मुख्यमंत्री रहते क्यों नहीं की गहलोत ने अजमेर की चिंता-यादव

arvind yadav 2अजमेर 18 अगस्त। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अषोक गहलोत द्वारा गत कुछ माह से बार-बार अजमेर आने व भाजपा सरकार के विरूद्ध बयानबाजी करने पर आष्चर्य व्यक्त करते हुए भाजपा जिलाध्यक्ष अरविन्द यादव ने कहा कि यदि अजमेर की इतनी चिन्ता श्री गहलोत मुख्यमंत्री रहते हुए एक बार भी अजमेर आकर कर लेते तो उनके राज में उपेक्षित रहे अजमेर की र्दुदषा नही होती। यादव व देहात जिलाध्यक्ष प्रो.बी.पी. सारस्वत ने जारी संयुक्त वक्तव्य में कहा जबकि भाजपा सरकार में मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने अपने ढ़ाई वर्ष के कार्यकाल में असंख्य बार अजमेर आकर यहां की सार सम्भाल की हैं केन्द्र व राज्य सरकार की योजनाओं तथा यहां हुए अरबों रूपयों के विकास कार्यो से तेजी से अजमेर की तस्वीर बदली हैं।
अजमेर से सांसदो, विधायकों,मंत्रियों सहित निकाय प्रमुखों व संगठन के समन्वित प्रयत्नों से अजमेर पूरी तरह डवलप शहरों की श्रंखला में खड़ा हैं।
अपनी पार्टी का चुनाव चिन्ह गोवंष व पार्टी को गोरक्षक बताने वाले गहलोत को पहले अपनी ही पार्टी के अतीत में जाकर कांग्रेस का गायों से वर्षो पुराना भावनात्मक रिष्ता जानने के लिये यह देख लेना चाहिये कि जवाहरलाल जी नेहरू की सरकार ने किस प्रकार से गोवंष को देष की आर्थिक प्रगति में बाधक मानकर पषुधन हत्या व भारत में कृषि उत्पादन के विषय में परामर्ष देने के लिए अमरीका के फोर्ड फाउण्डेषन के दल को आमंत्रित किया था। इस दल के पूरे प्रतिवेदन को गहलोत को पढ़ना चाहियें।
फोर्ड फाउण्डेषन के इस विषेषज्ञ दल ने ही अनुपयोगी पषुओं की हत्या के साथ ही पषुओं पर कर, सभी सांडो को घेर कर अकेले रखने,उनका विधानतः बधियाकरण, बछियों का अनिवार्य बधियाकरण करने की रिर्पोट सरकार को देने के साथ ही कहा कि बूढ़ी गायें जो खाती है उससे कुछ प्राप्त नही होता।
फोर्ड फाउण्डेषन के इस विषेषज्ञ दल के तर्क इस सिद्धान्त पर आधारित थे कि भूमि से प्राप्त उत्पाद के लिए मनुष्य व पषु के बीच प्रतियोगिता हैं जबकि उस समय के जनसंघ के राष्ट्रीय नेता प. दीनदयाल उपाघ्याय ने गोवंष के उन्मूलन की इस रिर्पोट का विरोध करते हुए कहा था कि यदि देष में मनुष्य व पषुधन के बीच ऐसी प्रतियोगिता विद्यमान हैं, तो दोनों को परस्पर पूरक बना कर, न कि इनमें से किसी एक को मारकर, उस प्रतियोगिता का उन्मूलन करने की आवष्यकता हैं । प. दीनदयाल उपाध्याय ने दल के इस तर्क को भी असंगत माना कि बूढ़ी गायें जो खाती है उनसे कुछ प्राप्त नही होता उन्होनें तब कहा कि यह तर्क उतना ही बेकार हैं, जितना ब्रिटेन के उपनगरो में रहने वाली किसी अंग्रेज गृहणी से यह कहना कि उसे अपने कुत्ते का परित्याग कर देना चाहियें,क्योकि वह इतना मांस खा जाता हैं कि उससें ब्रिटेन का भुगतान सन्तुलन बिगड़ता हैं।
भाजपा ने कहा की ऐसे हालातों में ही देष में गोवंष हत्या का चलन बढ़ा और कांग्रेस का चुनाव चिन्ह जो गहलोत गोवंष बता रहे हैं वही गोवंष की हत्याओं में भागीदारी वाला हाथ बन गया।
अमरीका से भारत आये इस फोर्ड फाउण्डेषन का असली मकसद यहां के बाजारों पर कब्जा जमाना था और यहां कि परम्परागत कृषि व्यवस्था को नकार कर पषुधन हत्या की अनुषंषा कर अपना मकसद पूरा किया।
पूर्व मंत्री व सांसद सावरलाल जाट,षिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी, महिला व बाल विकास मंत्री अनिता भदेल, संसदीय सचिव सुरेष सिंह रावत,पूर्व सांसद रासासिंह रावत,पूर्व मंत्री श्री किषन सोनगरा,एडीए अध्यक्ष षिवषंकर हेड़ा,महापौर धर्मेन्द्र गहलोत,महामंत्री रमेष सोनी, जयकिषन पारवानी,उपमहापौर सम्पत साखला,पूर्व न्यास अध्यक्ष धर्मेष जैन,पूर्व विधायक हरीष झामनानी ने वर्ष 2018 के चुनावों में अषोक गहलोत व कांग्रेस पार्टी सत्ता में आने के लिए जिस तरह से मचल रही हैं वह यह ख्वाब छोड़ दे और जनादेष को स्वीकार करें।जनता ने केन्द्र व राज्य में अनेक वर्षो तक कांग्रेस के आचरण को भुगता हैं। भाजपा नेताओं ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार का जनाधार बढ़ा हैं।

-अरविन्द यादव,
जिलाध्यक्ष, भा.ज.पा. शहर जिला अजमेर
9414252930

1 thought on “मुख्यमंत्री रहते क्यों नहीं की गहलोत ने अजमेर की चिंता-यादव”

  1. Yadav ji per ajmer ki janta ko visvas h y sahi bol rh ki congras.ab kyo bol rhi h jab krna taa to sirf time pass ab sirf ajmer ko vikas chaye na ki congras.

Comments are closed.

error: Content is protected !!