अजमेर / राजस्थान संगीत नाटक अकादमी द्वारा आयोजित संक्षिप्त समारोह में अजमेर के प्रसिद्ध रंगकर्मी व नाटककार उमेश कुमार चौरसिया की नयी नाट्यकृति ‘सूर्यपुत्र कर्ण‘ का लोकार्पण सचिव महेश पँवार ने किया। उन्होंने कहा कि मायड़भाष राजस्थानी में वर्तमान समय में अच्छे मौलिक नाटकों की कमी के दौर में यह नाटक उपयोगी साबित होगा। चौरसिया कई वर्षाें से अकादमी के साथ जुड़े हुए हैं और जीवन मूल्यों को प्रस्थापित करने वाले नाटकों की रचना इनकी विशेषता रही है। महाभारत देश के जनमानस में रचा-बसा ग्रंथ है और इसके सभी पात्र अपना वैशिष्ट्य लिए हुए हैं। इस पूर्णाकी नाटक में चौरसिया ने दानवीर कर्ण के भगवान सूर्य का पुत्र होते हुए भी जीवनभर सूतपुत्र कहे जाने की व्यथा और विविध परिस्थितियों में कर्ण के मनोभावों के यथार्थ को बखूबी अभिव्यद्यक्त किया गया है।
उल्लेखनीय है कि उमेश कुमार चौरसिया की यह सत्रहवीं नाट्यकृति है। अब तक 70 से अधिक राजस्थानी व हिन्दी भाषी लघु व पूर्णांकि नाटकों की रचना करने वाले वाले चौरसिया द्वारा रचित इस नाटक का प्रकाशन राज्यस्तर पर चयन के उपरान्त जवाहर कला केन्द्र द्वारा किया गया है। कार्यक्रम में अकादमी के नाट्यप्रभारी अरूण पुरोहित, विवेकानन्द केन्द्र राजस्थान के व्यवस्था प्रमुख चन्द्रप्रकाश अरोड़ा, सेवाब्रती रमेश ठाकुर, योग प्रशिक्षक डॉ स्वतंत्र शर्मा व सामाजसेवी अशोक माथुर सहित अनेक गणमान्य प्रबुद्धजन उपस्थित थे।
उमेष कुमार चौरसिया
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