शौर्य प्रधान नाटक का लोकार्पण हुआ

चौरसिया की सोलहवीं नाट्यकृति है यह
lokarapan-Shoutya natakअजमेर/प्रसिद्ध रंगकर्मी एवं साहित्यकार उमेश कुमार चौरसिया की नवप्रकाशित नाट्यकृति ‘शौर्य प्रधान नाटक‘ का लोकार्पण रविवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के चैतन्य शिविर के दौरान राजस्थान क्षेत्र प्रचारक दुर्गादासजी के हाथों हुआ। इस अवसर पर राजस्थान कार्यसमिति के सदस्य शिक्षाविद् पुरूषोत्तम परांजपे तथा विभाग कार्यवाह मोहन खण्डेलवाल भी उपस्थित रहे। स्कूली बच्चों को प्रेरणादायी शौर्य गाथाओं से परिचित कराते हुए भारतीय ऐतिहासिक गौरव का भान कराने के उद्देश्य से रचित इस नाट्य सग्रह में कुल पाँच नाटक शामिल हैं। हिन्दू सम्राट पृथ्वीराज चौहान की वीरगाथा पर ‘मत चूके चौहान‘, अप्रतिम त्याग की मूर्ति पन्नाधाय का प्रसंग लिये ‘वीरांगना पन्नाधाय‘, महारानी लक्ष्मीबाई के मातृभूमि की रक्षा में प्राणोत्सर्ग की गाथा कहता ‘खूब लड़ी मर्दार्नी, सिंध के महान् सपूत राजा दाहरसेन के सम्पूर्ण परिवार द्वारा मातृभूमि के प्रति समर्पण को दर्शाता ‘दाहरसेन का बलिदान‘ तथा 1857 की क्रांति में ठाकुर खुशालसिंह के योगादान का गौरवगान करता ‘आउवा तुझे प्रणाम‘ ये सभी नाटक बच्चों को सुसंस्कारित व देशभक्त नागरिक बनाने का प्रबोधन देने वाले हैं। उल्लेखनीय है कि यह चौरसिया की सोलहवीं नाट्यकृति तथा 23वीं प्रकाशित कृति है।

-उमेश कुमार चौरसिया
संपर्क-9829482601

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