वन विभाग के विरोध में नेता और नागरिक उतरे

अजमेर। अंदरकोट इलाके में वन विभाग द्वारा सर्वे कार्य शुरू किये जाने के विरोध में उतरे स्थानीय निवासियों की समझाइश के बुधवार को एसडीएम निशु अग्निहोत्री और अतिरिक्त जिला कलेक्टर द्वितीय गजेन्द्र सिंह ने प्रयास किये। प्रशासनिक अधिकारियों के सामने स्थानीय नगरिकों ने इलाके की भूमि को आबादी करार देते हुए कुछ दस्तावेज पेश करने के साथ ही चेतावनी दी कि यदि वन विभाग ने आबादी को उजाडऩे का काम किया तो जन आन्दोलन किया जाएगा। वन विभाग दावा कर रहा है की अंदरकोट इलाके की भूमि पर उस का अधिकार है। इस दावे के समर्थन में ही वन विभाग ने इस इलाके में सर्वे का काम शुरू किया था, जिसे स्थानीय निवासियों के विरोध के बाद रोकना पड़ा। बुधवार को स्थानीय निवासियों और प्रशासनिक अधिकारियों के मध्य हुई वार्ता में पंचायत अंदरकोटियान और कांग्रेस प्रदेश सचिव ललित भाटी ने स्थानीय निवासियों का पक्ष रखते हुए कुछ दस्तावेज पेश किये और बताया की इस जमीं पर सदियों से उनके पुरखों के कब्रिस्तान बने हुए हैं और यह भूमि उन्हें बादशाहों ने जीवनयापन करने के लिए दान दी थी। पंचायत ने अधिकारियों को चेतावनी दी है की यदि वन विभाग ने अंदरकोट इलाके की भूमि पर कब्जे की कार्यवाही की गई तो उसका पुरजोर विरोध किया जाएगा। इस बैठक में प्रशासनिक अधिकारियों ने लोगों को आश्वस्त करने का प्रयास किया की सर्वे की कार्यवाही के बाद वहां बस चुके लोगों के घर नहीं तोड़े जायेंगे।
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