शादी में बेटी को महापुराण के साथ विदा करो व बहु से दहेज में महापुराण मांगो

गाजे बाजे के साथ पाकली में निकली श्रीजी की शोभायात्रा
IMG-20170721-WA0005मदनगंज-किशनगढ़। मुनि पुंगव 108 सुधासागर जी महाराज ने कहा कि साधू संतो को अब मंदिरों पर उपदेश देने, मंदिरों को सुधारने की जरूरत ज्यादा नहीं है, अब जरूरत है घरों को सुधारने की। अब प्रवचन पूजन की थाली कैसी हो से ज्यादा जरूरी यह है कि भोजन की थाली कैसी हो पर होना चाहिए। ये बात मुनिश्री ने आर.के. कम्यूनिटी सेन्टर में चल रहे प्रवचन के दौरान कही। उन्होंने कहा कि अब जरूरत घर की युवा पीढि़ को सुधारने की है। क्योंकि कुल पर कलंक का खतरा किसी बूढ्ढे से नहीं बेटे से होगा। कुल पर कलंक बहु से नहीं घर की बेटी से लग सकता है। इसलिए अब धर्म नहीं पहले घर को सुधारना है। मुनिश्री ने कहा कि जो बेटा अपने बाप को गालियां देता है, उन पर हाथ उठा लेता है, पानी नहीं पिलाता है दुव्र्यवहार करता है और भगवान के साथ सद्व्यवहार करता है तो ऐसा व्यक्ति धर्म करने का अधिकारी नहीं है। अब जरूरत है पिता पुराण पढऩे की क्योंकि जिसने यह पढ़ ली वो पक्का है नरक में तो नहीं जाएगा। मुनिश्री ने कहा कि आज हमारा खाना-पीना अभक्ष हो रहा है। पहले जैनी की इमेज थी कि जैनी रात्रि भोजन नहीं करता है, जैनी आलू-प्याज नहीं खाता है, शराब नहीं पीता है, मांस-मदीरा नहीं खाता है। क्या आज हमने वो इमेज बनाई हुई है ï? उन्होंने महिलाओं से कहा कि क्या तुम लाख की चुढिय़ा तो नहीं पहन रही हो, जिस 1 किलो लाख बनाने के लिए 3 लाख जीवों को मारा जाता हैï? पुरूष जूते चमड़े के तो नहीं पहन रहे है, क्या तुम चर्बी से बनी साबुन तो काम में नहीं ले रहे हो। चर्बी की साबुन से नहा कर तुम शुद्ध नहीं हो सकते हो, ऐसे में भगवान के अभिषेक किए तो तुम मंदिर की प्रतिष्ठा भी खो दोगे।
मुनिश्री ने कहा कि बेटी की शादी करों तो उसको महापुराण देकर विदा करो और उसको यह सीख देकर भेजो कि इसके अनुसार जिंदगी गुजारो। जब अपने बेटे की शादी करो तो दहेज में मांगो कि बहु को महापुराण जरूर देना। अगर बहु साथ में महापुराण लेकर आई तो वो कभी कुल को कलंकति नहीं करेगी। कुल जयवंत हो जाएगा। तीन पीढ़ी सुधर जाएगी।
ये रहे श्रावक श्रेष्ठी
श्री आदिनाथ दिगम्बर जैन पंचायत के प्रचार प्रसार मंत्री विकास छाबड़ा ने बताया कि कम्यूनिटी हॉल के चैताल्य में प्रतिमा जी विराजमान करने का सौभाग्य कंवरलाल महावीर प्रसाद अशोक कुमार सुरेश कुमार विमल कुमार पाटनी आर.के मार्बल परिवार, अशोक गंगवाल झिरोता वाले, भागचंद प्रदीप कुमार राजेन्द्र चौधरी, ताराचंद प्रवीणकुमार संजय कुमार राजीव गंगवाल तिलक मार्बल परिवार व संजय कुमार अरूण कुमार जैन अजमेर वालों को मिला। वहीं शांतिधारा के पुण्र्याजक आर.के. मार्बल परिवार, हेमंतकुमार सुनील कुमार छाबड़ा, राजेन्द्र कुमार नवीन कुमार पाटनी, गणेशीमल लोकेश कुमार झांझरी व संजय कुमार अंतिमा झांझरी परिजन रहे। वेदी का निर्माण राजीव गंगवाल तिलक मार्बल द्वारा किया गया।
श्रीजी की निकली शोभायात्रा
शुक्रवार को प्रात: 6 बजे से आर.के कम्यूनिटी में श्रीजी विराजमान करने के लिए श्री मुनिसुव्रतनाथ मंदिर जी से गाजे बाजे के साथ श्रीजी को पालकी में विराजमान कर शोभायात्रा निकली। इसके पश्चात् शोभायात्रा श्री आदिनाथ मंदिर जी पहुंची। जहां से भी श्रीजी को लेकर शोभायात्रा कम्यूनिटी सेन्टर तक पहुंची। कम्यूनिटी हॉल में श्रीजी की शांतिधारा करने के बाद नवनिर्मित वेदी जी में श्रीजी को विराजमान कराया गया।

error: Content is protected !!