अजमेर। सूफी संत खवाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह के ठीक सामने शुक्रवार की देर रात एक जायरीन महिला का सड़क पर ही प्रसव हो गया। महिला की गंभीर स्थति को देखते हुए यह प्रसव वहां से गुजर रही महिलाओं ने ही करवाया। महिला ने जुड़वां बच्चों को जन्म दिया है और दोनों ही बच्चे स्वस्थ्य हंै। यह अलग बात है कि इस वाकये ने अजमेर शहर में आपात स्थिति के समय 108 एम्बुलेंस की सजगता की पोल खोल कर रख दी। दरगाह के निजाम गेट के बाहर रात लगभग ग्यारह बजे प्रसव पीड़ा से चीखती महिला ने सभी को चौंका दिया। महिला की स्थति को देखते हुए वहा मौजूद लोगों ने 108 एम्बुलेंस को भी फोन किया मगर एम्बुलेंस के आने में हो रही देर और महिला की बिगड़ती स्थति को देखते हुए वहां मौजूद महिला जायरीन ने चद्दर की आड़ ले कर महिला के प्रसव का इंतजाम किया। अप्रशिक्षित महिलाओं के सहयोग से जायरीन महिला ने एक बालक को तो जन्म दे दिया लेकिन दूसरा बच्चा नहीं जन्मा। महिला दर्द से तड़पती रही। लगभग आधे घंटे बाद पहुंची 108 एम्बुलेंस में इस महिला को जनाना अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उस ने दूसरे बच्चे को जन्म दिया।