पीसीपीएनडीटी उपखण्ड स्तरीय सलाहकार समिति की बैठक आयोजित
ब्यावर, 9 सितम्बर। गर्भधारण पूर्व एवं प्रसव पूर्व निदान तकनीक (लिंग चयन प्रतिषेध) अधिनियम 1994 के तहत गठित पीसीपीएनडीटी उपखण्ड स्तरीय सलाहकार समिति की बैठक शुक्रवार को जिला क्षय निवारण केन्द्र में आयोजित हुई, जिसमें सोनोग्राफी सेन्टरों के रजिस्ट्रेशन, नवीनीकरण, अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन, मुखबिर योजना, रेड अलट, हैल्पलाईन आदि के संबंध में चर्चा की गई।
उपखण्ड समुचित प्राधिकारी पीसीपीएनडीटी एवं जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ.शेखर शर्मा ने बैठक का एजेण्डा प्रस्तुत करते हुए बताया कि गत बैठक में हुए निर्णयों की अनुपालना करते हुए संबंधित विषयों पर नियमानुसार कार्यवाही करते हुए उनका समाधान किया गया है। उन्होंने बताया कि समिति के समक्ष डॉ. गुलशन मलिक सोनोग्राफी सेन्टर व राठी अस्पताल के सोनोग्राफी सेन्टर के नवीनीकरण के आवेदन प्रस्तुत हुए हैं एवं माथुर सोनोग्राफी क्लिनिक द्वारा नई सोनोग्राफी मशीन को इंस्टाल करने संबंधी सूचना प्रस्तुत की गई है। जिस पर समिति सदस्यों ने चर्चा कर नियमानुसार नवीनीकरण करने पर सहमति दी।
बैठक में किसी भी सोनोग्र्राफी सेन्टर को नवीनीकरण के लिए 30 दिन पूर्व प्रार्थना पत्रा देने, समिति की बैठक 2 माह के अन्तराल में करने, सोनोग्राफी सेन्टर के रजिस्ट्रेशन संबंधी नये सर्कुलर, बंगाली व झोलाछाप डॉक्टर्स पर कार्यवाही आदि विषयों पर भी चर्चा हुई। इस मौके पर पीसीपीएनडीटी अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन संबंधी चर्चा करते हुए मुखबिर योजना, रेडअलर्ट आदि के बारे में आमजन को जागरूक करने पर सदस्यों ने सहमति जताई। बैठक में समिति सदस्य क्रमशः सूचना एवं जनसम्पर्क अधिकारी श्री विनोद मोलपरिया, शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ.पी.एम.बोहरा, डॉ. साबिर हुसैन, समाजसेवी ज्योति आर्य, डीपीपीएम दिनेश कुमार, श्री प्रकाश आर्य आदि मौजूद थे।
मुखबिर योजना
जिला समन्वयक पीसीपीएनडीटी ओमप्रकाश टेपन ने बताया कि प्रदेश में पीसीपीएनडीटी अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए मुखबिर योजना प्रारम्भ की गई है। चिकित्सक को तकनीक के दुरूपयोग को रोकने के लिए गोपनीय रूप से सूचना, जनता से प्राप्त करना आवश्यक है तथा ऐसी सूचना प्रदान करने के लिए आमजन को अभिप्रेरित करना भी आवश्यक है। इस योजना के द्वारा लिंग-परीक्षण के दोषी व्यक्तियों तक विभाग की पहुंच को सुनिश्चित करते हुए उन्हें कानून के दायरे में लाया जा सकता है। समाज में यह संदेश दिया जा सकता है कि लिंग-परीक्षण करने, कराने वाले व्यक्तियों के विरूद्ध जन सूचना के आधार पर उन्हें दण्डित किया जा सकता है। इसके लिए लिंग परीक्षण करने वाले व्यक्ति, चिकित्सक की सूचना विभाग को देने वाले व्यक्ति का नाम गुप्त रखते हुए उसके विभाग द्वारा पुरूस्कार प्रदान किया जाता है।
पुरस्कार राशि 2 लाख रूपये
मुखबिर के रूप में लिंग-परीक्षण की सूचना देने वाले व्यक्ति को लिंग-परीक्षण की शिकायत सत्य पाये जाने एवं सफल डिकॉय कार्यवाही की जाने पर मुखबिर को 26 हजार 600 रूपये, गर्भवती महिला को 26 हजार 600, गर्भवती महिला के सहयोगी को 13 हजार 300 रूपये की राशि प्रथम किश्त के रूप में दी जाएगी। इसके बाद न्यायालय में बयान के दौरान डिकॉय ऑपरेशन की स्पष्ट पुष्टि करने के पश्चात् मुखबिर को 26 हजार 600 रूपये, गर्भवती महिला को 26 हजार 600 रूपये, गर्भवती महिला के सहयोगी को 13 हजार 300 रूपये की राशि द्वितीय किश्त के रूप में दी जाएगी। इसी क्रम में न्यायालय के निर्णय के पश्चात् मुखबिर को 26 हजार 800 रूपये, गर्भवती महिला को 26 हजार 800 रूपये, गर्भवती महिला के सहयोगी को 13 हजार 400 रूपये की राशि तृतीय किश्त के रूप में दी जाएगी। इस प्रकार कुल 2 लाख रूपये की राशि पुरूस्कार स्वरूप दी जाएगी।
मुखबिर योजना के तहत सूचना
मुखबिर योजना के तहत राज्य स्तर पर अध्यक्ष, राज्य समुचित पीसीपीएनडीटी एवं विशिष्ट सचिव, राज्य नोडल अधिकारी पीसीपीएनडीटी एवं निदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं तथा उपनिदेशक एवं प्रभारी राज्य पीसीपीएनडीटी प्रकोष्ठ चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं जयपुर व राज्य समुचित प्राधिकारी जयपुर को सूचना दी जा सकती है। इसी प्रकार जिला स्तर पर जिला समुचित प्राधिकारी पीसीपीएनडीटी एवं जिला कलक्टर, जिला नोडल अधिकारी पीसीपीएनडीटी एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को सूचित किया जा सकता है। उपखण्ड स्तर पर संबंधित उपखण्ड समुचित प्राधिकारी पीसीपीएनडीटी को सूचना दी जा सकती है।
रेड अलर्ट
जिला समन्वयक पीसीपीएनडीटी ओमप्रकाश टेपन ने बताया कि पीसीपीएनडीटी अधिनियम के तहत पंजीकृत संस्थानों में कार्यरत चिकित्सक पर किसी व्यक्ति, महिला, परिवारजन द्वारा लिंग-जांच हेतु दबाव डाला जाता है तो उक्त चिकित्सक उस महिला की सोनोग्राफी के दौरान भरे जाने वाले ऑनलाईन फार्म – एफ पर रेडअलर्ट का बटन क्लिक कर सकता है। इसके बाद संबंधित उपखण्ड समुचित प्राधिकारी द्वारा गोपनीय रूप से उस महिला की डिलीवरी होने तक ट्रेकिंग की जाती है।
टोल फ्री नम्बर – 104
हेल्पलाईन नम्बर 104 टोल फ्री पर किसी भी व्यक्ति द्वारा पीसीपीएनडीटी एक्ट के उल्लंघन अथवा कन्या भ्रूण से संबंधित शिकायत दर्ज करवायी जा सकती है तथा उपखण्ड समुचित प्राधिकारी को भी शिकायत दर्ज करायी जा सकती है। इसके अतिरिक्त जिला स्तरीय कन्ट्रोल रूम के दूरभाष नम्बर 0145-2631111 पर भी शिकायत दर्ज करायी जा सकती है। –00–
महात्मा गांधी नरेगा एवं इन्दिरा आवास योजना
के अन्तर्गत ग्राम पंचायतों में सामाजिक अंकेक्षण कार्य
ब्यावर, 9 सितम्बर। पंचायत समिति जवाजा की समस्त ग्राम पंचायतों में महात्मा गांधी नरेगा एवं इन्दिरा आवास योजना के अन्तर्गत वर्ष 2016-17 की प्रथम छः माह के लिए सामाजिक अंकेक्षण का कार्य जारी है जिसके तहत गुरूवार 9 सितम्बर को जवाजा पंचायत समिति 7 ग्राम पंचायतों में सामाजिक अंकेक्षण का कार्य किया गया। इसी क्रम में 16 सितम्बर 2016 को भी सामाजिक अंकेक्षण का कार्य किया जाएगा।
कार्यक्रम अधिकारी एवं विकास अधिकारी श्री शिवदान सिंह ने बताया कि महात्मा गांधी नरेगा एवं इन्दिरा आवास योजना के अन्तर्गत 1 अक्टूबर से 2015 से 31 मार्च 2016 की अवधि तक सामाजिक अंकेक्षण कार्य किया जाना है, जिसके तहत 9 सितम्बर 2016 को ग्राम पंचायत नून्द्री मालदेव, दुर्गावास, नून्द्री मेन्द्रातान, जवाजा, बलाड, देलवाड़ा व नाईकला में सामाजिक अंकेक्षण का कार्य किया गया। इसी क्रम में 16 सितम्बर को जवाजा पंचायत समिति की ग्राम पंचायत गोहाना, रूपनगर, बनजारी, सरवीना, बराखन, जालिया-प्रथम व किशनपुरा में सामाजिक अंकेक्षण का कार्य किया जाएगा। इस संबंध में समस्त ग्राम सेवक, पदेन सचिव व कनिष्ठ लिपिकों को सामाजिक अंकेक्षण कार्य सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। उल्लेखनीय है कि सामाजिक अंकेक्षण का कार्य गत 2 सितम्बर 2016 से जारी है।
सामाजिक अंकेक्षण का कार्यक्रम
सामाजिक अंकेक्षण कार्यक्रम के अनुसार 16 सितम्बर 2016 को ग्राम पंचायत गोहाना, रूपनगर, बनजारी, सरवीना, बराखन, जालिया-प्रथम व किशनपुरा में, 23 सितम्बर 2016 को ग्राम पंचायत रावतमाल, कोटड़ा, मालातों की बेर, नरबदखेड़ा, सरमालिया, बड़ाखेड़ा व सुहावा में एवं 30 सितम्बर 2016 को ग्राम पंचायत देवाता, टॉडगढ़, अतीतमण्ड, आसन, ब्यावरखास, मेड़िया व तारागढ़ में ग्राम सभा में सामाजिक अंकेक्षण का कार्य होगा।–00–