जगन्नाथ प्रभु के दर्शनार्थ उमड़े श्रद्धालु

रथयात्रा के साथ रसमयी रामकथा प्रारंभ
001004ब्यावर। पुरी की तर्ज पर बुधवार को धार्मिक नगरी ब्यावर में भी भव्य जगन्नाथ रथयात्रा का आयोजन किया गया। भगवान जगन्नाथ अपने भाई बलभद्र व बहन सुभद्रा के साथ भक्तों के द्वार पहुंचे। जगह-जगह भक्तों ने उत्साह के साथ प्रभु की अगुवानी व पूजन किया।
गोवत्स राधाकृष्णजी महाराज, संत केवलराम रामस्नेही व संत गोपालराम रामस्नेही के सानिध्य में निकाली गई रथयात्रा के दौरान शहर हरिनाम संकीर्तन से गूंज उठा। प्रभु रथ के आगे भक्त कीर्तन करते हुए जयघोष लगा रहे थे। श्रद्धालुओं ने शृंगारित भव्य रथ में विराजित ठाकुरजी की सेवा का पुण्य लाभ लिया। रथ के आगे चेरा-पोरी की रस्म निभाई। रथयात्रा में सबसे आगे गज, ढोल व बैंड स्वर लहरियां बिखेर रहा था। संत रथ के पीछे गोवत्स बालक, आर्ट ऑफ लिविंग परिवार, इस्कॉन, महिला मंडल व प्रभात फेरियों के सदस्य हरिनाम संकीर्तन कर रहे थे। रथयात्रा गोपालजी मोहल्ला मंदिर से प्रारंभ होकर भारत माता सर्किल, सुनारान चौपड़, पीपलिया बाजार, सनातन स्कूल मार्ग, मालियान चौपड़, चमन चौराहा, पाली बाजार, सरावगी मोहल्ला, डिग्गी मोहल्ला, भगत चौराहा होते हुए सातपुलिया स्थित मोतीमहल गार्डन पहुंची। यहां मंगलाचरण के साथ रामकथा का आरंभ हुआ। रथयात्रा में सभापति बबीता चौहान, तहसीलदार योगेश अग्रवाल, पूर्व विधायक माणक डाणी, वीरेंद्र यादव, नवल मुरारका, बुधराज शर्मा, विजय तंवर, अविनाश गर्ग, गोपाल वर्मा, रोहित पारीक, सुमित सारस्वत, किशोर अग्रवाल, अजय मोदी, नितेश गोयल, कौशल्या फतेहपुरिया, कौशल्या तंवर, साधना सारस्वत, कांता बंसल, ऋतु अग्रवाल, मनीषा गर्ग, तेजनारायण व्यास, विजय झंवर, मोनू अरोड़ा, नटवर अरोड़ा, सुनील सिंहल, गजानंद गहलोत, हर्ष तंवर, दिलीप बंसल, विष्णुकांत अवधिया, शंकर यादव, बालकिशन शर्मा, राजकुमार अरोड़ा, श्रीगोपाल तंवर सहित सैंकड़ों श्रद्धालु शामिल हुए।

कई संगठन हुए शामिल
रथयात्रा में हरिनाम संकीर्तन परिवार, श्रीनाथ सत्संग मंडल, विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, मातृशक्ति दुर्गावाहिनी, बांकेबिहारी मंदिर न्यास, दादीधाम न्यास, आर्ट ऑफ लिविंग, रामकृष्ण सत्संग मंडल, गौ भक्त मंडल, राधामाधव आराधना परिवार, श्यामाश्याम वंदना परिवार, नारी शक्ति मंच, के.राधिका मंडल, माहेश्वरी महिला परिषद, सखी मंडल, नारायणी मंडल सहित विभिन्न समाज व संगठन के सदस्य शामिल हुए।

जगन्नाथ प्रभु को ह्रदय में बसाएं
राधाकृष्णजी महाराज ने दिए प्रवचन

ब्यावर। श्री रामकथा समिति के तत्वावधान में बुधवार से मोतीमहल गार्डन में नौ दिवसीय रसमयी रामकथा का शुभारंभ हुआ। कथावाचक संत राधाकृष्णजी महाराज ने कहा कि जगन्नाथ प्रभु को ह्रदय में बसाएं। इनके दर्शन मात्र से जीवन का कल्याण हो जाता है। उन्होंने कहा कि जिस तरह सरकार स्वच्छता दिवस मनाती है उसी तरह आज का दिन वैष्णवों के लिए पवित्रता दिवस है। पानी गिरने से स्वच्छ हुआ जा सकता है मगर पवित्र नहीं। पवित्रता भगवत प्रेम व भगवत प्रतीक्षा से प्राप्त होती है। सबरी ने प्रतीक्षा की तो भगवान ने स्वयं उसकी कुटिया में पहुंचकर झूठे बेर खाए। उन्होंने कहा कि जिस तरह डॉक्टर तन का उपचार बताता है उसी तरह कथावाचक मन का उपचार बताता है। कथा से पूर्व पं.मुकुंदशरण दाधीच, राजेंद्र अग्रवाल, बृजवल्लभ शर्मा, मुकेश दाधीच, चंद्रप्रकाश जोशी, विजय तंवर, रामकिशोर झंवर, सुनिल जैथल्या, सुशील सिंहल, मोतीलाल गहलोत, सुमित्रा जैथल्या, निशा सिंहल, गीता टांक, इंदु जोशी ने महाराजश्री का स्वागत कर आशीर्वाद लिया। मंच संचालन सुमित सारस्वत ने किया। कथा में शहर व बाहरी स्थानों से आए श्रोताओं ने बड़ी संख्या में भाग लिया।

‘ननिहाल में आया हूं’
राधाकृष्णजी महाराज ने मुस्कुराते हुए कहा कि ‘ब्यावर से मेरा पारिवारिक रिश्ता है। मैं अपने ननिहाल में आया हूं। वैसे बच्चा जब ननिहाल जाता है तो खूब धमाल करता है मगर मुझे जिस कार्य के लिए बुलवाया गया है मैं उसे शालीनता के साथ पूरा करूंगा। मुझे परिवार के बीच कथा करने में खुशी हो रही है।’ कथा में महाराजश्री की माता मंजूलता गौड़ व मामा चंद्रप्रकाश जोशी भी शामिल हुए। कथा के पश्चात् महाराजश्री ने उनके चरण छूकर आशीर्वाद लिया। माता ने अपने पुत्र को आत्मीय भाव से गले लगाकर दुलार किया।

समय बदल गया है
महाराजश्री ने पाश्चात्य संस्कृति के कारण बदलते परिप्रेक्ष्य पर व्यंग्य करते हुए कहा कि पहले पत्नी अपने पति का नाम लेने में संकोच करती थी। किसी को बोलना होता तो कहती, ‘मेरे वो..’। अब समय बदल गया है। अब पत्नि अपने पति का नाम लेकर दूसरों से परिचय करवाती है। महाराज ने चंचल स्वभाव वाले लोगों पर भी कटाक्ष किया। उनके इस व्यंग्य पर श्रोताओं ने तालियां बजाते हुए खूब ठहाके लगाए।

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