अजमेर 28 दिसम्बर। शहर जिला कांग्रेस द्वारा बुधवार को कांग्रेस का 131वां स्थापना दिवस मनाया गया इस अवसर पर संगठन के देहात अध्यक्ष ने कांगेस का पार्टी ध्वज फहराया और सेवादल के कार्यर्ताओं ने सलामी दी।
बाबू मोहल्ला स्थित स्थानीय जिला कांग्रेस कमेटी के कार्यालय पर स्थापना दिवस का कार्यक्रम का आयोजन हुआ जिसमे सर्वप्रथम कांग्रेस के देहात अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह राठौड़ ने पार्टी का ध्वजारोहण किया और सेवादल के कार्यकर्ताओं ने मुख्य संगठक शैलेन्द्र अग्रवाल के नेतृत्व मे ध्वज को सलामी दी। राष्ट्रगान के पष्चात भारत की आजादी व देष के नवनिमार्ण में कांग्रेस के योगदान विषय पर परिचर्चा में कांग्रेसजनो को सम्बोधित करते हुऐ मुख्य अतिथि देहात कांग्रेस अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह राठौड़ ने कहा कि आजादी के सिपाहियों ने 1885 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना के बाद भारत की जनता और देशहित के लिए संघर्ष का एक ऐसा मंच तैयार किया जिसने लगभग साठ वर्षों के संघर्ष के बाद 1947 में उस काल के सबसे आक्रामक और ताकतवर शासनतंत्र को उखाड़ फेंका।
उन्होने कहा कि आजादी के बाद से अब तक कांग्रेस नेतृत्व ने देश को जो कुछ दिया है उसका ही यह नतीजा है कि दुनिया के मानचित्र पर हमारा एक स्वतंत्र अस्तित्व कायम है। लोकतांत्रिक मूल्यों के साथ सामरिक, आर्थिक और सामाजिक तौर पर हमारे देश की जो पहचान बनी है उसमें कांग्रेस पार्टी के योगदान को कभी नजर अंदाज नहीं किया जा सकता। यह बड़े आश्चर्य की बात है कि अपनी तुच्छ राजनीतिक आकांशा वाले कुछ लोग कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व में देश की तरक्की पर सवाल उठाते रहते हैं। वैसे लोग इस बात को भूल जाते हैं कि कांग्रेस नेतृत्व को देश जिन विकट परिस्थितियों में सौंपा गया था उससे आगे की राह उतनी आसान नहीं थी। पीढ़ी दर पीढ़ी, कांग्रेस नेतृत्व ने बहुत ही आशावादी दृष्टिकोण के साथ उन चुनौतियों का समाना किया और एक मजबूत देश की बुनियाद तैयार की।
परिचर्चा को पूर्व मंत्री ललित भाटी ने संबाधित करते हुऐ कहा कि ‘‘आर्थिक बदहाली के कारण भारत की जनता में भयंकर असन्तोष है और सरकार जनता से एकदम कट सी गई ऐसे मे देष की जनता को आज भी यह आषा है कि ऐसी गंभीर चुनौतियों से देश को बाहर निकाल कर तरक्की की राह पर ले जाने का माद्दा अगर किसी पार्टी मे है तो वो कांग्रेस पार्टी और उसके कुशल नेतृत्व मे है। उन्होने कहा कि इतिहास गवाह है कि जब भी देश में गैर-कांग्रेसी सरकार रही, देश को कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ा। देश की अर्थव्यवस्था ऐसी चरमराई कि गैर कांग्रेसी सरकार को देश का सोना तक गिरवी रखना पड़ा। सामाजिक ताना-बाना बिखरने लगा और विघटनकारी शक्तियों को समाज के सदियों पुराने सौहार्द को बिगड़ने का मौका मिला।
पूर्व विधायक डा. गोपाल बाहेती ने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस सिर्फ एक राजनीतिक दल ही नहीं, बल्कि एक आंदोलन है जिसने विभिन्न विचारों, ज्ञान तथा व्यक्तियों को अपने में समाहित किया। इसने विभिन्न मतान्तरों को भी अपने साथ लिया तथा विभिन्नता में एकता को स्थापित किया। वर्षों इसने स्वतंत्रता संघर्ष को संपूर्णता में निदेषित तथा संचालित किया। स्वतंत्रता प्राप्ति के पष्चात भी इसका संघर्ष चलता रहा तथा यह अपने लक्ष्य में सफल भी हुई।
परिचर्चा को पूर्व मेयर कमल बाकोलिया ने संबोधित करते हुऐ कहा कि एक सार्वभौम लोकतांत्रित सरकार की स्थापना, धर्मनिरपेक्ष, समाजवाद जैसे उच्च विचार हमेषा कांग्रेस की नीतियों के केन्द्र में रहे। 1950 के नेहरू युग से लेकर इन्दिरा युग तथा राजीव गांधी के वैष्वीकरण से प्रभावित आधुनिकीकरण एवं सम्यक विकास तक कांग्रेस लगातार लोक कल्याण की नीतियों के केन्द्र में रही।
इस अवसर पर कैलाष झालीवाल, प्रमिला कौषिक, सुकेष कांकरिया, विजय नागौरा, अषोक बिंदल, आरिफ हूसैन, द्रोपदी कोली, सुनिल मोतियानी, हमीद चीता, अषोक शर्मा, ललित भटनागर, गुलाम मुस्तफा, बलराम शर्मा, बिपिन बैसिल, श्याम प्रजापति, मुजफर भारती, रवि शर्मा, सर्वेष पारिक, अंुकर त्यागी, नौरत गुर्जर, मनोज कंजर, मुख्तार अहमद नवाब, राजकुमार पाण्डया, प्रघुमन सिंह, सौरभ बजाड, तेजेन्द्र सिंह राठौड़, कमल वर्मा, छीतरमल टेपण, हरि सिंह गुर्जर, सुनील चैधरी, गंगा गुर्जर, महेष ओझा, प्रताप यादव, सुनील केन, अतुल माहेष्वरी, बाबर खान, अतुल अग्रवाल, हरिष मोतीयानी, मुनीम तंबोली, सोनल मोर्य, वैभव जैन, कीर्ति हाडा, चंदन सिंह, चन्द्रप्रकाष बोहरा, चन्द्रषेखर बालोटिया, सूनिल केन, वेद प्रकाष, सुमित मित्तल, षिवराज भडाणा, शमषुद्वीन, सुरेष गुर्जर, सुनील लारा, कमल गंगवाल, वैभव जैन, विकास अग्रवाल, हुमांयु, दीपक धानका, मनीष सेठी, कैलाष कोमल, विवेक पारषर, राजेन्द्र नरचल, दीनदयाल शर्मा, महेन्द्र जोघा, सुरेष अग्रवाल, अनील कषयप, अभिलाषा विषनोई, भरत घोलखेडिया, महेन्द्र धानका, अनुपम शर्मा, हरिप्रसाद जाटव, अषोक सुकरिया, उमेष शर्मा, गुरूबख्श सिंह, नरेष मुदगल, ज्योति सोनगरा, विषणु गोड़, प्रेम सिंह तंवर, मनोज भाटी, कमल कृपलानी, प्रदीप त्रिपाठी, बृजेष कहार, मुकेष सबलानिया, राजकुमार मेघवंषी, सोहनलाल सामरिया, नजरूद्दीन कुरैषी, नाथुलाल बावरी, हरिप्रसाद दिवाकर,भोरीलाल तुंगारिया, श्रवण चैधरी, लक्ष्मण गुर्जर, श्रवण गुर्जर , शौकत अली, बषीर मोहम्मद, राजकुमार तुल्सियानी, दिनेष के शर्मा, दिलीप यादव, जहीर कुरैषी, संगठन के पदाधिकारी, अग्रीम संगठन, ब्लाॅक, विभाग व प्रकोष्ठों, कांग्रेस पार्षदों सहित वरिष्ठ कांग्रेसजन सहित भारी संख्या में कांग्रेसजन उपस्थित थे।
