प्रधानमन्त्री के सन्देश को गरीब विरोधी बताया

प्रधानमन्त्री के सन्देश को गरीब विरोधी बताते हुए पी.एम. से माफ़ी मांगने, विवादित अंश हटाने की की अपील और नहीं हटाने पर विरोध की दी चेतावनी
pm-advertisementअजमेर 28/12/2016, कांग्रेसी के युवा नेताओं ने प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना के विज्ञापन जो भारत सरकार के औषध विभाग, रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय द्वारा प्रचारित व प्रसारित करवाए जा रहे हैं जिसमें भारत के प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी के वक्तव्य पर गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए इसे गरीबों की भावनाओं को आहात करने वाला बताते हुए तत्काल उक्त विवादित अंश को हटाने की मांग की है |
कांग्रेसी नेताओं ने जारी किये गये विज्ञापन में “गरीबों को सस्ती दवाई मिले, गरीबों को दवाई के बिना मरने की नौबत आए इसलिए पूरे देश में जन औषधि केन्द्रों का अभियान चलाया गया है — नरेन्द्र मोदी”| इस विज्ञापन में प्रधानमंत्री द्वारा जो सन्देश प्रसारित किया जा रहा है वह स्पष्ट रूप से गरीबों की भावनाओं को आहत करने वाला है, उनके सन्देश से ऐसा प्रतीत होता है कि देश के गरीबों को मरना ही मरना है | उक्त सन्देश में विज्ञापन के जरिये गरीबों को रोगों से बचाने की बात नहीं कह कर प्रधानमंत्री नें विवादित सन्देश दिया है कि गरीबों को जन औषधि केंद्र की दवाईयां लेकर मरना ही मरना है | ऐसे में कांग्रेसी नेताओं नें औषध विभाग भारत सरकार को पत्र लिखकर तत्काल प्रभाव से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के उक्त विवादित वक्तव्य व सन्देश को विज्ञापन से हटाये जाने की मांग की है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर गरीबों की भावनाए आहत करने के लिए दिए गये सन्देश के लिए “देश के गरीबों से सार्वजनिक माफ़ी मांगने की अपील नैतिकता व मानवीय आधार पर की है” और भविष्य में प्रधानमंत्री द्वारा जारी किये जाने वाले ऐसे वक्तव्य व सन्देश को प्राथमिक स्तर पर ही जाँच कर शब्दों को देख परख कर ही प्रकाशित व प्रसारित करवाने की गुहार की है ताकि देश की छवि खराब न हो और गरीबों की भावनाए आहत न हो चूँकि उन्हें भी देश में स्वाभिमान से जीने का हक़ व अधिकार है | कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने 15 दिवस में उक्त विवादित अंश विज्ञापन से नहीं हटाने पर प्रसारित किये गये विज्ञापन की प्रतियाँ जलाये जाने का भी ऐलान किया है | उक्त विवादित सन्देश का विरोध करने वालों व पत्र प्रेषित करने वालों में पूर्व लोक अभियोजक विवेक पाराशर, कांग्रेस विधि विभाग के महासचिव विकास अग्रवाल, राजीव गाँधी यूथ फेडरेशन के प्रदेश संयोजक कमल गंगवाल, राष्ट्रिय सोनिया गाँधी ब्रिगेड के राजकुमार गर्ग इत्यादि शामिल हैं |

विवेक पाराशर विकास अग्रवाल

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