घुटना व कूल्हा प्रत्यारोपण का पसंदीदा केंद्र बना मित्तल हॉस्पिटल

दो सप्ताह में पांच पीड़ितों के हुए ऑपरेषन, मिली तकलीफ से निजात

Pt. Prashant (2)अजमेर 12 अप्रेल। पुष्कर रोड अजमेर स्थित मित्तल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, घुटने व कूल्हे प्रत्यारोपण का पसंदीदा केंद्र बन गया है। मित्तल हॉस्पिटल के अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ. दीपक जैन ने विगत दो सप्ताह में पांच पीड़ितों के घुटने व कूल्हे का प्रत्यारोपण कर उन्हें तकलीफ से निजात दिलाई है।
जानकारी के अनुसार डॉ. दीपक जैन ने ग्राम पोस्ट कूकरा भीम जिला राजसमंद निवासी 69 वर्षीय वृद्ध जीवन सिंह के कूल्हे का प्रत्यारोपण कर दर्द से आराम पहुंचाया है। पीड़ित जीवन सिंह के पुत्र महेन्द्र पाल सिंह ने बताया कि उनके पिता रिटायर्ड फौजी हैं। वृद्धावस्था में घर पर ही फिसल जाने से उनके कूल्हे में फ्रैक्चर हो गया था। स्थानीय स्तर पर कराए गए एक्स- रे में यह बात पकड़ में नहीं आ सकी। करीब एक माह बिस्तर पर ही बने रहने के बाद भी आराम के बजाय दर्द और पीड़ा बढ़ गई। आखिर अजमेर मित्तल हॉस्पिटल में डॉ. दीपक जैन को दिखाया गया है। उनके परामर्श पर मित्तल हॉस्पिटल में एक्स-रे कराया गया। जिसमें उनके कूल्हे में फैक्चर होने का पता चला। महेन्द्र ने बताया आज पिताजी को पूरा आराम है।
अलवर गेट निवासी 38 वर्षीय प्रशांत शर्मा का भी मित्तल हॉस्पिटल में कूल्हा प्रत्यारोपण किया गया। प्रशांत शर्मा को कूल्हे की हड्डी के खून का दौरा रुक जाने के कारण चलने-फिरने तक में पीड़ा भुगतनी पड़ रही थी। गत वर्ष प्रशांत शर्मा का एक तरफ का कूल्हा प्रत्यारोपण किया गया था। इस बार दूसरी साइड का कूल्हा प्रत्यारोपण सफलता से कर दिया गया। प्रशांत शर्मा ने बताया कि इस तकलीफ के कारण उसे चलने-फिरने, उठने-बैठने तक में काफी दर्द होता था। प्रशांत खुश है कि वह अब जल्द ही सामान्य रूप से जीवन जी सकेगा। इसी तरह फायसागर रोड शिव शक्तिनगर कॉलोनी निवासी 75 वर्षीय भगवान सिंह, पोखरना सदन, गली नंबर एक राम नगर निवासी 70 वर्षीय राजमल पोखरना, तथा गोवा कॉलोनी भजनगंज अजमेर निवासी 69 वर्षीय डेनिस डिसूजा के घुटनों का डॉ. दीपक जैन ने मित्तल हॉस्पिटल में प्रत्यारोपण किया।
डॉ दीपक जैन ने बताया कि मित्तल हॉस्पिटल में कूल्हे व घुटने के प्रत्यारोपण कराए जाने के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ा है। उन्होंने कहा कि मित्तल हॉस्पिटल के ऑपरेशन थियेटर में अत्याधुनिक उपकरण एवं साधन-सुविधाएं उपलब्ध होने के कारण कूल्हे व घुटने के प्रत्यारोपण अजमेर में ही संभव हैं पीड़ितों को अजमेर से बाहर का रुख करने की जरूरत नहीं होती। उन्होंने बताया कि कूल्हे व घुटने प्रत्यारोपण कराए जाने के बाद रोगी दो-तीन दिन बाद ही चलने- फिरने लगता है। डॉ जैन ने बताया कि वृद्धा अवस्था में जोड़ों की तकलीफ से राहत मिलने पर आत्मविश्वास बढ़ जाता है। बुर्जुग भयमुक्त होकर चल-फिर सकते हैं। सही मायने में ढलती उम्र भी बढ़ जाती है।
उल्लेखनीय है कि डॉ दीपक जैन ने हिन्दुजा हॉस्पिटल मुम्बई, यूएसए व जर्मनी से जोड़ प्रत्यारोपण सर्जरी में विशेषज्ञ प्रषिक्षण एवं दक्षता हांसिल की है। डॉ. जैन अब तक अनेक रोगियों के जोड़ प्रत्यारोपण कर चुके हैं।

सन्तोष गुप्ता
प्रबन्धक जनसम्पर्क/9116049809

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