आंगनबाड़ी केेन्द्र पर चलाए प्ले स्कूल की तरह – डाॅ.समित शर्मा

untitledअजमेर, 16 नवम्बर। महिला एवं बाल विकास विभाग के निदेशक डाॅ. समित शर्मा ने बुधवार को विभागीय अधिकारियों एवं परियोजना से जुड़े पदाधिकारियों की नियमित समीक्षा बैठक में निर्देश दिए कि आंगनबाड़ी केन्द्र को प्ले स्कूल एवं प्री स्कूल की तरह चलाए।
उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्रों में कार्यरत कार्यकर्ताओं, सहायकों तथा आशा सहयोगिनी के कार्य को समाज में अच्छी मान्यता मिली हुई है। कार्य सम्र्पण के साथ करने से कार्मिकों को प्राप्त होने वाली खुशी प्रोत्सहान प्रदान करती है। जिले के सभी केन्द्र प्रातः 10 बजे तक क्रियाशील हो जाने चाहिए। प्रत्येक केन्द्र में कम से कम 20 बच्चे उपस्थित रहने चाहिए। अक्रियाशील केन्द्रों को निकटवर्ती केन्द्र में विलय अथवा अन्यत्रा स्थानान्तरित किया जा सकता है। केन्द्र स्तर पर अच्छी सेवाएं देने से अभिभावकों में विभाग के प्रति विश्वास पैदा हुआ है। सब मिलकर उनके विश्वास एव ंअपेक्षाओं पर खरा उतरना चाहिए।
उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्रों के भवनों का निर्माण आरम्भ करके समय पर पूर्ण करने चाहिए। आंगनबाड़ी केन्द्रों का अधिकतम उपयोग लेने के लिए इन्हें निकटवर्ती राजकीय विद्यालय में स्थानान्तरित किया जाना चाहिए। केन्द्र पर पूरक पोषाहार के अन्तर्गत गुड़, चना और खील निर्धारित मात्रा में दिया जाना चाहिए। दोपहर का गर्म भोजन समस्त पात्रा व्यक्तियों तक पहुंचना चाहिए। साथ्ज्ञ ही शाला पूर्व एवं प्रारम्भिक बाल्यवस्था शिक्षा के लिए समय सारिणी के अनुसार गतिविधियां आयोजित की जानी चाहिए। फ्लेक्सी फण्ड के माध्यम से घण्टी का क्रय किया जाकर केन्द्र के खुलने तथा छुट्टी होने की सूचना के लिए उपयोग किया जाना चाहिए। उपस्थिति भरने के समय लगातार आरोही क्रम में संख्या के द्वारा उपस्थिति दर्शानी चाहिए। समय सारिणी के आठों सत्रों के दौरान 4 घण्टे तक बच्चों को व्यस्त रखें। बच्चे गणवेश में केन्द्र पर आने चाहिए।
उन्होंने कहा कि स्वास्थय व पोषण पर विशेष ध्यान दें। ग्रोथ चार्ट को भौतिक सत्यापन के आधार पर भरा जाए। भोजन मशीन ग्रामीण स्वास्थ्य एवं स्वच्छता कमेटी (वीएचएससी) के फण्ड से खारीदी जाएगी। केन्द्र पर पंजीकृत महिलाओं एवं बच्चों की स्वास्थ्य जांच, टीकाकरण तथा हाई रिस्क प्रेगनेन्ट महिलाओं का नियमित ध्यान रखा जाना चाहिए। ओडीके एप्लीकेशन पर नियमित रिपोर्टिंग करें।
उन्होंने कहा कि सीडीपीओ एवं लेडिज सुपरवाईजर द्वारा नियमित निरीक्षण किया जाना आवश्यक है। केन्द्र के कार्मिकों को छुट्टी लेकर ही मुख्यालय छोड़ना चाहिए। खाली केन्द्रों पर कार्यकर्ताओं एवं सहायकाओं का चयन नियमानुसार योग्यता से किया जाना चाहिए।
इस अवसर पर राज्स समन्वयक धर्मवीर, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी निकया गोहाएन, अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी एवं महिला एवं बाल अधिकारिता विभाग के उप निदेशक संजय माथुर, प्रशिक्षु आईएएस अंजली राजोरिया तथा विभाग के परियोजना अधिकारी नितेश यादव उपस्थित थे।

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