राजस्थान में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए होगी एससीईआरईटी की स्थापना

-शिक्षा राज्यमंत्राी ने नई दिल्ली में एनसीईआरटी की बैठक में भाग लिया
– अजमेर में क्षेत्राीय शिक्षण संस्थान (रीजनल काॅलेज) को राष्ट्रीय दर्जा देने का आग्रह
– एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकों में भी शामिल होंगी महापुरूषांे की जीवनियां एवं देशभक्ति से जुड़े पाठ
– विद्यालयों द्वारा मनमानी शुल्क वसूली नहीं किए जाने के सबंध में केन्द्रीय स्तर पर हांेगे निर्देश जारी, किताबों की कीमतों पर भी लगेगी लगाम

ncertअजमेर, 12 अप्रैल। प्रदेश में शिक्षकों के गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण एवं शोध एवं अनुसंधान के लिए केन्द्रीय मदद से ‘स्टेट काउन्सिल आॅफ एजूकेशन रिसर्च एंड ट्रेनिंग इन्स्टीट्यूट’ (एस.सी.ई.आर.टी) की स्थापना की जाएगी। शिक्षा राज्यमंत्राी प्रो. वासुदेव देवनानी की मांग पर सहमति जताते हुए इस संबंध में मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने मदद किए जाने पर सहमति जताई है। साथ ही स्कूलों में
मनमानी फीस एवं किताबों की कीमत वसूली पर लगाम लगाने के लिए भी केन्द्र के स्तर पर दिशा-निर्देश जारी होंगे।
शिक्षा राज्य मंत्राी प्रो. वासुदेव देवनानी ने मंगलवार को नई दिल्ली में एन.सी.ई.आर.टी. की शाषी परिषद् बैठक में भाग लेते हुए इस संबंध में केन्द्रीय स्तर पर मदद का अनुरोध किया था। राज्य में अब इससे शिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए एससीईआरटी के लिए स्वायत्तशाषी बाॅडी का गठन हो सकेगा। इसके साथ ही प्रदेश में गुणात्मक शिक्षा के साथ शिक्षकों के बेहतर प्रशिक्षण, शैक्षिक शोध एवं अनुसंधान को गति मिल सकेगी। केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्राी श्रीमती स्मृति ईरानी ने इस संबंध में सहमति जताई।
शिक्षा राज्य मंत्राी ने सीबीएससी से मान्यता प्राप्त स्कूलों में अभिभावकों से पाठ्यपुस्तकों एवं अन्य सामग्री को लेकर होने वाली मनमर्जी और लूट सबंधित मुद्दा भी बैठक में उठाया। उन्होंने बताया कि राजस्थान में निजी विद्यालयों में फीस संबधित कानून लाया गया है साथ ही अभिभावकों से मनमर्जी के शुल्क वसूलने और पाठ्यपुस्तकों के नाम पर अधिक राशि वसूले जाने को रोके जाने पर प्रभावी कदम उठाने की पहल की गई है। उन्होंने कहा कि सीबीएससी स्कूलों पर चूंकि राज्य का नियंत्राण नहीं है, इसलिए केन्द्रीय स्तर पर भी इस तरह का सर्कूलर जारी किया जाए जिससे वे अभिभावकों से पाठ्यपुस्तकों एवं अन्य सामग्री के नाम पर मनमानी राशि वसूली नहीं कर सके।
प्रो. देवनानी ने एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकें निर्धारित मूल्यों पर ही सीबीएससी विद्यालयों द्वारा दिए जाने तथा ऐसे विद्यालयों में अभिभावकों से विभिन्न अन्य सामग्री के नाम पर मनमानी नहीं किए जाने के संबंध में भी कदम उठाए जाने पर जोर दिया। प्रो. देवनानी द्वारा उठाए गए इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए केन्द्रीय स्तर पर सीबीएससी मान्यता प्राप्त स्कूलों द्वारा मनमाने तरीके से पाठ्यपुस्तकों एवं अन्य शुल्क वसूली नहीं किए जाने पर सहमति जताई गई। बैठक में कहा गया कि इससे संबधित निर्देश तत्काल जारी किए जांएगे।
बैठक में शिक्षा राज्य मंत्राी ने एन.सी.ई.आर.टी. की पाठ्यपुस्तकों में गत सरकार के कार्यकाल के दौरान हुई विसंगतियों को दूर किए जाने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकों को राजनीति से अलग रखे जाने की जरूरत है। उन्होंने गत सरकार द्वारा पाठ्यपुस्तकों से राष्ट्रभक्ति से जुड़े पाठों और महापुरूषों की जीवननियों को हटाए जाने के लिए उठाए गए कदमों की जोरदार निंदा की। उन्होंने कहा कि नवीन पाठ्यक्रम में देशभक्ति और महापुरूषों की प्रेरणा देने वाली जीवनियों को फिर से शामिल किया जाए। उन्होंने पाठ्यक्रम में नैतिकता और संस्कार प्रदान करने वाली शिक्षा के सरोकार अधिकाधिक जोड़े जाने पर भी जोर दिया।
शिक्षा राज्य मंत्राी प्रो. देवनानी ने कहा कि अजमेर का क्षेत्राीय शिक्षण संस्थान (रीजनल काॅलेज) एक प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान है। इसे राष्ट्रीय दर्जा दिए जाने की आवश्यकता है। राष्ट्रीय दर्जा दिए जाने से संस्था स्वायत्तशासी होगी तथा इसका स्वरूप और निखर कर सामने आएगा।
प्रो. देवनानी ने बैठक में केन्द्रीय स्तर पर देशभर में ‘आविष्कार अभियान’ को गति दिए जाने पर भी विशेष रूप से जोर दिया। उन्होंने कहा कि विद्यालयों में विद्यार्थी नवीन अनुसंधान और शोध से जुड़े। आविष्कारों के प्रति उनमें रूचि बढ़े, इसके लिए योजनाबद्ध तरीके से देशभर में ‘आविष्कार अभियान’ को गति दी जाए। उन्होंने विद्यालयों में गणित सप्ताह मनाए जाने का भी सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि गणित सप्ताह के तहत भारतीय वैज्ञानिकों ने गणित में जो काम किया है, उनसे नई पीढ़ी को अधिकाधिक अवगत कराया जाए। साथ ही गणित के प्रति विद्यार्थियों में रूचि पैदा करने और इस क्षेत्रा में देश को अग्रणी किए जाने के प्रयास किए जाएं।

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