विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमारी शाखा अजमेर द्वारा क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान, पुष्कर रोड, अजमेर में दस दिवसीय समर्थ शिक्षक योग अभ्यास कार्यशाला प्रारंभ
आधुनिक योग विज्ञान में चल रहे शोधों से यह पुष्टि हो चुकी है कि अधिकांश रोगों की उत्पत्ति का कारण मन है। मन की वृत्तियों के कारण भावनात्मक कमजोरी उत्पन्न होती है जिसका सीधा प्रभाव प्राणिक तंत्र पर पड़ता है जिसके कारण नाड़ियाँ असंतुलित होकर अस्थिर हो जाती है। इन नाड़ियों के असंतुलन होने से सबसे पहले पाचन तंत्र प्रभावित होता है जिससे शरीर के अन्य तंत्र यथा हृदय, यकृत, किडनी तथा पेन्क्रियाज़ की चयापचय की क्रियाएं प्रभावित होती हैं तथा अंततः यह शारीरिक व्याधि का कारण बन जाता है। बीमारियों के उपचार की अनेक पद्धतियाँ आज विद्यमान हैं किंतु रोग की जड़ केवल योग के माध्यम से ही समाप्त की जा सकती है। उक्त विचार ‘आध्यात्म प्रेरित सेवा संगठन’ विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमारी की स्थानीय शाखा द्वारा क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान, अजमेर में आयोजित किए जा रहे शिक्षकों के लिए समर्थ शिक्षक योग अभ्यास कार्यशाला के प्रथम दिन योग शिक्षक डॉ. स्वतन्त्र कुमार शर्मा ने व्यक्त किए। यह योग कार्यशाला 31 अगस्त तक आयोजित की जाएगी।
इस अवसर पर संस्थान के प्राचार्य डॉ. वी के कांकरिया ने योग के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि विवेकानन्द केन्द्र के सहयोग से यह कार्यशाला शिक्षकों के जीवन में एक नया अध्याय रचने वाली है तथा इससे उनकी सामर्थ्यता में अभिवृद्धि होगी। कार्यशाला कॉर्डिनेटर के. चन्द्रशेखर ने बताया कि इस अवसर पर विवेकानन्द केन्द्र के देवांश ओझा ने योगाभ्यास प्रदर्शन किया तथा इस अवसर पर विवेकानन्द केन्द्र भारती पत्रिका के सह-संपादक उमेश कुमार चौरसिया का मार्गदर्शन भी प्राप्त हुआ।
(अखिल शर्मा )
सह नगर प्रमुख
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