कमेटी के कार्यायलय में हिलाल कमेटी की बैठक आयोजित की जाएगी। कमेटी अजमेर के आसपास चांद दिखाई देने की सूचना का सत्यापन कराएगी। दरगाह कमेटी के कार्यवाहक नाजिम हाजी मोहम्मद सिद्दकी ने बताया कि अजमेर जिले व उसके आसपास के क्षेत्रों में कोई भी बाशरा मुसलमान अगर चांद देखे तो दो आदमी आकर दरगाह कमेटी के कार्यायल में हिलाल कमेटी के समक्ष उपस्थित होकर चांद देखने की गवाही दे। पुष्टि होने पर हिलाल कमेटी चांद दिखाई देने की घोषणा करेगी। हिलाल कमेटी की घोषणा के बाद ख्वाजा साहब के उर्स की औपचारिक शुरूआत हो जाएगी। शरीफ ने बताया कि गवाही देने आने वाले व्यक्तियों के आने-जाने व ठहरने का खर्च दरगाह कमेटी उपलब्ध कराएगी।

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