यहां यह समझ नहीं आता कि जब रजिस्ट्रेशन का काम शोरूम पर ही दे दिया गया है तब आरटीओ किस चीज के रिश्वत के पैसे मांगते हैं और क्यों मांगते हैं क्या ऐसा हो सकता है शोरूम मालिक खुद ही यह पैसा डीटीओ के नाम से रखकर हजम करते हो दोनों में से जो भी चीज है उसका पता लगाया जाना चाहिए और यह वाकई में एक बहुत गंभीर मामला है जिसकी जांच की जानी बहुत जरूरी है यदि डीटीओ रिश्वत ले रहे हैं तो भी बहुत गलत है और यदि डीटीओ के नाम पर ऑटो एजेंसी के मालिक इस रकम को रख रहे हैं तो ये बहुत बड़ा धोखा है , जब शिकायतकर्ता द्वारा डीटीओ महोदय को शिकायत दी तब उन्होंने कहा कि ये गलत है आर टी ओ कोई पैसा नही लेता ,उन्होंने बताया कि आजकल ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन होता है इसीलिए रिश्वत लेने का सवाल ही नही उठता , उन्होंने इस पर कार्यवाही करने का आस्वाशन भी दिया
वहाँ नंबर प्लेट के 75 की जगह 350 रुपए लिए जा रहे हैं जो कि सर्वथा गलत है सरकार द्वारा तय रकम 75 रुपये टू व्हीलर ओर 250 रुपये फोर व्हीलर का निर्धारित है परंतु ठेकेदार द्वारा 350 ओर 1250 रुपये लिए जाते है जिसका समर्थन ये शोरूम वाले भी कर रहे है इस पर इनके खिलाफ भी कार्यवाही होनी चाहिए
विनीत जैन
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