ओस्टियोपोरोसिस सिर्फ बुजुर्गों की बीमारी नहीं

विष्व ऑस्टियोपोरोसिस दिवस पर निकली जागरुकता रैली
सेमिनार में अनेक बुजुर्गों ने किए सवाल-जवाब
मित्तल हॉस्पिटल में लगा निःषुल्क बीएमडी जांच षिविर

बुजुर्गों के सवालों का जवाब देते वरिष्ठ अस्थिरोग विषेषज्ञ डॉ. नंदलाल झामरिया, डॉ एस. के भास्कर तथा डॉ. महेष गुप्ता।
बुजुर्गों के सवालों का जवाब देते वरिष्ठ अस्थिरोग विषेषज्ञ डॉ. नंदलाल झामरिया, डॉ एस. के भास्कर तथा डॉ. महेष गुप्ता।
निःषुल्क बीएमडी जांच षिविर में जांच कराते बुजुर्ग।
निःषुल्क बीएमडी जांच षिविर में जांच कराते बुजुर्ग।
ऑस्टियोपोरोसिस दिवस पर निकाली गई जन-जागरुकता रैली।
ऑस्टियोपोरोसिस दिवस पर निकाली गई जन-जागरुकता रैली।
अजमेर 20 अक्टूबर। ऑस्टियोपोरिसिस सिर्फ बुजुर्गों की बीमारी नहीं है। युवावस्था में ऑस्टियोपोरोसिस से बचाव के उपाय अपनाए जाएं तो वृद्धावस्था में इससे होने वाली परेषानी से बचा जा सकता है।
विष्व ऑस्टियोपोरोसिस दिवस के अवसर पर गुरुवार को मित्तल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर पर आयोजित सेमिनार में यह विचार उभरे। जवाहरलाल नेहरू आयुर्विज्ञान महाविद्यालय एवं चिकित्सालय के पूर्व अस्थिरोग विभागाध्यक्ष डॉ. नंदलाल झामरिया, वर्तमान विभागाध्यक्ष डॉ. एस के भास्कर एवं वरिष्ठ अस्थिरोग विषेषज्ञ डॉ महेष गुप्ता ने बुजुर्गों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि युवावस्था से ही नियमित 45 मिनट की वॉक यानी व्यायाम किया जाए, 45 मिनट विटामिन डी यानी धूप सेकी जाए और प्रतिदिन दो गिलास दूध यानी कैल्षियम का सेवन किया जाए तो बुढ़ापे में ऑस्टियोपोरोसिस से बचाव संभव है।
मित्तल हॉस्पिटल के अस्थिरोग विषेषज्ञ डॉ. दीपक जैन द्वारा इससे पहले ऑस्टियोपोरोसिस पर पावर प्रजेंटेषन के जरिए व्याख्यान दिया गया। डॉ दीपक जैन ने ऑस्टियोपोरोसिस पर विभिन्न राष्ट्रों का तुलनात्मक अध्ययन प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि 15 से 30 की उम्र तक हड्डियों के बनने-बढ़ने और मजबूत होने की प्रक्रिया जारी रहती है। इसके बाद विटामिन डी, कैल्षियम और नियमित व्यायाम में असंतुलन होने के कारण हड्डियां कमजोर होने लग जाती हैं। बुजुर्ग अवस्था में कमजोर हड्डियां मानसिक और आर्थिक परेषानी का सबब बन जाती हैं। बुजुर्गों के कमर, कूल्हे, कलाई आदि की हड्डियां कमजोर होने के कारण मामूली सी चोट भी सहन नहीं कर पाती और इस अवस्था में बुजुर्गों के उठने, बैठने, चलने, विश्राम के लिए लेटने, करवट लेने तक में चोटिल हो जाने का भय रहता है। उनके चोटिल होने से पूरा परिवार बड़ी तकलीफ में पड़ जाता है। सेमिनार के प्रारंभ में मित्तल हॉस्पिटल के क्वालिटी हैड डॉ. दीपक अग्रवाल ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। मित्तल हॉस्पिटल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. विनोद विजयवर्गीय ने अंत में आभार व्यक्त किया। सेमिनार में मित्तल हॉस्पिटल के सीओओ डॉ. प्रवीण कुमार एवं अन्य चिकित्सक एवं अधिकारी उपस्थित थे।
इससे पूर्व प्रातः ऑस्टियोपोरोसिस जन-जागरुकता रैली निकाली गई। मित्तल हॉस्पिटल प्रांगण से रैली को सीआरपीएफ के सेवानिवृत्त कमांडेंट राजेन्द्र सिंह जैन ने हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। रैली में वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. एस के अरोड़ा, मित्तल हॉस्पिटल के हार्ट एण्ड वास्कुलर सर्जन डॉ. सूर्य, डॉ प्रषांत शर्मा, डॉ. प्रीतम कोठारी पीएमपीएस के अध्यक्ष डॉ. सतीष शर्मा, सचिव राजीव शर्मा उपाध्यक्ष डॉ. नरेन्द्र कोटवानी, डॉ. पंकज तोषनीवाल, डॉ रजनीष सक्सेना, सहित अनेक चिकित्सक एवं विद्यार्थी उपस्थित थे। इस अवसर पर सुबह दस बजे से मित्तल हॉस्पिटल में ही निःषुल्क बीएमडी जांच षिविर लगाया गया जिसमें अनेक लोगों ने हड्डियों की जांच कराई। गौरतलब है कि जन-जागरुकता रैली का आयोजन प्राइवेट मेडिकल प्रेक्टिषनर्स सोसायटी एवं ऑर्थोपैडिक सोसायटी अजमेर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित की गई थी।
सन्तोष गुप्ता
प्रबंधक जनसम्पर्क/9116049809

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