सुकून के पल गौ माता के साथ

bvp1234भारत विकास परिषद के स्थापना सप्ताह के चौथे दिन सुकून के पल गौ माता के साथ आयोजित किया गया।ऋषि उद्यान में आयोजित इस कार्यकम में गौ सेवा के साथ साथ विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया।आचार्य कर्मवीर ने परिषद के सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि वैदिक संस्कृति के इस देश में सदियों से गाय के उत्पादों का प्रयोग होता आया है। उन्होंने इस बात को दुर्भाग्यपूर्ण बताया कि हमारे देश मे गीर नस्ल की असली गाएं लुप्त होती जा रही हैं। उन्होंने कहा कि अब वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी यह साबित हो गया है कि गौ मूत्र में स्वर्ण के साथ साथ कई आवश्यक खनिज तत्व पाए जाते हैं जिस्के सेवन से कई असाध्य रोग दूर हो जाते हैं। ब्राजील सहित कई विकसित देशों में भारत की देशी गायों की सर्वाधिक मांग है। उन्होंने वैदिक संस्कृति को अपनाने पर बल दिया। उन्होंने यज्ञ की महिमा के बारे में विस्तार से बताया।समन्वय वी. के. सोनी ने स्वागत उदबोधन दिया तथा अतिथियों का स्वागत किया। सोमरत्न आर्य ने आभार व्यक्त किया। इससे पूर्व परिषद के सदस्यों ने गीर नस्ल की गायों को गुड़ और हरा चारा खिलाकर पुण्य अर्जित किया। इस अवसर पर राधेश्याम अग्रवाल, डॉ सुरेश गाबा, पुष्पा अग्रवाल, ओमवती पारीक, श्याम सुंदर अग्रवाल, जीत मल चौहान, डॉ कमला गोखरू, अनिल शर्मा, सुरेश गोयल,विजया गुप्ता, अर्पिता गोयल, विनोद कपूर, शिशिर पाठक, सविता अग्रवाल, सत्येंद्र आचार्य,वी. के. पाठक सहित कई सदस्य उपस्थित थे।

दिलीप पारीक
9414258895

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