दस बेटे मिलकर भी मां-बाप का बुढ़ापा क्यों नहीं निकाल पाते है

मुनिश्री ने आदिनाथ मंदिर निर्माण पर दिया जोर
DSC05908मदनगंज-किशनगढ़। मुनि पुंगव 108 सुधासागर जी महाराज ने कहा कि जंवाई जब ससुराल में जाता है तो कुछ लोग अपने आप को अमीर मानकर सासू के दिए 100-500 रूपए लेने से मना कर देते है। उनको लगता है कि इनकी मुझे क्या जरूरत है। मेरे पास क्या कमी है। ऐसा कभी न करना अगर किया तो समझो आपके बूरे दिन आने वाले है। सासू आपको गरीब मानकर रूपए नहीं देती है। ये तो सास जंवाई का एक व्यवहार है एक शगुन है। इसे गरीबी अमीरी से मत आको। ये बात मुनिश्री ने आर.के. कम्यूनिटी सेन्टर में चल रहे प्रवचन के दौरान कही। उन्होंने कहा कि कुछ लोग आजकल शादी में भी लिफाफा लेने के लिए भी मना करने लगे है। ऐसा मत करों वरना मिट जाओगे। लिफाफे में नोट नहीं ये तो अपके प्रति श्रद्धा का सम्मान है। जिसे आप ठुकराओं मत। मुनिश्री ने कहा कि मां बाप दस बेटों का भी पालन पोषण कर लेते है। कर्जा लेना भी पड़े तो कर्जा लेकर उनको पढ़ाते है, उनका व्यापार कराते है, उनकी शादी ब्याह कराते है। किन्तु ये ही दस बेटे मिलकर मां-बाप का बुढ़ापा नहीं निकाल पाते है। उनको बुढ़े मां-बाप का खर्चा आंखो में चूभने लगता है।
मुनिश्री ने अपने प्रवचन के दौरान आज शीघ्र ही श्री आदिनाथ मंदिर जी के निर्माण कार्य को शुरू करने पर जोर देते हुए कहा कि आदिनाथ भगवान की कृपा से किशनगढ़ में कितने ही मकान बन गए। पहले कितने थे अब कितने बन गए, पहले कैसे थे अब कैसे हो गए, झोपड़ी से महल बन गए। किन्तु 1 साल से ज्यादा हो गया अब तक मंदिर क्यों नहीं बना। उन्होंने कहा कि एक एक व्यक्ति से मिलकर समाज बनता है। जब तक ऐसा भाव नहीं आएगा कि ये मंदिर मेरा है, मेरे आदिनाथ भगवान है। तब तक मंदिर नहीं बन पाएगा। हम कहते है ये मेरी पत्नि है, मेरा पिताजी है, मेरे बेटे है तो फिर मंदिर की बारी आती है तो ये समाज का कैसे हो जाता है। अगर आप ये मेरा मंदिर है के भाव भी ले आए तो मुझे पता है यहां पैसों की कोई कमी नहीं है। सिर्फ भाव बनाना है मंदिर स्वत: ही बन जाएगा।
श्री आदिनाथ दिगम्बर जैन पंचायत के प्रचार प्रसार मंत्री विकास छाबड़ा ने बताया कि चित्र अनावरण, दीप प्रज्ज्वलन और पाद प्रक्षालन का सौभाग्य इरासमिक मार्बल मकराना के संदीपकुमार शशांक कुमार प्रतीक कुमार अपार मनन गोधा परिवार वालों को मिला।
इस अवसर पर निहालचंद पहाडिय़ा, प्रकाश गंगवाल, सम्पतकुमार दगड़ा, निरंजन बैद, नौरतमल पाटनी, एम.के. जैन, अतुल लुहाडिय़ा, विजय काला, महेन्द्र पाटनी, प्राणेश बज, मिलापचंद जैन, अशोक पाटनी, मांगीलाल झांझरी, कैलाशचंद पाटनी, विद्याकुमार जैन, सुशिल गंगवाल, अशोक पापल्या, हेमन्त झांझरी, आदि समाज के लोग उपस्थित थे।
मुनिश्री ने किया मुक्तिधाम का अवलोकन
मुनि सुधासागर महाराज व निष्कंपसागर जी महाराज ने आज भारत विकास परिषद् के अल्प निवेदन पर प्रात: 6बजे मुक्तिधाम परिसर का अवलोकन किया। मुनिश्री मुक्तिधाम की सुन्दर व्यवस्थाओं को देख आर.के. मार्बल परिवार व भारत विकास परिषद् की भूरि-भूरि प्रशंसा की और मंगल आशिर्वाद दिया। इस मौके पर जुगल राठी, राजकुमार कासट, मनोज कामदार, प्रशांत पहाडिय़ा, योगेश पाटनी, महेन्द्र गंगवाल आदि लोग मौजूद थे।

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