महेशचन्द्र शर्मा ने किया बालिका शिविर का अवलोकन

Mukesh Parnami (CJM)अजमेर 17 जून। पं. दीनदयाल उपाध्याय के दिखाये मार्ग पर चलने के लिए यह शिविर संदेश देता है।
भारतीय जनता पार्टी के अजमेर शहर जिला प्रभारी श्री महेशचन्द्र शर्मा ने शनिवार को चन्द्रवरदायी नगर स्थित आॅल सेंट गल्र्स स्कूल में चल रहे नौ दिवसीय पं. दीनदयाल उपाध्याय जन्म शताब्दी बालिका कौशल विकास शिविर का अवलोकन किया। उन्होंने कहां कि महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिता भदेल द्वारा आयोजित यह शिविर पं.दीनदयाल उपाध्याय के द्वारा दिखाये गये मार्ग को ही आगे बढाना है। पण्डित जी ने समस्त सामाजिक कार्यकर्ताओ को सेवा के लिए राजनीति में आने का आहवान किया था। शिविर के माध्यम से बालिकाएं प्रशिक्षित होकर स्वरोजगार आरंभ करेगी। इससे बालिकाएं जीवनभर जीविकोपार्जन करने के लिए सक्षम हो पाएगी। यह उस परिवार औेर समाज की सच्ची सेवा है।
उन्होंने कहां कि बालिकाओ के लिए यह शिविर केवल कौशल विकास तक ही सीमित नही है। इसे बालिकाओ का सर्वागीण विकास होगा। समाज में एक नई जाग्रति होगी। समाज को नई दिशा मिलेगी। यह शिविर राजनेताओ के लिए भी अनुकरणीय रहेगा। राजनेताओ द्वारा अपने क्षेत्र के विकास के लिए कई कार्य करवाए जाते है। क्षेत्रवासियो के जीवनस्तर में अपेक्षित सुधार उनके द्वारा आय के अतिरिक्त साधन प्राप्त करने से ही होगा। यह शिविर बालिकाओ को आयजनक गतिविधियो में शामिल होने का अवसर देता है।

दिनांक 17 जून 2017
बालिकाओ ने व्यक्त की संवेदना
अजमेर 17 जून। पं. दीनदयाल उपाध्याय जन्म शताब्दी बालिका कौशल विकास शिविर में शनिवार को बालिकाओ ने दो मिनट का मौन रखकर संवदेना प्रकट की।
शिविर प्रभारी एवं पूर्व विधायक श्री हरीश झामनानी ने बताया कि नगर निगम के पार्षद श्री अनिश मोयल के पुत्र के असामयिक निधन पर बालिकाओ ने दो मिनट का मौन रखकर संवेदना प्रकट की। शिविर में उपस्थित समस्त कार्यकर्ताओ ने श्री अनिश मोयल एवं उनके परिवार को इस असहनीय दुख को सहन करने शक्ति प्रदान करने तथा आत्मा की शान्ति के लिए परमात्मा से प्रार्थना की। बालिका शिविर में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों को स्थगित किया गया।

बने अपने अधिकारो के प्रति जागरुक
बालिकाओ को महिला अधिकारो के प्रति जागरुक रहने का दिया संदेश

अजमेर 17 जून। पं. दीनदयाल उपाध्याय जन्म शताब्दी बालिका कौशल विकास शिविर में शनिवार को बालिकाओ के लिए आयोजित विशेष सत्र में महिला अधिकारो के प्रति जागरुक रहने का संदेश दिया गया।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव श्री राकेश गोरा ने कहां कि प्राधिकरण के द्वारा महिलाओ एवं जरुरतमंद को निःशुल्क विधिक सहायता उपलब्ध कराई जाती है। यह सुविधा सरकार द्वारा प्रत्येक जिले में उपलब्ध करवाई गई है। प्राधिकरण का प्रयास रहता है कि न्याय से कोई व्यक्ति वंचित नही रहे। न्याय प्राप्ति के मार्ग में किसी प्रकार की बाधा नही आनी चाहिए।
उन्होंने कहां कि राजस्थान पीडित प्रतिकर योजनाके माध्यम से पीडित व्यक्ति को राहत प्रदान की जाती है। अपराध के द्वारा पीडित व्यक्ति के साथ न्याय होने की प्रकिया में कुछ समय लग सकता है। पीडित को तुरंत रहात प्रदान करने के लिए इस योजना के माध्यम से आर्थिक सहयोग उपलब्ध कराया जाता है। यह सहयोग अपराध की भयावहता के अनुसार पांच लाख तक हो सकता है।
वरिष्ठ सिविल न्यायाधीश एवं अतिरिक्त मुख्य न्यायाधीश श्री मुकेश परनामी ने कहां कि महिलाओ को कई तरिको से दबाया जाता है। इसलिए महिला अधिकारो की वकालत की जानी चाहिए। भारतीय सविधान द्वारा सभी को समानता का अधिकार प्रदान किया गया है। बाल विवाह, दहेज, अश्लील हरकते एवं घरेलु हिंसा जैसी असामाजिक गतिविधियां रोकी जानी आवश्यक है। महिला के द्वारा अपने अधिकारो के संबंध में जागरुक होने से इनसे बचा जा सकता है। सामान्य सी दिखने वाली हरकत को नजर अंदाज करने से भविष्य में बडा रुप ले सकती है।
महिला अधिकारिता विभाग जयपुर की सहायक निदेशक श्रीमती विनिता शर्मा ने महिलाओं एवं बालिकाओ के सुरक्षात्मक मुद्दो पर चर्चा की। उन्होंने कहां कि घरेलु हिंसा अधिनियम के अन्तर्गत बहु के साथ-साथ माॅ, बेटी और बहन को भी सुरुक्षा प्राप्त है। महिला शारीरिक, आर्थिक, लैंगिक, मौखिक एवं भावनात्मक हिंसा से बचाव के लिए इस अधिनियम का सहारा ले सकती है। महिला को डायन कहकर प्रताडित करना अपराध की श्रेणी में आता है। इससे बचने के लिए महिला कानूनी मदद प्राप्त कर सकती है।
उन्होंने कहां कि कौशल विकास शिविर में बालिकाएं कई सामग्री बनाना सीख रही है। इनके द्वारा घरो में वस्तुओ का उत्पादन किया जायेगा। महिला अधिकारिता विभाग द्वारा स्वयं सहायता समूह के रुप में उत्पादन ईकाई गठित की जाती है। इसके द्वारा उत्पादित सामग्री बेचने के लिए विभाग अमृता हाट के रुप में प्लेटफार्म उपलब्ध करवाता है। जिला, संभाग, राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर हाट लगाकर महिलाओ के द्वारा उत्पादित सामग्री को बेचा जाता है। इससे महिलाओ में आत्मनिर्भरता आई है।
इस अवसर पर महिला अधिकारिता विभाग की उपनिदेशक श्रीमती अनुपमा टेलर, कार्यक्रम अधिकारी नितेश यादव

शिविर के बारे में बालिकाओ के कथन
अजमेर 17 जून। पं. दीनदयाल उपाध्याय जन्म शताब्दी बालिका कौशल विकास शिविर में बालिकाएं वेस्ट मेटेरियल से बेस्ट प्रोडेक्ट बनाकर नया सृजन करने के साथ ही रोजगार के नए द्वार खोलने का प्रयास कर रही है। पर्यावरण की दृष्टि से अनुपयोगी सामग्री को नया रुप देकर उपयोग में लेने लायक बनाने की कला प्रशिक्षक श्री संजय कुमार सेठी के द्वारा सिखाई जा रही है। यह अजमेर की लोक कला संस्थान से जुडे हुए है। जिला उद्योग केन्द्र द्वारा इन्हें इस कला के लिए प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। इन्हें रंगोली और राजस्थानी माण्डना के क्षेत्र में भी लगभग बीस वर्षो का अनुभव है।
संजय नगर की रश्मि और वर्षा ने ग्लास बोटल पर थ्री डी आउट लाईनर बनाकर घर में बेकार पडी बोतल को सजावट की सामग्री के रुप में तब्दील कर दिया। इन्होंने यह कलाकारी शिविर के दौरान सीखी। इन्होंने इसके अलावा भी कई वस्तुए बनाई है।
अजयनगर की अनिता प्रकाश खत्री ने घर में बेकार पडे दीपक का उपयोग करते हुए साडी पिन जैसी छोटी सामग्रियो को रखने के लिए आकर्षक स्टेण्ड बनाया।

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