अजमेर। 6 नवम्बर 2016 रविवार। सन्यास आश्रम के अधिष्ठाता स्वामी षिवज्योतिषानन्दजी महाराज की सद्प्रेरणा से गत 6 वर्षों से चल रही प्रभात फेरी संकीर्तन करते हुए लोहागल रोड स्थित गऊषाला पहुंची। प्रभात फेरी के उमेष गर्ग ने बताया कि इस अवसर पर रामस्नेही राष्ट्र संत हरिराम जी महाराज के पावन सानिध्य में हरि संकीर्तन करते हुए गऊषाला की परिक्रमा एवं पूजन किया। गऊषाला कमेटी द्वारा परम श्रद्धेय हरिराम जी महाराज का शाॅल एवं श्रीफल द्वारा स्वागत किया गया। गोपाष्टमी उत्सव में श्री हरिराम जी महाराज ने अपने आषीर्वचन में कहा कि “उत्सव हमारी संस्कृति के आधार हैं और परम आवष्यक हैं। गौ माता की सेवा और रक्षा का महापर्व है गोपाष्टमी पर्व एवं गौवर्धन पूजा, गौमाता की सेवा के बिना हमारा कल्याण होने वाला नहीं है, गौ सेवा ही वास्तविक गौवर्धन पूजा है।” महाराज श्री ने कहा की “जब गौ माता भूखी हो तो क्या हमें भोजन करने का अधिकार है ? गौमाता सड़क पर भटके कचरा खाये व्याकुल हो इधर उधर भटके अषुद्ध एवं गन्दी वस्तुओं का सेवन करें तो क्या सार्थकता है ? 56 भोग और अन्नकूट महोत्सव की जिस गौमाता की सेवा और रक्षा के भगवान ने अवतसर लिया और वर्तमान में गौमाता की ये दुर्दषा, क्या इस पर ठाकुर जी ये सब स्वीकार कर सकते हैं। उत्सव खूब मनाओ, आनंद के साथ मनाओ लेकिन हमारी गौमाता को भी ध्यान में रखो। यदि हमने गौषाला में गऊमाता की सेवा एवं सहयोग नहीं किया तो कैसी गोवर्धन पूजा? कैसा गोपाष्टमी पर्व? कैसा महोत्सव? वेद बिना मति नहीं और गाय बिना गति नहीं। गौमाता की रक्षा के लिये भगवान कृष्ण कालीया नाग से भिड़ गये, आज जरूरत है गौहत्या करने वाले कसाइयों को खदेडने की। अरे गोपाल नहीं बन सको तो ग्वाल बाल ही बन जाओ गौमाता आज आपकी बाट देख रही है।
प्रभात फेरी में आज लक्ष्मी नारायण हटुका, रामरतन छापरवाल, आलोक माहेष्वरी, अषोक अग्रवाल, गोकुल, शान्तिलाल, कैलाष जोषी, अमरसिंह, सत्यनारायण नारियल वाले, ओम प्रकाष मंगल सहित अनेक श्रद्धालु उपस्थित थे।
उमेश गर्ग
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