खादी है भविष्य का गणवेश – बडगुजर

Shambhu dayal Badgujar 120अजमेर 22 जून। राजस्थान खादी ग्रामेाद्योग बोर्ड के अध्यक्ष श्री शंभू दयाल बडगुजर ने कहा कि भविष्य में अधिकतर कम्पनियों तथा संस्थाओं के गणवेश खादी आधारित होंगे। इससे खादी तथा ग्रामोद्योग क्षेत्रा में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। यह बात उन्होंने बुधवार को खादी तथा ग्रामोद्योग से जुड़ी सस्थाओं और इकाईयों के प्रतिनिधियों के सेमिनार में कही।
श्री बडगुजर ने अपने संबोधन में कहा कि खादी के क्षेत्रा में असीम संभावनाएं हैं। इंडियन एयरलाईन्स तथा जे.के.सीमेन्ट का गणवेश खादी से ही निर्मित हो इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने खादी आधारित गणवेश के लिए सिद्धान्तः स्वीकृति प्रदान कर दी है। भारतीय रेल में वस्त्रा खादी के ही उपयोग लिये जाएंगे। इस तरह के बड़े संस्थानों एवं विभागों द्वारा खादी का इस्तेमाल करने से इससे जुड़े कत्तिनों एवं बुनकरों को रोजगार उपलब्ध होगा। भविष्य में लगभग 5 हजार करोड़ के आॅर्डर खादी से जुड़ी संस्थाओं को मिलने की संभावना है। मिलने वाले आॅर्डर्स को जिले आधारित बनाने की योजना प्रस्तावित की गई है। संबंधित जिले में बहुतायत से उपलब्ध संसाधनों के अनुसार सामग्री का आॅर्डर दिया जाएगा। उन्होंने बीकानेर जिले का उदाहरण देते हुए बताया कि बीकानेर में ऊन से जुड़े हथकरघा उद्योग विकसित हैं इसलिए भारतीय रेल द्वारा मिलने वाले कम्बल के आॅर्डर्स बीकानेर जिले के द्वारा पूर्ण करवाने की योजना है। जिले को जिस वस्त्रा सामग्री का आॅर्डर दिया जाएगा उस जिले के सम्पूर्ण कत्तिन और बुनकर उसी का उत्पादन करके जिले को एक नई पहचान प्रदान करेंगे।
उन्होंने कहा कि कत्तिनों एवं बुनकरों की कार्यक्षमता में वृद्धि करने के लिए राजस्थान खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा 25 प्रतिशत अनुदान पर प्रत्येक संस्था को 10 सोलर चरखे तथा 2 सोलर करघे उपलब्ध करवाए जाएंगे। इससे इनकी आय में लगभग ढाई गुणा की वृद्धि होगी। बड़ी खादी संस्थाओं को 15 सोलर चरखे एवं 5 सोलर करघे भी अनुदानित दर पर प्रदान किए जाएंगे। कत्तिनों एवं बुनकरों के प्रधानमंत्राी जीवन ज्योति बीमा योजना एवं प्रधानमंत्राी सुरक्षा बीमा योजना के प्रीमियम बोर्ड के माध्यम से भरवाने के लिए मांगे जाने पर स्थानीय खादी संस्था को राशि आॅनलाइन जारी की जाएगी। कत्तिनों तथा बुनकरों को पर्याप्त रोजगार उपलब्ध करवाने के लिए उनके कार्य को महात्मा गांधी नरेगा के साथ जोड़ने के प्रस्ताव पर भी विचार किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि खादी आयोग ने अपने खादी भण्डार को खादी इंडिया के नए अवतार का रूप ही नहीं दिया है बल्कि उसके खादी इंडिया स्टोर्स में नई पीढी़ की आवश्यकता के अनुरूप कपड़ों की नई श्रृंखला शुरू की है। खादी को बढ़ावा देने के लिए विश्व योग दिवस पर प्रधानमंत्राी नरेन्द्र मोदी तथा मुख्यमंत्राी श्रीमती वसुन्धरा राजे ने राजस्थान खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के द्वारा निर्मित सूट को पहना था। यह सूट खादी इंडिया के विभिन्न स्टार्स पर भी उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि ग्रामोद्योग आधारित कुटीर उद्योग भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ थे। समय के साथ प्रतिस्पर्धा तथा मशीनीकरण ने उनका बाजार खत्म कर दिया। खादी इंडिया फेशन डिजाईनरों के साथ मिलकर खादी को पुनः जन जन का वस्त्रा बनाने के लिए संकल्पबद्ध है।
उन्होंने कहा कि युवाओं को रोजगार परक प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए 5 करोड़ 60 लाख की योजना बनाई गई है। इसके माध्यम से बोर्ड के पुष्कर, माउंट आबू तथा जयपुर के प्रशिक्षण केन्द्रों में प्रतिवर्ष लगभग 10 हजार युवाओं में कौशल विकसित कर स्व रोजगार आरम्भ करवाया जाएगा। उन्होंने आव्हान किया कि स्व रोजगार के लगभग 150 ट्रेड में से कोई भी क्षेत्रा चुनकर नई पीढ़ी को ग्रामोद्योग अवश्य आरम्भ करना चाहिए। प्रधानमंत्राी रोजगार सृजन कार्यक्रम के अन्तर्गत उद्योग के लिए 25 लाख एवं सेवा क्षेत्रा के लिए 10 लाख का ऋण बोर्ड द्वारा उपलब्ध करवाया जाता है। इस पर अधिकतम 35 प्रतिशत की सबसिडी दी जाती है।
केन्द्र सरकार द्वारा किसी एक शुक्रवार को खादी के वस्त्रा पहनने की पहल की गई है। इसी तर्ज पर राज्य सरकार के कर्मचारियों को किन्हीं दो दिनों के लिए खादी का उपयोग करने का प्रस्ताव विचाराधीन है। प्रत्येक परिवार में एक व्यक्ति खादी उपयोग करने का प्रण ले ले तो स्वदेशी तथा ग्रामोद्योग की अवधारणा साक्षात हो जाएगी।
महर्षि दयानन्द सरस्वती विश्वविद्यालय के उद्यमिता एवं कौशल विकास केन्द्र के निदेशक प्रो. बी.पी.सारस्वत ने कहा कि युवाओं को नौकरी के स्थान पर स्व रोजगार आरम्भ करने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए। युवाओं द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में उद्यम स्थापित करने से ही महात्मा गांधी के विचारों की धरातल पर स्थापना होगी।
जिला उद्योग केन्द्र के महाप्रबंधक श्री सी.बी.नवल ने कहा कि खादी के क्षेत्रा में नई क्रान्ति की आवश्यकता है। खादी को लोकवस्त्रा बनाने के लिए स्थानीय आवश्यकता के अनुसार योजना बनाकर तकनीकी दृष्टि से उन्नयन करना होगा। जिला उद्योग केन्द्र द्वारा अजमेर के समस्त ब्लाॅको में उपलब्ध संसाधनों तथा आवश्यकताओं की पहचान कर युवाओं को उद्यम स्थापना के लिए मार्गदर्शन प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने समेकित खादी विकास कार्यक्रम शुरू करने की वकालात की।
खादी बोर्ड के वित्तीय सलहाकार श्री आदित्य देव कविया ने कहा कि खादी राष्ट्रीयता स्वाभिमान एवं स्वालम्बन का नाम है। यह वस्त्रा ना होकर एक विचारधारा है। राज्य प्रभारी श्री आर. पी. मित्तल के अनुसार खादी विशाल समुदाय को रोजगार प्रदान करता है। खादी बोर्ड के संयुक्त निदेशक श्री आर.के.लामा तथा अजमेर मेरवाड़ा खादी सेवा मण्डल के अध्यक्ष श्री अभय कुमार गर्ग ने भी अपने विचार व्यक्त किए। जिला उद्योग केन्द्र के संभाग खादी अधिकारी श्री प्रहलाद राॅय ने सेमिनार का संचालन किया।

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