अजमेर//अजमेर पोएट्स कलेक्टिव का एक छोटा सा सफ़र जो पांच लोगों ने देश की ऐतिहासिक नगरी अजमेर से शुरू किया, कब एक कारवां बन गया, पता नहीं चला। बस अजमेर पोएट्स कलेक्टिव से लोगों का जुड़ाव होता गया । तब हम फेसबुक जैसे मंच पर आए और हम पांच से पचास होकर आगे बढ़ते रहे ।काव्य गोष्ठियाँ और कवि सम्मलेन करवाते हुए कारवां जारी है। आप सबके प्यार और सहयोग से इसे बढ़ा रहे हैं साझा काव्य संग्रह “गुंचे” के द्वारा ।
अजमेर पोएट्स कलेक्टिव की शिवानी शर्मा ने बताया कि हमारी संस्था का उद्देश्य कविता एवं साहित्य के क्षेत्र में नयी युवा पीढ़ी को काव्य गोष्ठियाँ और कवि सम्मलेन के कार्यक्रमो में वरिष्ठ साहित्यकारो एवं कवियों के अनुभवों से युवा पीढ़ी को जागरूक कर अपनी काव्यात्मक शैली में दोहों शेर आदि के उदहारण से प्रशिक्षित एवं प्रेरित करना तथा समय समय पर इस तरह के आयोजन कर साहित्य के क्षेत्र में देश, विदेश में छुपी प्रतिभाओं को सामने लाना हैं । साझा काव्य संग्रह “गुंचे” इसी कड़ी का एक हिस्सा हैं ।
* आप सब से आग्रह करते हैं कि इस गुँचे की खुशबू बनकर साहित्यिक जगत को और महकाएँ।
* साझा काव्य संग्रह के इतिहास में संभवतः पहली पुस्तक जो कि सर्वश्रेष्ठ ग्लाॅसी पेपर और हार्ड बाॅड
में आएगी।
* हर एक रचनाकार की किसी भी विधा में लिखी रचना के लिए पाँच पृष्ठ और एक पृष्ठ परिचय के
लिए दिया जाएगा ।
* सहयोग राशि 2000 रु मात्र ।
* इस किताब में सीमित रचनाकारों को शामिल करने की योजना है।
* जयपुर में आयोजित भव्य कार्यक्रम में पुस्तक का विमोचन एवं रचनाकारों का सम्मान किया
जाएगा और पुस्तक की पाँच-पाँच प्रतियां भी प्रदान की जाएँगी ।
* अंतिम तिथि 30अप्रैल ।
* कृपया शीघ्रातिशीघ्र रचनाएँ apcgoonchebook@gmail.com पर
भेजकर इस खूबसूरत पुस्तक में अपनी सहभागिता सुनिश्चित करें।
