एस.सी., एस.टी. के वैधानिक विकास प्राधिकरण का विधेयक बनाने के लिये जनजागरण
अजमेर 16 जुलाई। एस.सी./एस.टी. रिसर्च एण्ड डवलपमेंट फोरम अजमेर ईकाई द्वारा एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन स्वामी कॉम्पलेैक्स अजमेर में किया गया। जिसका विषय अनुसूचित जाति व जनजाति के लिये विशेष घटक योजना (स्पेशल कम्पोनेंट प्रोग्राम) तथा जनजातीय उपयोजना (ट्राईबल सब प्लान) के लिये राष्ट्रीय एवं राज्य विधानसभाओं द्वारा एस.सी., एस.टी. के लिये विधेयक बनाने के लिये जनजागरण व इस विधेयक के प्रावधानों पर चर्चा की गयी तथा समाज के शैक्षिक, आर्थिक एवं सामाजिक सशक्तिकरण के प्रभावी क्रियान्वयन पर चार सत्रों में चर्चा की गयी।
उदघाटन सत्र में डॉ. संतोषानन्द मुख्य वक्ता रहे जिन्होने राष्ट्रीय अनुसुचित जाति योजना/अनुसूचित जनजाति उपयोजना परिषद के संदर्भ में अनुसूचित जाति और जनजाति के अधिकारियों का बोध कराया और भारतीय समाज के मूल एवं संवैधानिक व्यवस्थाओं की जानकारी दी। समाज में दलित उत्थान हेतु एस.सी. एस.टी. रिसर्च डवलपमेंट फार्म कार्य करता है।
अन्य वक्ताओं में डॉ. पी.आर. राठी ने अपने वक्तव्य में बताया कि एस.सी. एस.टी. के कमजोर वर्गो को मुख्य धारा में लाने हेतु प्रबल विचार प्रस्तुत किया तथा बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर के मूल मंत्र शिक्षित रहो, संगठित रहो तथा संघर्षशील रहने, मूल मंत्रों में जीवन में धारण करने हेतु प्रेरित किया। श्री मुकेश गोयर ने एस.सी. एस.टी. हेतु न्याय, स्वावलम्बन तथा सम्मान आदि विषयों पर वक्तव्य प्रस्तुत करते हुए कहा कि एस.सी. एस.टी. के लिये विधेयक बनाया जाना चाहिये। सामाजिक स्वावलम्बन प्राप्त हेतु शिक्षा पर जोर दिया। सत्र में श्रीमान् टेपण ने कहा कि पूर्वकाल में दलित समाज के संघर्षशील जीवन पर प्रकाश डाला तथा वर्तमान समय में भी दलित समाज जो संघर्षशील जीवन व्यतीत कर रहा है, उस पर सउदाहरण अपने व्यक्तय प्रस्तुत किया। जिसके तहत मूलतः धारा 166 व आई.पी.सी. में संशोधन किया जाना चाहिये तथा साथ ही धारा 04 में भी दलित उत्थान हेतु संशोधन होना चाहिये।
श्री गोपालदास जी (पूर्व आर.ए.एस. अधिकारी) ने अपने वक्तव्य में कहा कि जो दलित वर्ग में सम्बन्धित लाभ ले चुकी समुह वर्तमान समय में अपने समाज को किस प्रकार लाभ प्रदान करे ताकि समाज का अंतिम व्यक्ति (अंतोदय) तक उसका लाभ पहुंच सके। आपने अपने वक्तव्य में वर्तमान समय में भुवाना काण्ड, अजसर काण्ड तथा गनेरी काण्ड के समसमयिक आंकड़ों को प्रस्तुत किया। मुलतः आपने दलित वर्ग के भूमि सम्बन्धित मुद्दों व मुकदमों पर प्रकाश डाला जो कि वर्तमान समय में दलितों पर हो रहे शोषण को प्रस्तुत करते है। साथ ही आपने दलित समाज में पनप रहे ब्रह्माणवाद को (दलित द्वारा दलितों का शोषण) पर भी चिंता व्यक्त की।
खुले सत्र में न्याय, सम्मान, स्वावलम्बन एवं स्वाभिमान विषय पर समाज के प्रभुत्व वक्ताओं ने अपने अपने विचार प्रस्तुत किये जिसमें शिक्षित समाज के उत्थान भविष्य में आने वाले अधिनियम का सही रूप क्रियान्वयन, भविष्य की पीढ़ी के उत्थान हेतु लाभ, आरक्षण सम्बंधी फेरबदल व रोजगारोन्मुखी नीति निर्माण को पूर्ण करने हेतु प्रयासरत रहने पर जोर दिया।
समारोह सत्र में शिक्षाविद श्री हनुमान सिंह जी राठौड़ ने सभी व्याख्यानों को समग्र करते हुए कहा कि समाज में जो नया एक्ट लागू होने जा रहा है, उसके क्रियान्वयन की सही-सही नीति को सुनिश्चित करना होगा, इस हेतु हमें संगठित होना हो तथा जिन वर्गो को इन लाभों की अत्यंत आवश्यकता है, प्रथम रूप से अधिकारी के वर्ग ही बने साथ ही आपने संगठित/समरसता व अपने अधिकारों के प्रति जागरूक समाज को आधारित किया कि वे राष्ट्र निर्माण हेतु जो नया मंच बना है उस पर हृदय से प्रकाशित है। डायरेक्टर सांख्यिकी विभाग श्री ओ.पी. बेरवा जी ने कहा कि एक्ट के प्रारूप पर विस्तार से जानकारी दी।
कार्यक्रम के प्रारम्भ में भारत माता व डॉ. भीमराव अम्बेडकर जी के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्ज्वलित किया गया। मंच संचालन डॉ. मनोज कुमार बहरवाल ने किया व धन्यवाद राजस्थान कौर गुरू के सदस्य खाजुलाल चौहान ने किया। इस कार्यशाला में एस.सी. एस.टी. वर्ग के लगभग 98 अधिकारी व विभिन्न सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
डॉ. मनोज कुमार बहरवाल
संयोजक
मो.9414785558